Home न्यूज मोतिहारी में श्रद्धापूर्वक मनाई गई सावित्रीबाई फुले जी की 194वीं जयंती

मोतिहारी में श्रद्धापूर्वक मनाई गई सावित्रीबाई फुले जी की 194वीं जयंती

मोतिहारी। अशोक वर्मा
कचहरी अंबेडकर भवन के प्रांगण में भारतीय चमार महासंघ के तत्वावधान में शुक्रवार को आयोजित राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फूले जी की 194 वीं जयंती के अवसर पर ष्नई शिक्षा नीति का अभिवंचित वर्ग के बच्चों पर प्रभाव विषयक परिचर्चा का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान के प्रदेश महासचिव सह मानवाधिकार एक्टिविस्ट विद्यानंद राम ने माता सावित्री बाई फूले के तैल्य चित्र पर पुष्प- माला चढ़ाकर की । अध्यक्षता भारतीय चमार महासंघ के राष्ट्रीय सह संयोजक पारसनाथ अम्बेडकर डां भीमराव अम्बेडकर विचार मंच बिहार ने की तथा संचालन संस्था के संस्थापक सदस्य किरण राम ने किया ।

श्री विद्यानंद राम ने अपने उदबोधन में कहा कि माता सावित्री बाई फूले ने महिलाओं एवं अभिवंचित वर्गों के लिए सदियों से बंद पड़े शिक्षा के दरवाजे को खोला । उनके ही संघर्ष की देन है कि हमारे देश की महिलाएं एवं अभिवंचित वर्ग के लोग आज नौकरी,राजनीति ,फिल्म,खेल , सेना , पर्वतारोहण ,व्यवसाय आदि क्षेत्रों में मजबूत प्रतिनिधित्व कर रहे है । उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति महिलाओं और वंचित वर्गों के विरुद्ध है । वही पारस नाथ अम्बेडकर ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि सरकार शिक्षण सामग्री पर जीएसटी लागू कर समाज के अभिवंचित वर्गों को शिक्षा से वंचित करना चाहती है । उन्होंने शिक्षण सामग्री को टैक्स फ्री करने की अपील की ।

उक्त अवसर पर मुख्य रूप से उगम राम , रामजी बौद्ध ,शंभूशरण अकेला ,सुधीर राम हरेंद्र राम ,उपेंद्र राम ,विक्रम कुमार ,गुड्डू कुमार ,राजीव राम ,डॉ0विनय कुमार ,अजीत सरकार , गोकर्ण राम , दीना चौरसिया , मो0 अली बेग ,अंबेडकर कल्याण समिति के छात्र मिथिलेश कुमार पासवान , रंधीर कुमार राम ,अमन कुमार ,राजेश कुमार ,चुन्नू कुमार मंजीत कुमार बैठा आदि ने अपने अपने विचार रखे । सभी वक्ताओं ने नई शिक्षा नीति को गरीब एवं दलित विरोधी बताया और और पूरे देश में सम अनिवार्य व निशुल्क शिक्षण पद्धति तथा संपूर्ण देश में एकल शिक्षा पद्धति लागू करने की मांग की ।

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