बिहार डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन में साल 2016 में नेपाली बॉर्डर पर आईईडी बम लगाकर ट्रेन को पलटने की साजिश रची गई थी। एनआईए की जांच में इस बात की जानकारी मिली है कि इस साजिश के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ था। इस मामले में पटना की एनआईए कोर्ट ने 6 आरोपियों को आतंकी साजिश रचने का दोषी करार दिया है। दरअसल, 30 सितंबर 2016 को पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन रेलवे स्टेशन के पास नेपाली बॉर्डर पर रेल ट्रैक पर आईईडी बम प्लांट करने की सूचना मिली थी। जिसके बाद समय रहते बम निरोधक दस्ते ने बम को डिफ्यूज कर दिया था, जिससे एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया था। इस घटना की जांच का जिम्मा एनआईए को सौंपा गया था। जांच के दौरान एनआईए को इस साजिश के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ होने की जानकारी मिली।
जांच के दौरान पता चला कि आईएसआई ने स्थानीय लोगों को पैसा देकर उन्हें इस साजिश में अपने साथ मिला लिया और ट्रेन को उड़ाने की साजिश रच डाली थी लेकिन समय रहते साजिश का खुलासा हो गया था। एनआईए ने इस मामले में कुल 9 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। 9 में से तीन आरोपी अभी भी फरार हैं। एनआईए की कोर्ट ने इस मामले में मोती लाल पासवान, रंजय साह, मुकेश यादव, राकेश कुमार यादव, गजेन्द्र कुमार शर्मा और उमाशंकर पटेल को दोषी करार दिया है। दोषियों में गजेन्द्र कुमार शर्मा भोजपुरी गायक है। स्पेशल कोर्ट के जज जस्टिस अभिजीत कुमार ने सुनवाई के दौरान कहा कि अभियोजन ने साबित कर दिया है कि इन लोगों ने ट्रेन को उड़ाने की साजिश रची थी। बेउर जेल में बंद सभी दोषियों के सजा का एलान 5 अक्टूबर को होगा।