मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
बेरोजगार युवाओं को नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का छतौनी पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। छोटाबरियारपुर मोहल्ले में चल रहे इस फर्जी ऑफिस पर शनिवार को छापेमारी कर पुलिस ने बंगाल, आसाम, झारखंड और बिहार (कटिहार) के करीब 100 युवकों को रेस्क्यू कराया। वहीं गिरोह के सरगना पताही निवासी दिपक महतो सहित दो ठगों को गिरफ्तार किया गया।सोशल मीडिया से फंसाते थे बेरोजगार पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि गिरोह के सदस्य व्हाट्सएप और मैसेंजर पर नौकरी देने का विज्ञापन चलाकर बेरोजगारों से संपर्क करते थे। आवेदन के नाम पर युवकों को मोतिहारी बुलाया जाता था। यहां आने पर कंपनी में शामिल होने के लिए 17 हजार रुपये कैश जमा कराने की शर्त रखी जाती थी। पैसा लेने के बाद न तो काम दिया जाता था और न ही मानदेय।रिश्तेदारों को भी फंसाने की कोशिश रेस्क्यू किए गए आसाम के युवक अब्दुल अजित ने बताया कि कार्यालय पहुंचने पर उसका और उसके रिश्तेदारों का मोबाइल नम्बर नोट किया गया। उसके बाद कंपनी के लोग कहते थे कि “अगर तुम दो लड़के और जोड़ोगे तो 1000 रुपये कमीशन मिलेगा, चार लड़के जोड़ने पर 2500 रुपये।” रिश्तेदारों से भी इसी तरह ठगी की कोशिश की जाती थी।कंपनी के नाम पर चल रहा था खेल पुलिस ने बताया कि ठगी का धंधा ‘ऑटोमिक आयुर्वेद लिमिटेड’ नामक फर्जी कंपनी के बैनर तले चलाया जा रहा था। कंपनी का दफ्तर छोटाबरियारपुर में शंभु साह का मकान किराये पर लेकर खोला गया था। मौके से कई दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।डीबीआर कंपनी से तार जुड़ने की आशंका सदर डीएसपी दिलीप कुमार ने बताया कि यह मामला रक्सौल की डीबीआर नामक फर्जी कंपनी से जुड़ा हो सकता है। पूरे गिरोह की नेटवर्किंग और कनेक्शन खंगाले जा रहे हैं।
गिरफ्तार आरोपितों से गहन पूछताछ की जा रही है। युवकों को सौंपा जाएगा परिजनों को पुलिस ने जिन युवकों को रेस्क्यू किया है, उनके परिजनों को सूचना दे दी गई है। सभी को उनके हवाले कर दिया जाएगा। छापेमारी अभियान में सदर डीएसपी दिलीप कुमार, थानाध्यक्ष सुनील कुमार समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी और जवान शामिल रहे।



















































