मोतिहारी । अशोक वर्मा
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती की 58 वां पुण्य स्मृति दिवस नगर के पतौरा ब्रह्माकुमारी पाठशाला में बड़े हीं आत्मिक भाव से मनाया गया। सुबह 5 बजे से 8 बजे तक योग भट्टी का आयोजन किया गया उसके बाद दैनिक मुरली क्लास चला तथा ममा की निमित्त भोग स्वीकार कराया गया। उक्त अवसर पर मातेश्वरी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए सेवा केंद्र प्रभारी बीके अशोक वर्मा ने कहा कि मम्मा भारतीय नारी की संपूर्ण प्रतिमूर्ति थी पूरे विश्व में भारतीय नारी की जो छवि बनी है उसकी शुरुआत मातेश्वरी से होती है। 17 वर्ष की उम्र में ओम राधे नाम की कन्या की प्रवेशता संस्था में होती है और अपने विशेष गुण एवं ईश्वरीय शक्ति के बदौलत एक वर्ष के अंदर कुंवारी कन्या यज्ञ की मां बन जाती है। मम्मा में विशेषताओं का खजाना था ।वे करुणा ,क्षमा, दया ,मधुरता की एक मिसाल थी सेवा केंद्र की बिक्री नीलम माता ने अपने संबोधन में कहा कि मममा का मुख्य नारा था हुकुमी हुकुम चला रहा है और हर घड़ी को अंतिम घडी समझो। 1920 में जन्मी राधे मातेश्वरी 1965 में संपूर्णता को प्राप्त कर शरीर छोडी। पहाड़पुर से पधारे बीके विक्रम भाई ने कहा कि इस ईश्वरीय ज्ञान में आते हीं भाई बहन स्वतरू हीं एवर हेल्दी एवं एवं वेल्थी बन जाते है। बीके बंशीधर भाई ने कहा की यहां आने के बाद सहन शक्ति बढ़ जाती है जिससे जीवन सुखमय हो जाता है। तमाम गुण ममा के जीवन से हमें प्राप्त होता है। संबोधित करने वालों में वरिष्ठ अधिवक्ता बीके शिवपूजन, बीके रोशनी ,बीके सुधीर भाई ,बीके सतीश, बीके निरुपमा ,
बीके सुमन आदि मुख्य रूप से थे । कार्यक्रम में उपस्थित हो रहने वालों में गायत्री माता, सिद्धार्थ कुमार ,पार्वती माता लक्ष्मी वर्मा बीके शंकर , बीके अनीता ,बीके राम केशी के अलावा अन्य भाई बहन थे। सभी भाई बहनों ने मम्मा के चित्र पर पुष्प अर्पण कर उनसे पावरफुल दृष्टि ली। इसके साथ ही नगर के बनिया पट्टी मे संचालित ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र में संध्या स्मृति दिवस पर भव्य समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सेवा केंद्र प्रभारी बीके विभा बहन ने कहा कि मम्मा गुणों की खान थी और लंबे समय तक ईश्वरीय सेवा में रहने के बावजूद कभी भी किसी ने उनके चेहरे पर गुस्सा नहीं देखा। कार्यक्रम को संबोधित करने वालों में बीके अनीता ,बीके पूनम, बीके सारिका एवं अन्य भाई-बहन थे ।सभी ने मममा को याद किया और मममा के गुणों पर विशेष रूप से चर्चा की ।कार्यक्रम के अंत में सभी ने पुष्प अर्पण कर ममा को श्रद्धांजलि दी। सेवा केंद्र पर वृहद पैमाने पर ब्रह्म भोज का भी आयोजन किया गया ।