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राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, उद्यान विभाग व लीचीपुरम उत्सव समिति के बैनर तले ‘स्टीम बग’ के समूल नाश को ले कार्यशाला

मेहसी। अशोक वर्मा
लीची अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर और उद्यान विभाग पूर्वी चंपारण के संयुक्त तत्वाधान में आज मेहसी प्रखंड स्थित मिर्जापुर के लीची बागान में लीची से जुड़े बागों की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन अनुसंधान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक संजय कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर सर्वप्रथम सुदिष्ट नारायण ठाकुर द्वारा समस्याओं को उठाते हुए कहा कि पिछले 4 वर्षों से यहां के लीची किसान स्टीमबग नामक कीट के हमले से परेशान हैं। उनकी आमदनी का एकमात्र जरिया लीची ही है जो इन कीटों के हमले से प्रभावित हो रहा है। किंतु इस दिशा में कोई ठोस पहल होता हुआ नहीं दिख रहा है।
वहीं सामाजिक कार्यकर्ता अमर द्वारा स्टीमबग के साथ-साथ लीची माइट जैसे कीट पतंगों के बढ़ते प्रभाव और लीची के बागों में नमी की कमी के साथ-साथ फलों के दाने में आ रही गिरावट तथा समय से पहले फलों का गिरना, पिल्लू पड़ जाना इत्यादि समस्याओं को वरिष्ठ वैज्ञानिकों के समक्ष रखते हुए इसके समाधान के बाबत अपनी बातों को रखते हुए जिला उद्यान विभाग कृषि विभाग तथा लीची अनुसंधान केंद्र से जुड़े हुए अधिकारियों वैज्ञानिकों से इसके त्वरित समाधान की दिशा में पहल करने की अपील करते हुए कहा कि जिस प्रकार टिडडी दलों को रोकने के लिए केंद्र सरकार के द्वारा बड़े पैमाने पर इसकी पहल की गई, ठीक उसी प्रकार लीची किसानों को राहत देने हेतु एक साथ ड्रोन द्वारा सभी बगीचों पर सरकार द्वारा छिड़काव कराया जाए तथा अन्य फसलों की तरह फलों का भी बीमा कराया जाए इसके लिए सरकार के स्तर से पहल की जानी चाहिए, उन्होंने कहा कि यह एक प्रकार का कोविद-19 की तरह किसानों पर एक बड़ा आर्थिक हमला है इसे जलवायु परिवर्तन के साथ जोड़ कर देखे जाने की अपील वैज्ञानिकों से करते हुए मेहसी के लीची किसानों को बचाने की मांग किया। वरिष्ठ वैज्ञानिक संजय कुमार सिंह द्वारा उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए कहा गया कि लीची किसान अच्छी फसल के वास्ते समय-समय पर कीट रोधी दवाओं का छिड़काव करें और गिरे हुए कीटों को जमीन के अंदर दफनाने की व्यवस्था करें। और लीची के बागों में नमी के लिए समय-समय पर सिंचाई प्रबंधन के साथ-साथ बाग प्रबंधन पर भी ध्यान दें, इससे किसानों को खासा लाभ मिल सकता है।

जिला उद्यान पदाधिकारी श्रीकांत कुमार पांडेय द्वारा अपने संबोधन में कहा गया है कि सरकार द्वारा सिंचाई के लिए 90ः अनुदान की व्यवस्था है इसका जो किसान लाभ लेना चाहते हैं वह हमारे कार्यालय से संपर्क करें और इसका लाभ उठाए। उन्होंने कहा कि विधानसभा में स्थानीय विधायक श्याम बाबू यादव द्वारा उठाए गए प्रश्नों का जवाब हम लोगों के द्वारा भेजा जा चुका है, अब सरकार के हाथ में है जब वहां से हमें ग्रीन सिगनल मिलेगा हम लोग कार्रवाई आरंभ कर देंगे। मौके पर किसानो में नईमूल हक, मेराज अहमद, शाहिद रजा, हामिद रजा, संजय सिंह, अलबेला सिंह, चुलबुल ठाकुर,लतिफुर रहमान, गणेश कुशवाहा, श्रीकांत कुमार,लड्डू कुमार द्वारा सामूहिक रूप से यहां के किसानों के लिए एसी ट्रेन और कार्गो प्लेन की सुविधा मेहसी के किसानों के लिए उपलब्ध कराई जाए ताकि यहां के किसान अपने उत्पादन को देश के दूसरे हिस्सों तक भेज सकें । इन मांगों पर जिला उद्यान पदाधिकारी ने लिखित रूप से आवेदन आमंत्रित किया, जिसे तक्षण यहां के किसानों द्वारा जिला उद्यान पदाधिकारी को पांच मांगो के साथ आवेदन समर्पित किया गया।

1. एकीकृत रूप से लीची के फलों को बचाने के लिए तत्काल छिड़काव की सरकारी स्तर पर एक साथ व्यवस्था की जाए। 2. पावर प्रेशर स्प्रे मशीन की व्यवस्था अनुदानित दर पर उपलब्ध कराई जाए।
3.अनुदानित कीटनाशक दवाओं की विश्वसनीय स्टॉल और समाधान केंद्र की स्थापना मेहसी में शीघ्रता से की जाए।
4.सरकारी स्तर पर सभी लीची बागान का बीमा सुनिश्चित किया जाए
5. कार्गो प्लेन और ऐसी ट्रेन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए तथा सरकारी दर पर सिंचाई की सुविधा किसानों के लिए उपलब्ध कराई जाए।

मौके पर एन आर सी एस डी पांडेय,बच्चा पांडेय, देहात संस्था के अभिनव, उद्यान पदाधिकारी रणधीर भारद्वाज, अमित सिंह, पवन कुमार, किसानों में एहसान अली, शाहिद रजा, रिजवान अहमद, नईमूल हक लतिफुर रहमान, जियाउर्रहमान, गणेश कुशवाहा, मेराज अहमद, अब्दुल रशीद,अबुल कलाम आजाद, डॉ संजय सिंह ने अपनी समस्या जोरदार ठंग से उठाई।

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