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धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹2300 प्रति क्विंटल निर्धारित, 1 नवंबर से शुरू होगी खरीदारी

-अधिप्राप्ति को इच्छुक किसान कृषि विभाग के पोर्टल पर कराएं ऑनलाइन पंजीकरण

मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
मुख्य सचिव,बिहार सरकार द्वारा की गई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से समीक्षा के बाद जिलाधिकारी, पूर्वी चंपारण, श्री सौरभ जोरवाल  द्वारा समाहरणालय स्थित एनआईसी में जिला सहकारिता पदाधिकारी और जिला कृषि पदाधिकारी को धान अधिप्राप्ति के इच्छुक किसानों का कृषि विभाग के वेबसाइट www.dbtagriculture.bihar.gov.in पर अधिक से अधिक पंजीकरण कराएं। किसान स्वयं से भी अपना पंजीकरण कर सकते हैं।

जिला सहकारिता पदाधिकारी ने बताया कि पूर्वी चंपारण जिला में धान अधिप्राप्ति की शुरुआत करने की तिथि 1 नवंबर 2024 निर्धारित है। अधिप्राप्ति का यह कार्य 15 फरवरी 2025 तक चलेगा। अधिप्राप्ति की राशि का भुगतान किसानों को 24 घंटे के भीतर पीएफएमएस के माध्यम से उनके खाता में करने का निर्देश प्राप्त है।उन्होंने बताया कि रैयती किसान से अधिकतम 250 क्विंटल एवं गैर व्यक्ति किसान से अधिकतम 100 क्विंटल धान की अधिप्राप्ति की जा सकती है। उन्होंने बताया कि जिला में अभी तक कुल 232 किसानों का आवेदन प्राप्त है जिसमें 141 रैयती एवं 91 गैर रैयती किसान हैं।
जिलाधिकारी के द्वारा निर्देश दिया गया कि यह देख लें कि पिछली बार कितने किसानों ने पंजीकरण कराया था और कितने से अधिप्राप्ति की गई थी। इस बार यह संख्या बढे इसका प्रयास किया जाए। अधिप्राप्ति पंचायत में स्थित पैक्स और प्रखंड में स्थित व्यापार मंडलों के माध्यम से की जाएगी। जिलाधिकारी के द्वारा निदेश दिया गया कि जिला के सभी पैक्स और व्यापार मंडलों को अधिप्राप्ति के संबंध में जांच कर देख ले कि उनके द्वारा विभागीय नियम का अनुपालन किया गया है कि नहीं।
जिला सहकारिता पदाधिकारी ने बताया कि जिला में मिलरो का 15.9.2024 से निबंधन किया जा रहा है। मिलर ऑनलाइन निबंध भी करा सकते हैं। विभागीय निर्देश के आलोक में 7 नवंबर तक निबंधित मिलर का भौतिक सत्यापन किया जाना है।भौतिक सत्यापन के दौरान मिलर की वास्तविक मिलिंग क्षमता की जांच की जाएगी।
जिलाधिकारी के द्वारा निर्देश दिया गया कि प्रमादी अथवा डिफ़ॉल्ट मिलों का चयन नहीं किया जाए या वैसे मिलर जिनके द्वारा पिछली बार सीएमआर में काफी विलंब किया गया था उनका भी चयन नहीं किया जाए। डीएम ने कहा कि छोटे किसानों पर अधिक ध्यान दिया जाए। यह भी बताया गया कि धान के बाजार दर से ज्यादा सरकार एमएसपी के रूप में दे रही है। इसलिए किसान अपना धान बिचौलियों को न बेचकर पैक्स को धान दें। उनका भुगतान 48 घंटे के अंदर कर दिया जाएगा।

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