चुनाव में हार से बौखलाये युवक ने फेसबुक लाइव आकर सम्राट चौधरी व चिराग पासवान को दी भद्दी-भद्दी गालियां, थानाध्यक्ष ने दर्ज की एफआईआर, मुंबई रह रहा

    मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
    बिहार में महागठबंधन की हार से बौखलाये कुछ लोग अनाप-शनाप बोलकर जातीय वि़द्वेष फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला जिले के घोड़ासहन से सामने आया है। दरअसल एक युवक ने फेसबुक पर लाइव आकर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी से लेकर चिराग पासवान तक को भद्दी-भद्दी गालियां दी. इतना ही नहीं कई जातियों पर भी गंदी टिप्पणी की. वीडियो वायरल होने के बाद थानाध्यक्ष ने अपने बयान पर केस दर्ज किया है. वीडियो बनाने वाला शख्स खुद को मुंबई में बता रहा है. साथ ही चैलेंज दे रहा है कि हिम्मत है तो हमारे घर को तोड़ कर दिखा दो.

    थानाध्यक्ष ने खुद के बयान पर किया केस
    पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन के थानाध्यक्ष संजीव कुमार ने गाली देने वाले शख्स के खिलाफ केस दर्ज कराया है. स्वयं के बयान में थानाध्यक्ष ने उल्लेख किया है कि आज 25 तारीख को एक वीडियो मिला. जिसमें एक युवक अपना नाम राजेश यादव बता रहा था. खुद को घोड़ासहन थाना क्षेत्र के जगिराहा का निवासी बता रहा था. साथ ही एक विशेष जाति का उल्लेख कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को बार-बार और भद्दी-भद्दी गंदी गालियां देकर धमकी दे रहा था.

    मुंबई में रहकर वीडियो बनाया और किया वायरल…

    वीडियो में दिख रहा युवक राजेश कुमार राय जगिराहा कोठी घोड़ासहन का बताया जाता है. थानाध्यक्ष ने बताया है कि इसके घर पहुंचने पर आसपास के लोगों ने बताया कि यह राजेश कुमार राय है. खोजने पर यह अपने घर पर नहीं मिला. पूछताछ में बताया गया कि राजेश कुमार राय मुंबई में रहकर प्राइवेट नौकरी करता है. वर्तमान में मुंबई में ही है. इस वीडियो के वायरल होने से सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है,साथ ही विधि व्यवस्था भंग होने की संभावना है .

    एससी-एसटी एक्ट के तहत भी दर्ज हुआ केस

    घोड़ासहन थाना अध्यक्ष ने खुद के बयान में यह बताया है की वीडियो में जाति विशेष का उल्लेख कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, गृह मंत्री सम्राट चौधरी एवं मंत्री चिराग पासवान को गाली देना, धमकी भरा वीडियो बनाना और वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करना गंभीर अपराध है. चिराग पासवान जो अनुसूचित जाति के हैं, इनको गाली देकर अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम का उल्लंघन किया है. यह संज्ञेय एवं दंडनीय अपराध है. ऐसे में इनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं और एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है.

     

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