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राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कालजयी काव्य रचना ‘परशुराम की प्रतीक्षा’ का नाट्य मंचन

मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
कला संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार सरकार के सौजन्य से डिवाइन सोशल डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन, पटना द्वारा जिला प्रशासन पूर्वी चंपारण के सहयोग से शनिवार की संध्या राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कालजयी काव्य रचना ष्परशुराम की प्रतीक्षाष् का नाट्य मंचन मदन मोहन कुमार के निर्देशन में महात्मा गांधी प्रेक्षागृह राजा बाजार, मोतिहारी में किया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय विधायक मोतिहारी श्री प्रमोद कुमार, जिलाधिकारी श्री सौरभ जोरवाल, पुलिस अधीक्षक श्री स्वर्ण प्रभात के साथ अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी एवं जिले के गणमान्य लोगों के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
नाटक ष्परशुराम की प्रतीक्षाष् के बारे मेंरू-
यह नाटक 1962 में हुए भारत-चीन के युद्ध के परिपाटी के इर्द गिर्द घूमता है, जो श्राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकरश् श्के खंड काव्य श्परशुराम की प्रतीक्षाश् पर आधारित है, जो भारत -चीन युद्ध के पश्चात लिखा गया था। जब भारतीय सेना पराजित हो गई तब उस समय पराजय से सारा भारत बेहाल हो उठा और प्रत्येक व्यक्ति अपने
आप से यह सवाल करने लगा कि आखिर इतना विशाल देश इतनी आसानी से हार क्यों गया? हमने हथियारों का बंदोबस्त क्यों नहीं किया था? हमारे राष्ट्रीय चरित्र में वह कौन सा दोष है जो हमें सफल नहीं बनने देता? हमने
यह धोखा कैसे खाया? क्या हमारी सरकार तैयार थी? अथवा हम शांतिवादी नारों के शिकार हुए हैं? आखिर हम किस तरह चलें कि ऐसा अपमान हमें फिर कभी नहीं झेलना पड़े? इन्हीं सब सवालों के जवाब ढूंढने का प्रयास है।
नाटक की प्रस्तुति अत्यंत उच्च कोटि की सजीव एवं जीवंत रही जिसकी प्रशंसा माननीय विधायक एवं जिलाधिकारी के द्वारा की गई। माननीय विधायक के द्वारा कला संस्कृति विभाग को पूर्वी चंपारण के ऐतिहासिक धरती पर इस तरह के नाटक का मंचन करने के लिए भी धन्यवाद दिया गया। नाटक में भाग लेने वाले सभी कलाकारों को माननीय विधायक, जिलाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारी गण के द्वारा सम्मानित किया गया। नाटक के दौरान प्रेक्षा गृह दशकों से खचाखच भरा हुआ था।
कला संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा “परशुराम की प्रतीक्षा” नाट्य का मंचन मोतिहारी के सभागार में किया गया। मंचन के बाद माननीय विधायक प्रमोद कुमार एवं जिला पदाधिकारी द्वारा सभी कलाकारों को सम्मानित किया गया। माननीय विधायक द्वारा अपने संबोधन में कहा गया कि इस प्रकार के कार्यक्रम भविष्य में आयोजित किए जाएंगे ताकि चंपारण की संस्कृति को अक्षुण्ण रखा जा सके।

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