मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
रक्सौल नागा रोड के रहने वाले महेंद्र प्रसाद साइबर ठगों के शिकार हो गए। ठगों ने बिजली मीटर अपडेट करने का झांसा देकर उनके आईसीआईसीआई बैंक खाते से कुल 25 लाख 80 हजार 95 रुपये उड़ा लिए। इस घटना के बाद महेंद्र और उनका परिवार सदमे में है। उन्होंने मामले की शिकायत राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल पर दर्ज कराने के साथ-साथ साइबर थाना में लिखित आवेदन भी दिया है।
सरकारी कर्मचारी बनकर किया फोन
महेंद्र ने पुलिस को बताया कि एक अंजान नंबर से उन्हें फोन आया। कॉल करने वाले ने खुद को बिजली विभाग का कर्मचारी बताया और कहा कि उनके नए बिजली कनेक्शन का एक्टिवेशन लंबित है। यदि इसे तुरंत अपडेट नहीं किया गया तो बिजली कनेक्शन बंद हो सकता है। बातचीत के कारण उन्हें कॉल करने वाला सरकारी कर्मचारी जैसा लगा। कुछ देर बाद उस व्यक्ति ने दूसरे नंबर 9939043072 से दोबारा फोन किया और मीटर अपडेट करने की सलाह दी। उसने कहा कि यह प्रक्रिया बिजली विभाग की अधिकृत है।
फर्जी ऐप डाउनलोड करवा कर किया खाते पर नियंत्रण
ठग ने महेंद्र को व्हाट्सएप के माध्यम से ‘मीटर अपडेट’ नामक एक अप्लिकेशन का लिंक भेजा और उसे तुरंत डाउनलोड करने के लिए कहा। जब तक ऐप इंस्टॉल नहीं हुआ, ठग लगातार कॉल पर बना रहा। इसके बाद उसने महेंद्र से ट्रायल के लिए 100 रुपये का भुगतान करवाया। भुगतान होते ही उसने कॉल काट दिया।
तीन दिन बाद खुला बड़ा धोखा
महेंद्र ने बताया कि इसके बाद उनके फोन पर लगातार बैंक से मैसेज आते रहे, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। दो-तीन दिन बाद जब उन्होंने मैसेज खोले तो उनके होश उड़ गए। खाते से सात बार में कुल 25,80,095 रुपये की निकासी हो चुकी थी।
साइबर पुलिस ने शुरू की जांच
घटना की जानकारी मिलते ही महेंद्र ने तुरंत राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद वह साइबर थाना पहुंचे और प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया।
साइबर डीएसपी अभिनव पराशर ने बताया कि आवेदन के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि डिजिटल ट्रांजेक्शन की ट्रेल और टेक्निकल एनालिसिस के जरिए आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।
जीवनभर की कमाई गंवाकर टूट चुके हैं महेंद्र
महेंद्र ने बताया कि यह रकम उनकी पूरी उम्र की जमा पूंजी थी। उन्होंने वर्षों की मेहनत और बचत से यह पैसा इकट्ठा किया था। अब पैसे की अवैध निकासी ने उन्हें आर्थिक और मानसिक रूप से तोड़ दिया है। पूरा परिवार शोक और तनाव में है। महेंद्र को अब सिर्फ साइबर पुलिस पर भरोसा है कि उनका पैसा वापस मिल सकेगा।
























































