-योजना के तहत 0-2 साल तक के कन्या शिशुओं को 3000 रूपये देने का है प्रावधान
मोतिहारी। एसके पांडेय
मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का क्रियान्वयन अब समाज कल्याण विभाग के अधीन आईसीडीएस द्वारा किया जा रहा है. योजना के तहत 0 से 2 साल तक के प्रथम क्रम के दो कन्या संतानों को 3000 रुपये तक की प्रोत्साहान राशि प्रदान की जा रही है. वित्तीय वर्ष 2022-23 यानी अप्रैल 2022 से 3 जनवरी 2023 तक राज्य में 2 लाख 14 हजार 497 लाभुकों को योजना के तहत प्रोत्साहन राशि मिली है. जिसमें इस अवधि के दौरान कुल 41 करोड़ 48 लाख 24 हजार रूपये लाभुकों के खाते में दिए गए हैं.
वित्तीय वर्ष 2022-23 में योजनांतर्गत पूर्वी चंपारण जिले में अभी तक कुल 5563 पंजीकृत लाभार्थी हैं।
आईसीडीएस के निदेशक डॉ. कौशल किशोर ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का उद्देश्य कन्या के जन्म को प्रोत्साहित करना एवं कन्या भ्रूण हत्या को रोकना है. योजना की सहायता से लिंग अनुपात में वृद्धि लाना एवं बालिका शिशु मृत्यु दर कम करने की भी है. उन्होंने कहा कि बाल विवाह पर अंकुश लगाने एवं बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने में भी योजना महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है. योजना का बृहद उद्देश्य बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाकर समाज के मुख्यधारा में लाना है, ताकि महिला सशक्तिकरण की राह को आसान बनाया जा सके.
प्रथम दो कन्या शिशुओं को योजना का लाभ
कन्या उत्थान योजना के स्टेट नोडल पदाधिकारी अनीता चौधरी ने बताया कि इस योजना का लाभ परिवार की केवल दो प्रथम क्रम की कन्या संतानों को ही दिया जाता है. इसके लिए लाभुक को बिहार का निवासी होना जरुरी है. उन्होंने बताया कि योजना के तहत दो किश्तों में 3000 रूपये लाभुक को देने का प्रावधान है. पहली किश्त के रूप में 2000 माता-पिता या अभिभावक के बैंक खाते में भेजे जाते हैं जब कन्या का पंजीकरण 0 से 1 साल तक किया जाता है. वहीं, दूसरा किश्त के रूप में 1000 रूपये तब दिए जाते हैं जब 1 से 2 वर्ष की कन्या शिशु का आधार पंजीकरण एवं जन्म निबंधन का कार्य पूरा हो जाता है.
घर बैठे ई-कल्याण पोर्टल के जरिए लाभार्थी कर सकते हैं आवेदन
योग्य लाभुक के माता-पिता अब ई-कल्याण पोर्टल (मांसलंद.इपी.दपब.पद) की सहायता से घर बैठे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. महिला पर्यवेक्षिका द्वारा ऑनलाइन आवेदनों का भौतिक सत्यापन कर ई-कल्याण पोर्टल पर अप्रूवल किया जाएगा. बाल विकास परियोजना पदाधिकारी इस हेतु स्वीकृति पदाधिकारी होंगे. महिला पर्यवेक्षिका द्वारा स्वीकृत आवेदनों को बाल परियोजना द्वारा ई-कल्याण पोर्टल पर अनुमोदन किया जाएगा.
प्रथम दो कन्या शिशुओं को योजना का लाभ:
कन्या उत्थान योजना के स्टेट नोडल पदाधिकारी अनीता चौधरी ने बताया कि इस योजना का लाभ परिवार की केवल दो प्रथम क्रम की कन्या संतानों को ही दिया जाता है. इसके लिए लाभुक को बिहार का निवासी होना जरुरी है. उन्होंने बताया कि योजना के तहत दो किश्तों में 3000 रूपये लाभुक को देने का प्रावधान है. पहले किश्त के रूप में 2000 रूपये माता-पिता या अभिभावक के बैंक खाते में भेजे जाते हैं जब कन्या का पंजीकरण 0 से 1 साल तक किया जाता है. वहीं, दूसरा किश्त के रूप में 1000 रूपये तब दिए जाते हैं जब 1 से 2 वर्ष की कन्या शिशु का आधार पंजीकरण एवं जन्म निबंधन का कार्य पूरा हो जाता है.
घर बैठे ई-कल्याण पोर्टल के जरिए लाभार्थी कर सकते हैं आवेदन:
योग्य लाभुक के माता-पिता अब ई-कल्याण पोर्टल (ekalyan.bih.nic.in) की सहायता से घर बैठे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. महिला पर्यवेक्षिका द्वारा ऑनलाइन आवेदनों का भौतिक सत्यापन कर ई-कल्याण पोर्टल पर अप्रूवल किया जाएगा. बाल विकास परियोजना पदाधिकारी इस हेतु स्वीकृति पदाधिकारी होंगे. महिला पर्यवेक्षिका द्वारा स्वीकृत आवेदनों को बाल परियोजना द्वारा ई-कल्याण पोर्टल पर अनुमोदन किया जाएगा.