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बीआरपी कुबेर पाण्डेय हत्याकांड का उद्भेदन, सगे व चचेरे भाई ने ही रची अपने हत्या की साजिश, दोनों गिरफ्तार

मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
पूर्वी चंपारण में शिक्षा विभाग के बीआरपी अभिनन्दन पांडेय की हत्या कुछ इस कदर हुई कि पुलिस ने भी सड़क दुर्घटना मानकर डेडबॉडी को पोस्टमार्टम रूम तक पहुंचा दिया. यहां तक कि पोस्टमार्टम के लिए पलिस द्वारा बनाए गए इंक्वेस्ट रिपोर्ट में भी सड़क दुर्घटना का जिक्र किया गया था. मामला तब उजागर हुआ जब सदर अस्पताल के डॉक्टर ने मृतक कुबेर पांडेय उर्फ अभिनन्दन का पोस्टमार्टम शुरू किया तो अभिनन्दन पांडेय के शरीर में गोली लगने के निशान दिखाई दिए. गोली का निशान शरीर के कपड़े पर भी था. लिहाजा डॉक्टर ने इस बात की इत्तिला पुलिस को दी फिर आनन फानन में पुलिस ने दूसरे इंक्वेस्ट बनाया और पोस्टमार्टम शुरू हुआ. हालांकि हत्या को सड़क दुर्घटना समझने की भूल सिर्फ पुलिस ही नही कर रही थी. बल्कि मृतक के परिजन भी हत्या को सड़क दुर्घटना ही समझ रहे थे. इधर हत्या की वारदात सड़क दुर्घटना बन जाने के बाद हत्याकांड में शामिल सगा भाई भी पोस्टमार्टम रूम तक एम्बुलेंस के पीछे-पीछे पहुंच गया था. पोस्टमार्टम के दौरान मृतक अभिनंदन पांडेय के शरीर से राइफल की एक गोली डॉक्टर ने निकाला.
हत्या को सड़क दुर्घटना वाला मामला पूर्वी चंपारण के एसपी स्वर्ण प्रभात के संज्ञान में आया. एसपी स्वर्ण प्रभात ने मौके वारदात का खुद निरीक्षण किया. एसपी ने हत्याकांड के त्वरित उद्भेदन के लिए एसआईटी का गठन कर एफएसएल की टीम को भी लगाया. हत्या के उद्भेदन के लिए बनाई गई एसआईटी को अभिनंदन पांडेय के हत्या की वारदात के चंद घंटे में भी हत्या का कारण और करवाने वाले की पुख्ता जानकारी मिल गई. फिर पुलिस ने बिना कोई देर किए सगे भाई को पोस्टमार्टम रूम के बाहर से गिरफ्तार किया तो दूसरा चचेरा भाई को उसके घर से गिरफ्तार किया गया.

दरअसल, मृतक अभिनंदन पांडेय दो भाई था एक वो खुद दूसरा भाई गिरफ्तार हुआ. गिरफ्तार भाई ने पूरी पैतृक संपत्ति अपनी पत्नी के नाम लिखवा लिया था. यहां तक कि मृतक अभिनंदन पांडेय के घर का दरवाजे के सामने की जमीन भी जिसको लेकर हाल में गांव में पंचायत भी हुई थी. पंचायत में गिरफ्तार हुए भाई के ससुर भी शामिल हुए थे. उक्त पंचायती में दस जनवरी के दिन निर्धारित किया गया था. अगले पंचायती की पर दस जनवरी से दस दिन पहले ही अभिनंदन पांडेय की हत्या हो गई. अभिनंदन का सिर्फ अपने भाई से ही जमीनी विवाद नहीं था. उसने प्रमोद पांडेय से छह कट्ठा जमीन लिखवाया था. जिसको लेकर प्रमोद पांडेय के छोटे भाई विरोध कर रहे थे. ग्रामीणों की माने तो उक्त 6 कट्ठा जमीन के लिए चाचेरा भाई और पैतृक संपत्ति हड़पने के लिए सगा भाई, दोनों ने मिलकर हत्या करवाई है। मृतक अभिनंदन पांडेय की पत्नी भी बताती है कि उक्त दोनों ने ही मिलाकर हत्या करवाई है. हत्या की साजिश में शामिल उक्त दोनों भाईयों को गिरफ्तार कर लेने के बाद पुलिस शूटर की गिरफ्तारी में जुट गई है.

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