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बिहार राज्य ईंख उत्पादक संघ का राज्य सम्मेलन संपन्न, केन्द्र सरकार पर लगे ये आरोप

मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
बिहार राज्य ईंख उत्पादक संघ का राज्य सम्मेलन 9 जुलाई को मदन मोहन यादव नगर , एस एच आईटीआई बलुआ मोतिहारी में अखिल भारतीय गन्ना किसान महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव का. नन्द किशोर शुक्ला द्वारा झंडोत्तोलन से प्रारम्भ हुआ । शुक्ला द्वारा शहीद वेदी पर माल्यार्पण के बाद का. रामाश्रय सिंह, राजेन्द्र प्रसाद सिंह , रामलखन यादव , जटाशंकर सिंह तथा विश्वनाथ बुंदेला की अध्यक्ष मण्डल ने सम्मेलन का संचालन किया । शोक प्रस्ताव प्रभुराज नारायण राव ने दिया ।
इस सम्मेलन का विधिवत उदघाटन करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव तथा संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता बीजू कृष्णन ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है । वर्ष 2023 , 24 के लिए एफआरपी 10 रुपए प्रति क्विंटल देकर उसे प्रमाणित भी कर दिया है ।
उन्होंने कहा कि पिछले 5 साल में गन्ने के दर में 275 रुपए से 315 रुपए यानी 40 रुपए वृद्धि हुई है। वह भी 10.25ः की चीनी को रिकवरी पर । जबकि स्वामीनाथन कमीशन के अनुशंसा के आधार पर सी 2 $50ः के दर से 500 रुपए प्रति क्विंटल होना चाहिए । वह भी 9.5 प्रतिशत चीनी को रिकवरी पर । अखिल भारतीय गन्ना किसान महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव नंदकिशोर शुक्ला ने कहा कि सी ए सी पी स्पष्ट तौर पर इशारा करता है कि एक ऐसी परिस्थिति आ सकती है , जब राजस्व बटवारे के फार्मूले के तहत किसानों को अदा किए जाने वाला गन्ने का मूल्य चीनी तथा सह उत्पादों के मूल्य कम होगे के कारण एफ आर पी देने की स्थिति न हो। ऐसी स्थिति में मूल्य स्थायित्व कोष किए जानें की सिफारिश की है । जो एक स्व वित्तपोषित तरीका होगा । जिससे चीनी की मूल्य में कमी होने के कारण आर एस एफ व एफ आर पी के बीच के अंतर का भुगतान किया जाएगा । यह साफ तौर पर केंद्र सरकार का अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झड़ना है और मौजूदा बटवारे के फार्मूले में निहित खतरे की ओर भी ध्यान दिलाता है ।
अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि 1966 शुगर कंट्रोल ऑर्डर के अनुसार 14 दिन के गन्ना का भुगतान करना है । अन्यथा किसानों ब्याज सहित भुगतान चीनी मिल करें ।
बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव विनोद कुमार ने अपने समापन भाषण में कहा कि केंद्र की किसान विरोधी मोदी सरकार के खिलाफ तथा बिहार सरकार द्वारा इथनौल प्लांट नहीं लगाने के लिए एकजुट संघर्ष करेंगे । उन्होंने कहा कि बिहार में 29 चीनी मिल है । जिसमें से 9 मिलें चल रही है। बाकी बंद पड़े हुए हैं । यह सम्मेलन बिहार सरकार से मांग करता है कि सभी चीनी मिलों को चालू कर लाखों बेरोजगारों को रोजगार की व्यवस्था तथा किसानों को नकदी फसल गन्ना से लाभ का रास्ता प्रशस्त करे ।
बिहार राज्य ईंख उत्पादक संघ के महासचिव प्रभुराज नारायण राव ने अपना प्रतिवेदन पेश किया । जिस पर 11 जिलों के प्रतिनिधियों ने बहस में भाग लिया ।
सम्मेलन ने 31 सदस्यीय नई राज्य कमिटी का गठन किया । जिसके संरक्षक रामाश्रय सिंह , अध्यक्ष राजमंगल प्रसाद तथा महासचिव प्रभुराज नारायण राव सर्व सम्मति से निर्वाचित हुए । सम्मेलन ने रामलखन प्रसाद यादव , जटाशंकर सिंह , अजय यादव , विश्वनाथ बुंदेला को उपाध्यक्ष , सोनेलाल प्रसाद , म. वहीद , धनंजय पूरी , सत्यनारायण सिंह को संयुक्त सचिव तथा अरुण कुमार को कोषाध्यक्ष चुना ।
केंद्र सरकार द्वारा गन्ना किसानों के लिए 2023,24 के लिए 10 रुपए एफ आर पी की घोषणा का सम्मेलन ने कड़ा विरोध करते हुए 20 जुलाई को बिहार के सभी चीनी मिलों , सरकारी संस्थाओं या कलक्टर के समक्ष प्रदर्शन या धरना करने का प्रस्ताव लिया ।
आये प्रतिनिधियों का स्वागत सत्येन्द्र कुमार मिश्रा, अशोक पाठक, हरेन्द्र सिंह, विपिन दुबे, संतोष कुमार, मुकेश कुमार, ध्रुव त्रिवेदी, अरुण कुमार सिंह सहित अन्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।सम्मेलन रात्री तक सम्पन्न हुआ!

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