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शिक्षक नियुक्ति नियमावली में खामियों के खिलाफ सरकार पर फूटा गुस्सा, बिहार के कई जिलों में शिक्षकों का प्रदर्शन

बिहार डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
बिहार शिक्षक नियुक्ति एवं सेवाशर्त नियमावली 2023 के अधिसूचित होने के बाद शिक्षको का आक्रोश चरम पर है। सेवा शर्त नियमावली में खामियो के विरोध मे शिक्षक अब सड़क पर उतर आए हैं। मंगलवार को बिहार के कई जिलों में शिक्षकों ने नियमावली के विरोध में प्रदर्शन किया। पश्चिम चंपारण में नियमावली की कॉपी फाड़ी तो मुजफ्फरपुर में बीआरसी पर नारेबाजी के बाद सरकार का पुतला फूंका। पटना में आरजेडी कार्यालय के बाहर शिक्षकों ने सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध प्रकट किया।

पश्चिम चंपारण के नरकटियागंज में माध्यमिक शिक्षक संघ के बैनर तले शिक्षको ने आक्रोशपूर्ण बैठक की और नियुक्ति नियमावली पत्र को फाड़ कर आक्रोश जताया। शिक्षको ने सरकार के विरुद्ध नारेबाजी भी की। शिक्षको ने सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। संघ के जिलाध्यक्ष मो. सनाउल्लाह ने कहा कि इस नियमावली मे पूर्व से बहाल नियोजित व अतिथि शिक्षको के साथ धोखा व छलावा किया गया। नियोजित कोटि के शिक्षको को अब राज्यकर्मी बनने हेतु परीक्षा उत्तीर्ण करना होगा। जो समान्य नयी नियुक्ति के साथ व सामान रूप से होगा।

16 से 17 वर्षाे तक सेवा देने के बाद भी किसी प्रकार का कोई भी रियायत नियोजित शिक्षको को नही मिल रहा है। जबकि सरकार के द्वारा पूर्व मे सभी नियोजित शिक्षको को राज्यकर्मी का दर्जा देने का वादा किया गया था। पूर्व के नियमावली मे स्थानान्तरण की सुविधा दी गई थी, जो अभी तक लागु नही की गई। नियमावली से वरीयता भी प्रभावित होगी। उसका कुप्रभाव विद्यालय के शैक्षणिक माहौल पर पडेगा।

इधर मुजफ्फरपुर में परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवासी के नेतृत्व में आन्दोलन का आगाज हो गया। जिले के मड़वन में बीआरसी पर शिक्षक जुटे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदेश अध्यक्ष ने नई शिक्षक नियमावली 2023 को शिक्षकों के हितों के विरुद्ध साजिश करार दिया और कहा कि सरकार को हर हाल में इसे वापस लेना पड़ेगा। इस दौरान सरकार का पुतला दहन किया गया। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह नियमावली शिक्षकों के साथ चुनाव के दौरान किया गया वादा किया वादा धोखाधड़ी के रूप में सामने आया है। इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। राज्य कर्मी बनने का शिक्षकों का सपना सपना ही रह गया और सरकार झटके में शिक्षकों के साथ किए वादे को पैरों तले कुचल दिया है।

कहा कि पूर्व से कार्यरत सभी शिक्षकों को एक सामान्य अभ्यर्थी की तरह छोड़ दिया गया है । नई नियमावली नई बहाली के लिए लाई गई है जिससे पूर्व से कार्यरत शिक्षकों को कोई लाभ नहीं है। आखिर यह नियमावली केवल पूर्व से कार्यरत शिक्षकों को उनकी औकात बताने के लिए ही लाई गई है। उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को जवाब देना चाहिए कि उन्होंने जो चुनाव में वादा किया था क्या यही उनका वादा था ?

राजधानी पटना में भी शिक्षकों का प्रदर्शन शुरू हो गया है। नई नियमावली का विरोध कर रहे शिक्षकों ने आरजेडी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने पार्टी को चुनाव पर्ू्व किए गए वादों की याद दिलाई और बगैर शर्त राज्यकर्मी और समान काम के लिए समान वेतन देने की मांग की।

 

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