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बैलों की घंटियां व ट्रैक्टरों के शोर से गुलजार हुआ सुगौली चीनी मिल का प्रांगण, गन्ना पेराई सत्र शुरू

मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
एचपीसीएल बायोफ्यूल्स लिमिटेड इकाई सुगौली में गन्ना पेराई सत्र 2024-25 का शुभारंभ हो चुका है। किसानों द्वारा अगेती प्रजाति के खूंटी गन्ने की कटाई कर चीनी मिल में आपूर्ति की जा रही है।
एचपीसीएल बायोफ्यूल्स लिमिटेड इकाई सुगौली पूर्वी चम्पारण जिले की इकलौती कार्यरत चीनी मिल है, जो 2011से लगातार चलते हुए किसानों के लिए एक वरदान के रूप में अपनी पहचान बना रही है। हजारों किसान परिवार, कृषि मजदूर एवं कर्मचारियों की आय का स्रोत बन गई है। ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थ व्यवस्था में उतरोतर प्रगति के साथ साथ राष्ट्रीय आय में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
पेराई सत्र 2020 21 में यह कारखाना केवल 65 दिन ही चल पाई थी जो लगातार बढ़ रही है। 2021 22 में 81 दिन चली थी जो बढ़कर 2022 23 में 110 दिन हुई। विगत पेराई सत्र 2023 24 में कारखाने का पेराई काल 132 दिनों का रहा जो इस वर्ष बढ़कर लगभग 150 दिनों का होने का अनुमान है।
वहीं अगर गन्ने की पेराई की मात्रा की बात करें तो पेराई सत्र 2020 21 में 19 लाख कुंटल, 2021 22 में 23 लाख कुंटल, 2022 23 में 40 लाख कुंटल एवं विगत वर्ष 2023 24 में 41 लाख कुंटल गन्ने की पेराई हुई है जो लगातार बढ़ते क्रम में है। इसी क्रम में इस वर्ष लगभग 50 लाख कुंटल गन्ना पेराई का लक्ष्य रखा गया है, जो लगभग 150 दिनों में पूरा किया जाएगा।
कारखाने के महाप्रबंधक विजय कुमार दीक्षित के प्रबंधकीय कुशलता से कारखाने में समय से मरम्मत कार्य पूर्ण किया जाता है तथा पेराई सत्र के दौरान ब्रेक डाउन नगण्य की जाती है। सालों भर किसानों के साथ कर्मचारियों की मेलजोल से गन्ना फसल का रकवा और उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। सही तौल और समय पर गन्ना मूल्य भुगतान होने से किसानों का मन भी गन्ना की उन्नत खेती करने में खूब लग रहा है।
बिहार सरकार गन्ना उद्योग विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में मुख्यमंत्री गन्ना विकास योजना का शत प्रतिशत अनुपालन कराया जा रहा है। इसमें किसानों को गन्ना की वैज्ञानिक खेती करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। दूसरे राज्यों में किसानों को भेजकर गन्ना की उन्नत खेती की जानकारी दी जा रही है। कीटनाशक दवाओं पर अनुदान दिया जा रहा है। उन्नत बीज पौधशाला से बीज खरीद करने पर क्रेता और विक्रेता दोनों को अनुदान मिल रहा है।
कुल मिलाकर कह सकते हैं कि सुगौली चीनी मिल की पहचान किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रही है।

 

 

 

 

 

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