’मोतिहारी/रक्सौलः
सीमावर्ती रक्सौल से सटे नेपाल के बीरगंज में एकबार फिर पुलिस प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. हनुमान जयंती के अवसर पर निकले शोभायात्रा के दौरान हुए उपद्रव के बाद गिरफ्तार दो लोगों की रिहाई की मांग को लेकर बीते बुधवार को बीरगंज की सड़कों पर एकबार फिर आगजनी हुई. प्रदर्शनकारियों ने जगह-जगह सड़कों पर टायर जलाकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, जिसकी वजह से कई दुकाने बंद रही. ’भारत-नेपाल बॉर्डर पर बढ़ी सुरक्षारू’ वहीं नेपाल के महोतरी जिला के जलेश्वर में भी हनुमान जयंति के शोभायात्रा पर पथराव करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया है. हालांकि शाम होते-होते लोगों का आक्रोश शांत हुआ. जिला प्रशासन और प्रदर्शनकारियों की प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत हुई, जिसमें जिला प्रशासन ने दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है. वीरगंज में हुए हंगामा के कारण भारत-नेपाल बॉर्डर पर एसएसबी ने सतर्कता बढ़ा दी है, हालांकि बॉर्डर पर लोगों की आवाजाही सामान्य है.’शोभायात्रा पर किया गया था पथरावरू’ दरअसल नेपाल के बीरगंज के छपकहिया में हनुमान जयंती पर 12 अप्रैल को विश्व हिंदू परिषद् समेत विभिन्न संगठनों द्वारा शोभायात्रा निकाली गई थी. जिसपर दूसरे समुदाय के लोगों ने पथराव कर दिया था. उसके बाद हालात बेकाबू हो गए. सेना को मोर्चा संभालना पड़ा और जिला प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया था. इस दौरान पुलिस ने दोनों पक्षों के पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. जिला प्रशासन ने 13 और 14 अप्रैल के 12 बजे रात के बाद कर्फ्यू मे ढ़ील देकर निषेधाज्ञा लगा दिया.’गिरफ्तारी के विरोध में धरना प्रदर्शनरू’ इस गिरफ्तारी के विरोध में एक पक्ष के लोगों ने मंगलवार की रात बीरगंज के जिला पुलिस कार्यालय पर धरना प्रदर्शन शुरू किया और गिरफ्तार दो लोगों की रिहाई की मांग करने लगे. प्रदर्शन कर रहे लोगों को तितर-बितर करने के लिए लाठी चार्ज किया गया. जिसमें दो पत्रकार समेत कई लोग जख्मी हो गए. इस दौरान अर्जून गुप्ता को गंभीर चोट लगी. जिन्हें इलाज के लाए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. ’सड़कों पर उतरे लोगरू’ बीरगंज के घंटाघर के पास कई हिंदू संगठनों ने पुलिस की ज्यादती के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन शुरू किया. हालांकि बाद में पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद हालात को नियंत्रित कर लिया. मंगलवार की रात में हुए बवाल का असर बुधवार को भी बीरगंज की सड़कों पर देखने को मिला. बुधवार की अहले सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग निषेधाज्ञा तोड़कर घरों से निकले और घंटाघर, घरीहरवा, बाईपास रोड समेत कई जगहों पर आगजनी कर विरोध प्रदर्शन किया. ’क्या कहते हैं जिलाधिकारी?रू’ हालात को नियंत्रित करने के लिए एक बार फिर नेपाल पुलिस के साथ सेना के जवानों ने मोर्चा संभाला है. वहीं बीते कल बुधवार को जिलाधिकारी गणेश अर्याल के नेतृत्व में जिला प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के शिष्टमंडल के साथ दोपहर बाद बैठक की गई. जिलाधिकारी गणेश अर्याल ने बताया कि बैठक में रविवार को हुए पांच सूत्री सर्व पक्षीय फैसले के कार्यान्वयन पर सहमति बनी.