Home कथा-कहानी थ्रिल, सस्पेंस व रिवेंज ड्रामाः औरत नहीं नागिन

थ्रिल, सस्पेंस व रिवेंज ड्रामाः औरत नहीं नागिन

जिस बीवी को वह वफा की देवी समझता था, जिसके अपहरण के बाद से वह पागलों की तरह उसे पाने के लिए दर-दर भटक रहा था, उसकी गंदी सच्चाई सामने आई तो वह इस सदमे को सह नहीं सका, फिर उसने उठाया एक खतरनाक कदम। थ्रिल, सस्पेंस से भरी यह पेशकश खास आपके लिए।

जिस बीवी को वह वफा की देवी समझता था, जिसके अपहरण के बाद से वह पागलों की तरह उसे पाने के लिए दर-दर भटक रहा था, उसकी गंदी सच्चाई सामने आई तो वह इस सदमे को सह नहीं सका, फिर उसने उठाया एक खतरनाक कदम। थ्रिल, सस्पेंस से भरी यह पेशकश खास आपके लिए।

सचिन कुमार सिंह।

नीरज के मोबाइल के स्क्रीन पर अनजाना नंबर उभरा तो पहले तो सोचा कि फोन काट दे, मगर न जाने क्या सोंचकर उसने फोन रिसीव कर लिया. फोन करने वाले ने उसकी मां-बहन की गाली देते हुए धमकी भरे स्वर में कहा-’’ अबे! साले हिजड़े की औलाद. सुन रहा हूं कि तू मेरे खिलाफ पुलिस के पास कम्पलेन लिखाने गया था. बाज आ तू अपनी गलत हरकतों से, वरना तेरी बीवी तो हाथ से गयी ही, तेरी जान भी चली जाएगी, मार डालूंगा तूझे.’’
’’कौन…कौन बोल रहे हैं आप…बड़ी मुश्किल से नीरज बस इतना ही कह पाया था.
’’तेरी बीवी का आशिक नासिर बोल रहा हूं, एक राज की बात बताउं, तेरी बीवी तेरे पास रहना नहीं चाहती, उसे तेरे बजाय मेरी बांहों का सहारा भाने लगा है. तेरी बीवी को उड़ाकर ले गये बमुश्किल से तीन-चार दिन ही हुए हैं, मगर इतने ही दिनों में हमने अनगिनत बार जन्नत की सैर की है. यूं समझ ले मुझे तेरी बीवी के साथ सोने में काफी मजा आ रहा है. मैंने एक से बढ़कर एक लड़कियों को अपनी बिस्तर पर सुलाया है, मगर उनमें वो बात नहीं थी जो तेरी बीवी में है. काफी गर्म चीज है साली. अब तो मैं बकायदा उसका धर्म परिवर्तन कर उससे निकाह करने वाला हूं, तूझे तो कोई आपत्ति नहीं.’’

फोनकर्ता की बात ने नीरज को इतना सुलगा दिया कि वह हत्थे से उखड़ते हुए बोला-’’ बकवास बंद कर हरामी की औलाद, तू समझता है कि दो-चार लठैतों का सहारा मिल गया तो बहुत बड़े तोप हो गये. खुद को कानून से उपर समझने की भूल मत करना. एक बात तू कान खोलकर सुन ले, मैं तेरी धमकी से अब डरने वाला नहीं. अपनी बीवी को तेरी चंगुल से छुड़ाने के लिए मुझे किसी भी हद तक जाना पड़े जाउंगा. अगर कानून से मदद नहीं मिली तो खुद से पहल करूंगा और तूझे पाताल से भी ढूंढ़ निकालूंगा. आखिर किसी की बीवी का कोई अपहरण कर लेगा, जंगल राज है क्या?’’

’’नहीं है तो क्या, राज बदलने से क्या होता है, होता वहीं है जो हमारे जैसे दुशासन चाहते हैं. तेरी बीवी का तो कई बार चीरहरण हो चुका है, अब काहे को उसके पीछे अपनी जान देना चाहता है. मेरी सलाह है कि तू उसे भूल जा.’’
’’हर्गिज नहीं, मैं जानता हूं कि तूने मेरी बीवी को जबरन अपने कब्जे में कर रखा है, वरना वह स्वेच्छा से तूझे अपना जिस्म कभी नहीं सौंप सकती. वैसे भी भारतीय नारी एक बार जिसे अपना पति मान लेती है, ताउम्र उसकी होकर रहती है.’’

