मोतिहारी में साइबर माफिया की बड़ी घुसपैठ, 24 घंटे में दो वारदात—5.27 लाख साफ
सचिन कुमार सिंह। एडिटर
अब ठग सिर्फ कॉल नहीं करते—एक क्लिक ही आपकी पूरी गाढ़ी कमाई उड़ा देने के लिए काफी है। मोतिहारी में पिछले 24 घंटे के भीतर साइबर ठगी के दो बड़े मामलों ने पुलिस से लेकर आम लोगों तक सभी को अलर्ट कर दिया है। पुलिस रिकॉर्ड गवाही दे रहे हैं कि पिछले तीन महीनों में जिले में दर्जनभर से अधिक साइबर धोखाधड़ी के केस दर्ज हुए हैं। यानी ज़रा-सी चूक, और पूरा खाता साफ।
शहर हो या गांव, ठगों की नजर अब हर उस मुहल्ले पर है जहाँ एक स्मार्टफोन और बैंकिंग ऐप मौजूद है। लिंक, फर्जी ऐप और मोबाइल कंट्रोल तकनीक का दुरुपयोग करते हुए साइबर गिरोह अब घर बैठे पूरे परिवार के बैंक बैलेंस तक पहुंच बना रहे हैं। ताज़ा जांच में पुलिस को झारखंड और असम में सक्रिय साइबर नेटवर्क का कनेक्शन मिला है।
आज की साइबर ठगी का तरीका भी बदल गया है—
ठग फोन नहीं करते, आपके मोबाइल स्क्रीन पर ही छिपकर बैठते हैं। कभी बिजली बिल अपडेट का बहाना, कभी रिपेयर ऐप का झांसा, और कभी KYC की धमकी। जैसे ही लोग लिंक खोलते हैं, बैंक खाता खाली होने में मिनट भी नहीं लगता।
मोतिहारी तेजी से ऐसे गिरोहों का नया शिकारगाह बनता जा रहा है। 48 घंटों के भीतर दो अलग-अलग वारदातों में 5.27 लाख रुपये ऐसे उड़ गए जैसे बैंक खाते में किसी ने वैक्यूम लगा दिया हो।
कभी बिजली बिल अपडेट का लिंक, कभी रिपेयर सर्विस का फर्जी ऐप—अब ठग आपके फोन के उस पार नहीं, आपके फोन के अंदर बैठकर बैलेंस उड़ाते हैं। और उनके तार सैकड़ों किलोमीटर दूर असम और झारखंड के साइबर माफिया से जुड़े हैं।
बिजली बिल अपडेट के नाम पर 2.60 लाख की ठगी
शहर के नकछेद टोला निवासी महेश कुमार अग्रवाल के मोबाइल पर एक अजनबी कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को बिजली विभाग का कर्मचारी बताया और कहा कि उनका बिजली बिल अपडेट नहीं है, तुरंत ऑनलाइन पेमेंट करें, नहीं तो कनेक्शन कट जाएगा।
इसके बाद उसने व्हाट्सऐप पर एक लिंक भेजा। महेश जैसे ही लिंक पर पहुंचे, उनके ICICI बैंक खाते से पाँच बार में कुल 2.60 लाख रुपये उड़ा दिए गए।
साइबर डीएसपी अभिनव पराशर ने बताया कि जांच में झारखंड आधारित साइबर गिरोह का लिंक मिला है। मामले में पुलिस टीम को झारखंड भेजने की तैयारी है।
2. ‘रिपेयर सर्विस ऐप’ के नाम पर 2.67 लाख गायब
नकरदेई थाना क्षेत्र के सिरिसियामाल गांव में एक ही परिवार के तीन बैंक खातों से 2.67 लाख रुपये उड़ाए दिए गए।
पीड़ित उमेश कुमार यादव ने बताया कि व्हाट्सऐप पर आए एक लिंक पर क्लिक करते ही फोन में ‘रिपेयर सर्विस’ नाम का ऐप अपने-आप इंस्टॉल हो गया, जिसने पूरा फोन कंट्रोल कर लिया। इसके बाद ठगों ने नयी UPI ID बनाकर तेजी से लेनदेन शुरू किया और ओटीपी भी दूसरे नंबरों पर फॉरवर्ड होते रहे।
ठगों ने—
उमेश के BOI खाते से 1.80 लाख
पत्नी के IDBI खाते से 47 हजार
पिता के खाते से 40 हजार रुपये निकाल लिये।
जांच में असम के साइबर गिरोह का लिंक मिला है और पुलिस टीम असम भेजी जाएगी।
सावधान! मोतिहारी में सक्रिय हैं दो बड़े बाहरी साइबर रैकेट
पिछले तीन महीनों में जिले के साइबर थाना में कई शिकायतें दर्ज हुई हैं। सबसे अधिक ठगी इन तरीकों से हो रही है—
बिजली बिल अपडेट
KYC/ATM ब्लॉक
व्हाट्सऐप लिंक
फर्जी ऐप
सोशल मीडिया हैकिंग
नौकरी/लोन का लालच
पुलिस के अनुसार इन मामलों में ज़्यादातर कॉल झारखंड और बंगाल बॉर्डर से आते हैं जबकि कई टेक्निकल ऑपरेशन असम और उत्तर प्रदेश में बैठे गिरोह के लोग संभाल रहे हैं।
पुलिस की चेतावनी: एक क्लिक, पूरा बैंक खाता साफ
साइबर डीएसपी पराशर ने कहा—
किसी भी कॉल पर बिजली बिल, KYC, ATM अपडेट के नाम पर लिंक या ऐप डाउनलोड न करें।
बैंक, बिजली विभाग और सरकारी संस्थाएँ व्हाट्सऐप लिंक कभी नहीं भेजतीं।
एक मोबाइल में कई बैंक खाते लिंक करना खुद जोखिम बढ़ाता है।
किसी भी संदिग्ध गतिविधि होते ही तुरंत हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।





















































