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मां के नाम पर 11 और पिता के नाम 2 प्लॉट, पटना के बेऊर जेल अधीक्षक की काली कमाई का खुलासा

’- केंद्रीय कारा मोतिहारी के जेल अधीक्षक रह चुके हैं विधु कुमार’

बिहार डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
बेऊर आदर्श कारा के जेलर विधु कुमार को लेकर अब एक और बड़ा खुलासा हुआ है। इन्होंने न सिर्फ गलत तरीकों से खुद अपने नाम पर पैसे कमाए हैं बल्कि इस वैध कमाई से ’पटना, मोतिहारी, शिवहर, पूर्णिया और कटिहार’ में एक दर्जन से अधिक जमीनें खरीदीं हैं। इसमें एक दर्जन अचल संपत्ति मां शैलजा देवी और पिता गोपाल शरण सिंह के नाम पर खरीदी गई है। इनकी कीमत 1 करोड़ 42 लाख 69 हजार रुपये है। हालांकि बाजार मूल्य इससे कहीं अधिक है।

जानकारी के मुताबिक विधु कुमार ने पटना में सगुना मोड़ के पास मां के नाम से 2.34 डिसमिल जमीन और इस पर बना तीन मंजिला मकान भी शामिल है। यहां भी ईओयू (आर्थिक अपराध इकाई) की टीम ने छापेमारी की थी। ईओयू की तरफ से इस मामले में दर्ज एफआईआर में इससे जुड़े सभी तथ्यों का खुलासा किया गया है। बताया गया है कि प्लॉट कटिहार, मोतिहारी, शिवहर और पूर्णिया सदर में मौजूद हैं। मोतिहारी के बासनपुर अगरवा में काफी बड़ा 35.35 डिसमिल रकवा की जमीन का प्लॉट भी मां के नाम से है। उनकी मां शैलजा देवी एक घरेलू महिला हैं। पिता गोपाल शरण सिंह सेना से सेवानिवृत हवलदार हैं। वे वर्ष 2014 में ही सेवानिवृत हो गए थे। इन्हें पेंशन मिलने से पहले इनके बैंक खाते में 15 लाख रुपये जमा किए गए थे। इसके अलावा विधु कुमार, शैलजा देवी, गोपाल शरण सिंह और पत्नी आरची कुमारी के नाम से करीब 21 बैंक खाते बरामद किए गए हैं।

इनमें 29 लाख 83 हजार रुपये जमा हैं। इसकी जांच चल रही है। पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, दानापुर के सगुना मोड़ के पास जमीन खरीदकर भव्य तीन मंजिला मकान भी बनाया गया है, जिसके निर्माण में करीब 60 लाख की लागत आने का अनुमान है। इस संपत्ति पर अप्रैल, 2021 से प्रोपर्टी टैक्स दिया जा रहा है। जांच रिपोर्ट के अनुसार, आरची कुमारी विधु कुमार की दूसरी पत्नी हैं, जिसे उसने नीरज सिंह के साथ कलश आवास डेवलपर्स में पार्टनर निदेशक बनाया है। इसके अलावा रक्सौल के सीए कमल मसकारा के फर्म में नीतू सिंह को निदेशक बनाया है। नीतू और विधु के बैंक खाते में लेन-देन किए जाने की भी सूचना है। इसके अलावा विधु कुमार के माता-पिता, पत्नी के बैंक खातों की भी जांच की गई है, जिसमें नकद राशि पाई गई है। कई खाते ऐसे भी हैं, जिससे पैसे की निकासी न के बराबर हुई है। गौरतलब हो कि विधु कुमार नवंबर 2010 में सरकारी नौकरी में आए। 14 साल के उनके कार्यकाल में उन्हें वेतन मद से 90 लाख रुपये की आमदनी हुई है। जबकि उनके पास 2 करोड़ 42 लाख रुपये से अधिक की चल एवं अचल संपत्ति बरामद की गई है। यह उनके वास्तविक आय से 146 फीसदी अधिक की अवैध संपत्ति का मामला बनता है। जांच पूरी होने के बाद इसमें बढ़ोतरी की संभावना है।

 

 

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