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दिल्ली चुनाव 2025: मोदी की गारंटी के आगे फेल हुई केजरीवाल की नौटंकी

✍️ – विशेष रिपोर्ट

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी (AAP) को इतिहास की सबसे बड़ी हार झेलनी पड़ी। तीन बार दिल्ली की सत्ता पर काबिज रहने के बाद इस बार अरविंद केजरीवाल अपनी सीट तक नहीं बचा पाए, मनीष सिसोदिया 600 वोटों से हार गए, और आतिशी की सीट भी फंसी हुई है।

जिस “केजरीवाल की गारंटी” को AAP पूरे चुनाव में दोहराती रही, उसे मोदी की गारंटी ने पूरी तरह धराशायी कर दिया। BJP ने न सिर्फ AAP के भ्रष्टाचार के मुद्दे को भुनाया, बल्कि अपने दमदार लोकल कैंपेन और प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता के सहारे दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता हासिल कर ली।

🔴 केजरीवाल की नौटंकी पर क्यों पड़ी मोदी की गारंटी भारी?
1️⃣ “केजरीवाल की गारंटी” बनाम “मोदी की गारंटी” – किसे जनता ने स्वीकारा?

🛑 AAP का दावा: “हमारी सरकार आने पर अगले 10 साल तक फ्री बिजली, पानी और बस सेवा जारी रहेगी।”
🛑 BJP का पलटवार: “हमारी सरकार भी यह सारी सुविधाएं जारी रखेगी, साथ में बेहतर सुरक्षा और भ्रष्टाचार मुक्त शासन भी मिलेगा!”
🛑 जनता की सोच: जब दोनों सरकारें मुफ्त सुविधाएं देने की बात कर रही थीं, तो जनता ने “ईमानदार और स्थिर सरकार” को चुना। यानी AAP का डराने वाला दांव उलटा पड़ गया।

2️⃣ भ्रष्टाचार के आरोपों से AAP की “ईमानदार राजनीति” की छवि टूटी

🛑 शराब नीति घोटाले में AAP पूरी तरह घिर गई।
🛑 मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की गिरफ्तारी ने पार्टी की नैतिक छवि पर गहरा असर डाला।
🛑 अन्ना हजारे ने भी कहा – “केजरीवाल को पहले ही चेताया था, लेकिन उन्होंने शराब नीति जैसी चीजों में उलझकर अपनी छवि खराब कर ली!”
🛑 जनता को लगा कि AAP भी वही कर रही है, जो बाकी पार्टियां करती हैं – घोटाले और भ्रष्टाचार!

3️⃣ मोदी के ग्राउंड कैंपेन ने “AAP की नौटंकी” को ध्वस्त कर दिया

🛑 AAP का फोकस: “BJP हमारे नेताओं को फंसा रही है, हमें काम नहीं करने दे रही!”
🛑 BJP का जवाब: “हमने फ्री राशन दिया, महिला सुरक्षा को मजबूत किया, MCD में सुधार किया – और अब दिल्ली को भी सुधारेंगे।”
🛑 BJP ने इस बार सिर्फ मोदी के नाम पर चुनाव नहीं लड़ा, बल्कि लोकल नेताओं को आगे रखकर प्रचार किया, जिससे जनता का भरोसा मजबूत हुआ।
🛑 AAP ने सिर्फ “शिकायत की राजनीति” की, जबकि BJP ने “विकास की राजनीति” को आगे रखा।

4️⃣ हिंदू वोट बैंक पूरी तरह BJP के पक्ष में गया

🛑 AAP की नरम हिंदुत्व रणनीति – हनुमान चालीसा, तिरंगा यात्रा, राम मंदिर यात्रा – भी फ्लॉप साबित हुई।
🛑 BJP ने 2020 के दंगों, CAA विरोध और शाहीन बाग मुद्दे को भुनाकर हिंदू वोटों को एकजुट कर लिया।
🛑 AAP मुस्लिम वोटों पर भी पकड़ नहीं बना पाई, क्योंकि कांग्रेस ने वहां अपनी मजबूत पकड़ बना ली।

5️⃣ “केजरीवाल की नौटंकी” ने जनता को किया नाराज़

🛑 बार-बार रोने-धोने की राजनीति जनता को पसंद नहीं आई।
🛑 “BJP हमें जेल भेज रही है”, “मोदी जी हमें खत्म करना चाहते हैं” जैसे बयानों को जनता ने नकार दिया।
🛑 जनता ने AAP को “शिकायत करने वाली पार्टी” मान लिया, जो खुद की गलतियों को छिपाने के लिए केंद्र सरकार पर आरोप लगाती रही।

🔥 मोदी की गारंटी के आगे क्यों पस्त हुई केजरीवाल की राजनीति?

✔ BJP ने मुफ्त योजनाओं की “AAP वाली USP” को छीन लिया और अपना मजबूत प्रशासनिक मॉडल दिखाया।
✔ AAP की भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाली छवि पूरी तरह टूट गई।
✔ मोदी सरकार ने लोकल लीडरशिप को मजबूत किया, जिससे जनता को लगा कि BJP दिल्ली में स्थिरता ला सकती है।
✔ AAP का “नकारात्मक प्रचार” जनता को पसंद नहीं आया, जबकि BJP ने विकास और स्थिरता पर फोकस किया।

📌 निष्कर्ष: “मोदी की गारंटी” ने “केजरीवाल की नौटंकी” को धूल चटा दी!

👉 AAP के लिए यह चुनाव सबसे बड़ा झटका है।
👉 अगर केजरीवाल अब भी अपनी रणनीति नहीं बदलते, तो 2029 तक AAP अप्रासंगिक हो जाएगी।
👉 जनता का स्पष्ट संदेश: “सिर्फ प्रचार और वादों से सरकार नहीं चलती, जमीनी सच्चाई मायने रखती है!”

 

 

 

 

 

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