मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
पूर्वी चंपारण जिला में सरस्वती पूजा श्रद्धा और भक्ति के माहौल में मनाई जा रही है. माघ शुक्लपक्ष पंचमी तिथि को विद्या की देवी माता सरस्वती की पूजा की जाती है. जिला के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में माता सरस्वती की पूजा की गई. साथ ही कई छात्रों ने अपने घरों के अलावा मुहल्लों में भी माता की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की. वैदिक मंत्रोचार से वातावरण भक्तिमय बना हुआ है. इस क्रम में मोतिहारी शहर के अमर छतौनी में भी कई जगहों पर पंडाल स्थापित कर मां सरस्वती की पूजा की जा रही है। अमर छतौनी ओलार चौक पर भी भव्य पंडाल बनाकर मां सरस्वती की पूजा की जा रही है। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। वहीं अमर छतौनी में अशोक सिंह के दरवाजे पर भी धूमधाम से मां सरस्वती की पूजा की जा रही है। जहां भव्य पंडाल बनाकर विशेष साज-सज्जा की जा रही है।
माता को वीणावादिनी भी कहा जाताः बता दें कि माता सरस्वती कई नामों से जानी जाती है. हाथों में वीणा और पुस्तक धारण करने वाली माता विद्या, कला और संगीत की देवी के रूप में जानी जाती है. ज्ञान और विद्या की देवी मां शारदा के एक हाथ में पुस्तक है. इनकी पुस्तक लोगों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित करती है. देवी के दूसरे हाथ में वीणा है. इसलिए माता को वीणावादिनी भी कहा जाता है. वीणा का अर्थ खुश रहने और खुशी बांटने से है. जन्म के बाद माता सरस्वती ने वीणा के तार छेड़ा था तो संसार आनंद से चहक उठा था.