बिहार डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत और व्यापक बनाने की दिशा में मंगलवार का दिन महत्वपूर्ण रहा। मंगल पांडेय ने राज्य के नए स्वास्थ्य मंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया और चार्ज लेते ही विभाग में बड़े पैमाने पर बदलाव और सुधार के संकेत दिए। पटना स्थित स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय में पदभार ग्रहण समारोह के दौरान उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की और प्राथमिकता वाले मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।
मंगल पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार सरकार की प्राथमिकता है, इसलिए विभाग में खाली पड़े पदों को जल्द भरने की प्रक्रिया तेज की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आने वाले दिनों में स्वास्थ्य विभाग में 33 हजार से अधिक पदों पर नियुक्ति की जाएगी। इनमें 26 हजार से अधिक नियमित पद शामिल हैं, जिनकी बहाली प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। मंत्री ने साफ कहा कि अगले कुछ हफ्तों में इन पदों पर बहाली की आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी जाएगी, जिससे अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में जनशक्ति की कमी दूर होगी।
इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (छभ्ड) के तहत 7600 पदों पर शीघ्र बहाली का भी ऐलान किया। एनएचएम के तहत यह भर्ती राज्य की प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को गति देने में बड़ा योगदान देगी। मंत्री ने कहा कि राज्य के सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर लंबे समय से कर्मियों की कमी का सामना करना पड़ रहा था। अब इन नियुक्तियों के बाद स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होगा।
मंगल पांडेय ने कहा कि बिहार सरकार स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि राज्य में अगले वर्ष तीन नए मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हो जाएंगे। ये मेडिकल कॉलेज वैशाली, भोजपुर और सीवान जिलों में स्थापित किए जा रहे हैं। इनके बन जाने से न केवल चिकित्सा शिक्षा की सीटों में वृद्धि होगी बल्कि बेहतर इलाज और आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ भी आम जनता को मिलेगा।
इन मेडिकल कॉलेजों के निर्माण से स्थानीय युवाओं को डॉक्टर बनने के अधिक अवसर मिलेंगे, साथ ही क्षेत्रीय अस्पतालों में विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेजों के साथ-साथ अत्याधुनिक उपकरणों और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर का भी निर्माण किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं को राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर राज्यों की श्रेणी में शामिल कराया जाए।
पदभार ग्रहण के बाद मीडिया से बातचीत में स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर आम जनता की शिकायतों को गंभीरता से लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में मरीजों को मिलने वाली सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए नियमित मॉनिटरिंग की व्यवस्था की जाएगी। हर जिले में अस्पताल प्रबंधन को जवाबदेह बनाया जाएगा और लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मंगल पांडेय ने आश्वासन दिया कि दवाइयों की उपलब्धता, डॉक्टरों की उपस्थिति, स्वास्थ्य केंद्रों के संचालन और आपातकालीन सेवाओं में सुधार उनकी प्राथमिकता में शामिल है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के डिजिटलीकरण पर भी जोर दे रही है। आने वाले समय में मरीजों के लिए डिजिटल हेल्थ आईडी, ऑनलाइन अपॉइंटमेंट और टेलीमेडिसिन सेवाएं अधिक सुलभ होंगी।
राज्य में फैलने वाली मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण के लिए भी उन्होंने विशेष रणनीति बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि डेंगू, एंथ्रेक्स, मलेरिया और अन्य संक्रामक रोगों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पहले से ही तैयारी में जुटा है। आवश्यक दवाइयों और उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।
मंगल पांडेय ने कहा कि सरकार की योजना सिर्फ पदों को भरने तक सीमित नहीं है बल्कि अस्पतालों में बेहतर सुविधाएं और मजबूत स्वास्थ्य ढांचा देना भी प्राथमिकता है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि स्वास्थ्य सेवाओं की हर स्तर पर समीक्षा की जाए और जहां कमी मिले, तुरंत कार्रवाई की जाए।
इस तरह पदभार ग्रहण करते ही मंगल पांडेय ने स्वास्थ्य विभाग के लिए आने वाले दिनों की दिशा तय कर दी है। बड़े पैमाने पर बहाली, नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण और सेवाओं में सुधार के उनके वादे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को नई ऊर्जा देने की क्षमता रखते हैं। जनता अब उम्मीद कर रही है कि इन घोषणाओं का धरातल पर असर जल्द दिखाई देगा।























































