मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
फेंक करेंसी सप्लाई मामले में मोतिहारी पुलिस जिस वांटेड राजेश सहनी को नेपाल का समझकर रक्सौल बॉर्डर का खाक छान रही थी. वह वो एलएनटी में फाइनेंसकर्मी बनकर मौज कर रहा था। वह मोतिहारी के संग्रामपुर के मुरलीचक गांव का निवासी है। यह चौंकाने वाला खुलासा एनआईए के रेड में हुआ है. पिछले 5 सितंबर को मिलिट्री इंटलीजेंस को लीड मिली थी कि नेपाल से तीन लोग फेंक करेंसी लेकर रक्सौल के रास्ते जम्मू जाने वाले है. तब मोतिहारी पुलिस ने बजरिया थाना क्षेत्र के जटवा पुल के पास इंजीनियर नजरे सद्दाम, मो वारिस और जाकिर हुसैन को गिरफ्तार किया था.
NIA की पूछताछ के दौरान तीनों के बताया कि नेपाल धोरे के राजेश साहनी ने पैसा दिया है. इस पैसे को कश्मीर के अनंतनाग का पॉल्ट्रीफार्म संचालक मुजफ्फर अहमद वाणी उर्फ सरफराज को पहुंचाना है. राजेश सहनी बिरगंज मुड़ली चौक का रहने वला है. इस राजेश सहनी को गिरफ्तार करने के लिए मोतिहारी पुलिस नेपाल बॉर्डर पर खाक छनती रही थी. तीन महीने बाद जब केस NIA को ट्रांसफर हुआ तो NIA ने मोबाइल सर्विलांस, सीडीआर और लोकेशन के आधार पर राजेश सहनी को ट्रेस कर लिया. जो मोतिहारी के संग्रामपुर थाना क्षेत्र के मुड़ली गांव निवासी शंभु सहनी का बेटा है. वह वैशाली में एलएनटी फाइनेंस में काम करता है. इसका नेपाल के काठमाण्डु, बंग्लादेश और पाकिस्तान में भी कनेक्शन है.
राजेश सहनी खुफिया एजेंसी को चकमा देने के लिए नजरे सद्दाम, मो. वारिस और मो जाकिर हुसैन को फेंक करेंसी की डिलेवरी हमेशा नेपाल या बॉर्डर पर करता था. वो ज्यादातर मोबाइल का इस्तेमाल बॉर्डर क्षेत्र में करता था जिसके वजह से उसका मोबाइल का लोकेशन कभी भारत तो कभी नेपाल शो करता था. ताकि खूफिया एजेंसी को लगे ये नेपाल का निवासी है. अपना पता भी हमेशा बिरंगज के मुडली चौक ही बताता था. अभी भी राजेश साहनी बार बार अपनी ठिकाना बदल रहा है. जिसका तलाश NIA कर रही है.
रेड में NAI को मिली इलेक्ट्रॉनिक सबूत
संग्रामपुर में टीम को NIA के डिप्टी एसपी अभय कुमार सिंह लीड कर रहे थे. स्वंत्र विटनेस के लिए एसबीआई के दो मैनेजर को NIA अपने साथ लेकर गई थी. राजेश साहनी के घर के तलाशी के दौरान मोबाइल , सिमकार्ड, कुछ पेपर मिले है. जिसे NIA की टीम सीज करके अपने साथ लेकर गई है. बता दें कि पिछले 5 सितंबर को मिले लीड पर NIA बिहार के भोजपुर, भागलपुर और मोतिहारी में एक साथ 5 जगहों पर छापेमारी की थी. जिसमें कई समान जब्त हुए है. इस मामले में नजरे सद्दाम, मो वारिस और जाकिर हुसैन मोतिहारी सेंट्रल जेल में बन्द है. वहीं, कश्मीर से पकड़ कर लेकर आई सरफराज बेउर जेल पटना में बन्द है. अब मुख्य शागिर्द सहनी की तलाश जारी है. राजेश साहनी के गिरफ्तारी के बाद ही नेपाल औरवं रक्सौल बॉर्डर पर बैठे आकाओं की जानकारी मिल पाएंगी. जिसका NIA को बेसब्री से तलाश है.