बेतिया। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
फाइलेरिया से बचाव हेतु जिले में अभियान चलाकर लोगों को दवा खिलाने का कार्यक्रम दिनांक-10 से 25 फरवरी तक फाइलेरिया मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है। जिलाधिकारी द्वारा 10 फरवरी को इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया था। कार्यक्रम के अनुसार जिले के शत-प्रतिशत व्यक्तियों को 25 फरवरी तक एमडीए की खुराक डीईसी एवं अल्बेनडाजोल की गोली खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इसी परिप्रेक्ष्य में आज जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार द्वारा फाइलेरिया मुक्ति अभियान अंतर्गत सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए) की समीक्षा की गयी। इस अवसर पर माननीया मेयर, नगर निगम, बेतिया, श्रीमती गरिमा देवी सिकारिया, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, डॉ0 रमेश चन्द्रा सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
समीक्षा के क्रम में एसीएमओ द्वारा बताया गया कि लक्ष्य के अनुरूप दो दिनों में जिले के 13 प्रतिशत लोगों को डीईसी एवं अल्बेनडाजोल की गोली खिला दी गयी है। निर्धारित अवधि में जिले के शत-प्रतिशत व्यक्तियों को दवा खिला दी जायेगी। मेयर, नगर निगम, बेतिया द्वारा बताया गया कि निगम के सभी पार्षदों के साथ बैठक कर फाइलेरिया मुक्ति अभियान की जानकारी से अवगत करा दिया गया है। सभी वार्ड पार्षदों ने अपने-अपने वार्डों के व्यक्तियों को अनिवार्य रूप से दवा का सेवन करने को कहा जा रहा है। निगम के सभी वार्डों में फाइलेरिया से बचाव हेतु दवा खिलायी जा रही है।
जिलाधिकारी ने कहा कि नगर निगम अधिकारियों एवं कर्मियों सहित सभी सफाईकर्मियों को भी यह दवा अनिवार्य रूप से खिलायी जाय। साथ ही फाइलेरिया मुक्ति अभियान का वार्डवार व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाय ताकि शत-प्रतिशत लोग दवा का सेवन कर सकें। ज्ञातव्य हो कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है, जिसे सामान्यता हाथीपाँव के नाम से जाना जाता है। व्यक्ति किसी भी उम्र में फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है। फाइलेरिया के लक्षण हाथ और पैर की सूजन (हाथीपाँव) व हाइड्रोसील (अण्डकोष) का सूजन है।
फाइलेरिया से बचाव हेतु जिले में अभियान चलाकर लोगों को दवा खिलाने का कार्यक्रम दिनांक-10 से 25 फरवरी तक फाइलेरिया मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है। फाइलेरिया से बचाव हेतु एमडीए की दवा साल में एक बार घर-घर निःशुल्क दी जाती है। 02 साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों के अलावा यह दवा सभी को खानी है। 02-05 साल के लिए 01 गोली डीईसी एवं 01 गोली अल्बेनडाजोल, 06-14 साल के लिए 02 गोली डीईसी एवं 01 गोली अल्बेनडाजोल था 15 साल तथा उससे बड़े उम्र के व्यक्तियों के लिए 03 गोली डीईसी एवं 01 गोली अल्बेनडाजोल निर्धारित की गयी है।
डीईसी की गोली खाली पेट नहीं खानी है और अल्बेनडाजोल की गोली चबाकर खाना है। दवा स्वास्थ्य कर्मी के सामने ही खाना जरूरी है। मरते हुए परजीवियों के प्रतिक्रिया स्वरूप कभी-कभी सरदर्द, शरीर में दर्द, बुखार, उल्टी तथा बदन पर चकते एवं खुजली जैसी मामूली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलती है। इससे घबड़ाने की आवश्यकता नहीं है, आमतौर पर ये लक्षण स्वतः ठीक हो जाते हैं। विशेष परिस्थिति में नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र से तुरंत संपर्क किया जा सकता है।