मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
पूर्वी चंपारण में ना केवल पॉकेट डिस्पोजल एक बड़ी समस्या थी बल्कि कोर्ट में केस भेजने में भी पुलिस की शिथिलता रहती थी। केस के आईओ अपने मन के हिसाब से चार्जशीट दाखिल करते थे. केस डायरी पेंडिंग से ना सिर्फ आम लोग परेशान होते थे बल्कि जो निर्दाेष जेल में बंद हैं, उनको न्याय मिलने में देर होती थी. ऐसे में अब पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात की पहल रंग लाने लगी है. पूर्वी चंपारण पुलिस ने पांच वर्षों में पहली बार कार्रवाई करते हुए 5009 कांडों में आरोप पत्र को न्यायालय में समर्पित किया गया. जिसमें हत्या के 47 ,लूट के 44, एसटी एससी के 60, दुष्कर्म के 14 और एनडीपीएस के 17 कांडों को निष्पादित किया गया. पूर्वी चंपारण में कुल 475 अनुसंधानकर्ता है.
एसपी ने 10 ऐसे पुलिस ऑफिसर जिनका बेकार प्रदर्शन रहा. जिन्होंने अनुसंधान में लापरवाही बरती है उन पर विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी है. एसपी स्वर्ण प्रभात ने पुलिस पदाधिकारी के साथ कार्यालय समीक्षा बैठक की और बैठक के बाद जानकारी देते हुए कहा कि काफी वर्षों से पुलिस पदाधिकारी की गड़बड़ी के कारण आरोप पत्र न्यायालय को समर्पित नहीं हो पाए थे.
जिससे लोगों को न्याय मिलने में देरी होती थी. वैसी स्थिति में युद्ध स्तर पर काम करते हुए 5009 कांडों के आरोप पत्र को न्यायालय में समर्पित किया गया है. वहीं गड़बड़ी करने वाले 10 पुलिसकर्मी को चिन्हित भी किया गया है. जिस पर विभागीय कार्रवाई भी शुरू हो गई है. एसपी स्वर्ण प्रभात के मिशन अनुसंधान से अब ना सिर्फ जनवरी माह में पांच हजार से ज्यादा केस का डिस्पोजल हो गया है बल्कि तय समय सीमा में केस डिस्पोजल के पहले से उगाही पर भी नकेल लग सकेगा.