पटना/दरभंगा। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
भाजपा ने बिहार में बड़ा सांगठनिक फेरबदल करते हुए संजय सरावगी को बिहार का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। इससे सियासी हलचल तेज हो गई है।
भारतीय जनता पार्टी ने बिहार संगठन में बड़ा और रणनीतिक बदलाव करते हुए दरभंगा के विधायक संजय सरावगी को बिहार बीजेपी का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। इस फैसले को पार्टी संगठन में बेहद अहम माना जा रहा है और इससे बिहार की सियासत में नई हलचल तेज हो गई है।
बीजेपी मुख्यालय प्रभारी एवं राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह द्वारा जारी संगठनात्मक नियुक्ति पत्र में बताया गया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने संजय सरावगी को यह जिम्मेदारी सौंपी है। नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी।
वैश्य समाज को साधने की रणनीति
वैश्य समाज से आने वाले संजय सरावगी को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को सामाजिक संतुलन और चुनावी रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। उत्तर बिहार, खासकर मिथिलांचल में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला 2025 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर लिया गया है।
दिलीप जायसवाल की छुट्टी, संगठन-सरकार अलग
अब तक प्रदेश अध्यक्ष रहे दिलीप जायसवाल को पद से हटा दिया गया है। वे वर्तमान में बिहार सरकार में उद्योग मंत्री हैं। बीजेपी के इस फैसले को संगठन और सरकार को अलग-अलग मजबूती देने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
नितिन नबीन के बाद दूसरा बड़ा सरप्राइज
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही बीजेपी ने बांकीपुर विधायक और मंत्री नितिन नबीन को पार्टी का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर सबको चौंका दिया था। अब संजय सरावगी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने यह साफ कर दिया है कि नया नेतृत्व, नया संदेश देने की तैयारी पूरी हो चुकी है।
कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल
संजय सरावगी के प्रदेश अध्यक्ष बनने की खबर मिलते ही दरभंगा और पटना में बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच खुशी की लहर दौड़ गई। उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है और लगातार फोन व संदेश आ रहे हैं।
कौन हैं संजय सरावगी?
दरभंगा से विधायक
संगठन और सरकार दोनों में अनुभव
वैश्य समाज में मजबूत पकड़
साफ-सुथरी और सक्रिय छवि
उत्तर बिहार में प्रभावशाली नेता
सियासी संकेत साफ
बीजेपी का यह फैसला बताता है कि पार्टी अब क्षेत्रीय संतुलन, सामाजिक समीकरण
युवा और सक्रिय नेतृत्व पर फोकस कर रही है। संजय सरावगी की ताजपोशी से बिहार बीजेपी में नई ऊर्जा और आक्रामक राजनीति देखने को मिल सकती है।
























































