मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
चिरैया प्रखंड के शांति चौक से पुरनहिया तक की जर्जर सड़क का एकल टेंडर रद्द होने तथा इसमें कथित रूप से कमीशनखोरी का आरोप लगाते हुए सैकड़ों व्यवसायियों ने बुधवार को चिरैया बाजार बंद कर व मोतिहारी – ढाका मुख्य पथ को जाम कर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया। चिरैया संघर्ष समिति के बैनर तले राजद के पूर्व जिलाध्यक्ष बच्चा यादव के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने चिरैया शांति चौक पर अवरोध लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकरियों पर सख्ती दिखाते हुए जाम को समाप्त करवा दिया।व्यवसायियों ने विरोध स्वरूप स्वतः ही संपूर्ण बाजार को बंद रखा।धरना स्थल पर लोगों को संबोधित करते हुए श्री बच्चा यादव ने कहा कि पिछले 15 वर्षों से उक्त सड़क बड़े बड़े गड्ढे में तब्दील होकर जर्जर हो चुका है। उन्होंने कहा कि यह सड़क जिन दो विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत है उन सीटों पर सत्ताधारी दल का कब्जा है और कमीशन खोरी के कारण टेंडर रद्द होने से सड़क का निर्माण कार्य बाधित हो गया है।बता दे कि उक्त सड़क से जाने पर चिरैया से नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र पुरनहिया की दूरी महज 16.5 किलोमीटर है जबकि ढाका होकर घोड़ासहन की दूरी लगभग 35 किलोमीटर हैं।
इस सड़क पर प्रत्येक दिन सैकड़ों की संख्या में चलने वाले छोटे व बड़े वाहनों के कारण अब यह सड़क पैदल चलने लायक भी नही बची है। जैसे ही घूप निकलती है धूल मिट्टी से राहगीरों का चलना मुश्किल हो जाता है। हल्की बारिश होने पर ही गड्ढे युक्त टूटी सड़कों पर साईकिल, मोटरसाईकिल सवार गिरकर चोटिल हो जाते है। जबकि कई बार राहगीर हादसे का शिकार भी हो जाते है। प्रतिदिन प्रखंड व अंचल कार्यालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पशु चिकित्सालय सहित कई गांवों को जोड़ने वाली यह एक महत्वपूर्ण सड़क है। रोजाना दर्जनों मरीज व गर्भवती महिलाएं अपना इलाज कराने के लिए इस सड़क से होकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाते है। वही इस पथ में कई छोटे व बड़े स्कूल एवं कोचिंग संस्थान भी है।
जिसमें पढ़ने वाले छोटे व बड़े बच्चें अपनी जान जोखिम में डालकर इससे होकर रोज गुजरते है।वही स्थानीय लोगों ने 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में जर्जर सड़क के हालात को लेकर वोट का बहिष्कार भी किया था। जिसके बाद बिहार सरकार ने इसे गंभीरता से लिया और चिरैया के शांति चौक से भेलवा होते हुए पुरनहिया तक की जर्जर सड़क के निर्माण को लेकर 42 करोड़ रुपए की स्वीकृति देकर विगत फरवरी माह में निविदा आमंत्रित की गई थी। लेकिन सूत्रों के अनुसार एकल टेंडर के परिवाद में फंसने व नए सिरे से दोबारा टेंडर होने के बाद ही उक्त सड़क का निर्माण कार्य कराया जा सकेगा। जबकि मानसून आने में अब डेढ़ से दो माह ही शेष है। अगर बारिश से पूर्व सड़क का निर्माण कार्य शुरू नहीं होता है तो लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इसको लेकर स्थानीय व्यवसायियों में भारी आक्रोश है। चिरैया के शांति चौक से दुर्गा स्थान चौक के दुकानदारों में निराशा व्याप्त है। इनलोगों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से हमलोगों का व्यवसाय जर्जर सड़क के कारण पूरी तरह से ठप हो गया है। अगर सड़क का निर्माण जल्द प्रारंभ नहीं किया गया तो विगत लोकसभा चुनाव की तरह ही आगामी विधानसभा चुनाव में वोट का बहिष्कार किया जाएगा।