नेशनल डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
देश की राजधानी दिल्ली में दो नाबालिगों ने अपने दोस्त को मार डाला। इरादा फिरौती मांगना था, मगर पुलिस के हत्थे चढ़ गये। बता दें कि टीवी पर चलने वाले सीआईडी सीरियल को देखकर दो नाबालिगों ने अपने दस साल के दोस्त की हत्या कर दी। आरोपियों का मकसद हत्या करने के बाद उसके परिवार वालों से फिरौती मांगना था। लेकिन जांच के दौरान एक झूठ ने आरोपियों की पोल खोल दी।
पुलिस ने हत्या के मामले में 17 और 12 साल के लड़के को पकड़ा है। इनकी निशानदेही पर पुलिस ने श्रीराम कालोनी में स्थित एक धर्मस्थल से बच्चे का शव बरामद कर लिया है। आरोपियों ने धर्मस्थल की छत पर बच्चे की हत्या करने के बाद ईंट और रेत डालकर शव को ढक दिया था।
मृत बच्चे की शिनाख्त फरहान(10) के रूप में हुई है। वह अपने पिता शमीम, मां फरजाना, बड़े भाई अरसलान और तीन बहनों के साथ श्रीराम कालोनी गली नंबर 11 में रहता था। शमीम की घर में जूते बनाने की फैक्टरी है। फरहान इलाके में स्थित एक स्कूल की पांचवीं कक्षा में पढ़ता था। साथ ही घर के पास स्थित धर्मस्थल में कुरान के हाफ्जे की पढ़ाई करता था। शमीम ने बताया कि गुरुवार को दोनों बेटों के साथ नमाज पढ़ने गया था। नमाज पढ़कर वह घर आ गया, जबकि दोनों बच्चे वहां पढ़ाई करने के लिए रूक गए। घर पहुंचने के कुछ देर बाद धर्मस्थल से फोन आया और बताया कि फरहान यहां नहीं है।
उसके बाद परिजनों ने फरहान की तलाश शुरू की। काफी तलाश के बाद जब उसका कोई सुराग नहीं मिला तो परिजनों ने उसके गुमशुदा होने की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने धर्मस्थल के मौलवी को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की, साथ ही उसके संग पढ़ने वाले बच्चों से भी पूछताछ की।
पुलिस ने धर्मस्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच की। फरहान धर्मस्थल जाता हुआ दिखा लेकिन बाहर निकलते नहीं दिखा। बच्चों से पूछताछ में दो बच्चों ने बताया कि फरहान उनके साथ मोमोज खाने गया था, वहां से वह कहीं चला गया। पुलिस को उन दो बच्चों पर शक हुआ। कड़ाई से पूछताछ करने पर उन्होंने अपराध स्वीकार कर लिया। पूछताछ में बच्चों ने बताया कि टीवी सीरियल सीआईडी देखकर घटना को अंजाम दिया। उनका मकसद बच्चे की हत्या करने के बाद उसके परिवार वालों से फिरौती मांगना था। उन्हें लगता था कि शमीम के पास काफी पैसे हैं और वह फिरौती दे देगा।