मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण छत्र योजना अंतर्गत 25 दिव्यांगजनों को बैट्री से चलने वाली ट्राईसाईकिल हेलमेट के साथ सहायक निदेशक, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग सह सामाजिक सुरक्षा कोषांग, मोतिहारी द्वारा बुनियाद केन्द्र सदर मोतिहारी से प्रदान की गई। उक्त कार्यक्रम में विभिन्न प्रखंडों के लाभुक शामिल हुए , जिन्हें हरी झंडी दिखा कर रवाना किया गया। उक्त की कुल लागत 15,00,000 रुपये है।
ज्ञातव्य हो कि इस योजना अंतर्गत पूर्वी चम्पारण जिला द्वारा अभी तक 890 बैट्री चालित ट्राइसाइकिल की स्वीकृति जिलाधिकारी महोदय की अध्यक्षता में गठित स्क्रीनिंग समिति द्वारा दी जा चुकी है। उक्त में से वर्ष 2022-23 में 353 , वर्ष 2023- 24 में 228 तथा वर्ष 2024-25 में अब तक
310 बैट्री चालित ट्राइसाइकिल की स्वीकृति दी जा चुकी है।
सभी बैट्री चालित ट्राइसाइकिल का वितरण चरणबद्ध तरीके से जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग के द्वारा किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का आयोजन जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण कोषांग , पूर्वी चम्पारण के तत्वाधान में किया गया। इस अवसर पर श्री तवरेज शम्स , श्री शिव कुमार शर्मा , समेत बुनियाद केन्द्र एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण के कर्मीगण उपस्थित थे।
सरकार दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उक्त के तहत विभिन्न योजनाओं को धरातल पर उतारकर दिव्यांगजनों के राह को आसान किया जा रहा है।सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना के तहत बैट्री चालित ट्राईसाईकिल उपलब्ध करायी जा रही है। बैट्री चालित ट्राईसाईकिल के प्राप्त हो जाने से दिव्यांगजनों को रोजगार या शिक्षा ग्रहण करने में आसानी हो जाएगी तथा अपने कार्यस्थल/ महाविद्यालय तक आसानी से पहुँच सकेंगे।
इच्छुक दिव्यांगजन आनलाईन आवेदन कर इस योजना का लाभ ले सकते हैं। योजना का लाभ पात्रता पूर्ण करने वाले आवेदनो में पहले आओ, पहले पाओं के आधार पर दिया जा रहा है।
आवेदन हेतु पात्रता
https://online.bih.nic.in/SWF/SWFTC/Register.aspx
उपरोक्त लिंक पर अपना आवेदन आनलाईन कर सकते है। यह योजना ऐसे छात्र- छात्रा या रोजगार कर रहे 18 वर्ष से अधिक उम्र के 60%से अधिक चलंत दिव्यांगता वाले व्यक्तियों के लिए है जिनके आवासन से महाविद्यालय/विश्वविद्यालय/रोजगार स्थल की दूरी 3 कि0मी0 या अधिक हो। इसके अतिरिक्त आय की सीमा चालू सत्र के लिए 2 लाख रूपये तक रखी गयी है। आवेदक बिहार का स्थायी निवासी होना जरूरी है तथा वर्तमान में भी बिहार में आवासित हो।