’’तू किस जमाने की बात कर रहा है बीड़ू ,यह सन संतावन नहीं नया जमाना है और नये जमाने की औरत पति पसंद नहीं आने पर उसे लात मारने में जरा भी देर नहीं करती. अब तू अपना ही उदाहरण ले-ले. तेरी पत्नी भी यहीं चाहती है कि तू उसके पीछे सिर खपाने की बजाय उसे हमेशा के लिए भूल जाय. आखिर शादी के इतने सालों बाद भी तू उसे कौन सा सुख दे सका है. एक औलाद भी तो उसकी गोद में नहीं डाल सका. अब चला है बड़ी-बड़ी बातें बनाने. खैर,अब भी मेरी नेक सलाह मान ले, सुखी रहेगा. वरना तूझे ऐसी जगह ले जाकर मारूंगा जहां तूझे कफन भी नसीब नहीं होगा.’’
’’यह गीदड़भभकी किसी और को देना. काश, उस समय मैं घर पर होता, तबदेखता कि तुझमें कितनी ताकत है.मर्द का बच्चा है तो आकर आमने-सामने निबट ले. फोन पर क्या धमकी दे रहा है साले…और हां मुझे मौत का डर मत दिखा. मेरे दिल से मौत का खौफ तो उसी दिन निकल गया था, जिस दिन तूने मेरी बीवी का अपहरण किया. तू इस इलाके का दादा बनता है न, मौका आने दे मैं तेरी सारी दादागिरी निकाल दूंगा.’’
’’अच्छा, तो अब चिंटी के भी पर निकल आये हैं, खैर मुझे तेरी धमकी कबूल है. मैं भी तूझे आजमाने को मरा जा रहा हूं. इतना कहकर उसने फोन काट दिया था.

नीरज मारे गुस्से में बड़बड़ाया-’’ हरामजादे, तूने सांप के बिल में हाथ डाल दिया है. मैं तूझ पर दोतरफा वार करूंगा. एक तरफ तो तेरे पीछे पुलिस होगी तो दूसरी तरफ मैं और मेरे दोस्त…देखता हूं तू कब तक बचता है, अब तो मेरी जिंदगी का एक ही मकसद है तेरी मौत, जिस दिन मैं अपने हाथों तूझे कुत्ते की मौत मार दूंगा, समझ लूंगा सारे तीरथ के दर्शन एक साथ हो गये. इतना कहने के साथ ही वह आगे की रणनीति के बारे में सोंचने लगा था.
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काफी सोंच-विचार के बाद नीरज ने एसपी से सीधा मिलकर अपनी गुहार लगाने का निश्चय किया और सीधे उनसे मिलने जा पहुंचा.
उस दिन एसपी साहेब काफी बीजी थे, अतः उसे कई घंटे इंतजार करना पड़ा. खैर अब वह एसपी साहेब के चैम्बर में उनसे मुखातिब था. एसपी ने उसकी परेशानी भांपते हुए काफी नम्र स्वर में कहा-’’ आपकी जो भी समस्या है, निःसंकोच होकर कहिए, आपको हरसंभव मदद मिलेगी, पुलिस सदैव आपलोगों के साथ है.’’ उनके इस कथन पर नीरज व्यंग्य मिश्रित स्वर में बोला-’’ तभी तो दिनदहाड़े एक शरीफ व इज्जतदार आदमी की पत्नी का घर में घुसकर अपहरण कर लिया जा रहा है और पुलिस को उसकी हवा तक नहीं लग रही.’’

उसकी बातें सुन एसपी ने चैंकते हुए कहा-’’ क्या कह रहे हैं आप, जरा अदब से बात किजिए. इस तरह पुलिस की कार्यप्रणाली पर उंगली नहीं उठा सकते आप. वैसे भी पुलिस के पास कोई जादुई आइना तो है नहीं कि जिसे घुमाकर वह शहर के कोने-कोने पर नजर रख सके. उसे भी आमलोगों के सहयोग की जरूरत है, आप जब तक सहयोग नहीं करेंगे, अपराध का ग्राफ गिरने वाला नहीं, हम लाख कोशिश कर लें. आप अपने साथ हुए घटना को विस्तार से बतायेंगे.’’
’’क्या बताउं सर, वह बदनसीब पति मैं ही हूं, जिसकी पत्नी को इस इलाके का गुंडा नासिर उठाकर ले गया और अब फोन पर मुझे धमकी दे रहा है कि अगर पुलिस में कम्पलेन लिखायी तो मुझे जान से मार देगा. मैं जानता हूं कि आपके पास आने के बाद मेरी मुसीबतें और बढ़ने वाली हैं, मगर मेरे पास इसके सिवाय कोई चारा भी तो नहीं है. मौत के डर से मैं घर में चुपचाप नहीं बैठ सकता. अगर मेरी बीवी मुझे वापस नहीं मिली तो या तो मैं उसे खुद ढ़ूंढ़ने का प्रयास करूंगा या फिर आपके कार्यालय के सामने आत्मदाह कर लूंगा, क्योंकि मेरे पास इसके अलावा कोई तीसरा विकल्प नहीं बचता.’’

उसके इस कथन पर एसपी साहेब ने बेचैनी से पहलू बदलते हुए कहा-’’ मिस्टर नीरज, आपको ऐसा कुछ करने की जरूरत नहीं. मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि एक-दो दिनों के अंदर वह गुंडा जेल की सलाखों के पीछे होगा और आपकी बीवी सकुशल आपके पास.’’

एसपी साहेब के कथन पर नीरज थोड़ा-बहुत आश्वस्त तो हुआ, मगर उसे अभी भी भरोसा नहीं हो रहा था कि पुलिस एक-दो दिनों के अंदर उसकी पत्नी को ढ़ूंढ़ निकालेगी. वह सिर्फ कानून के भरोसे हाथ पर हाथ धरे बैठा नहीं रहना चाहता था, अतः इस काम में उसने अपने चंद दोस्तों की मदद लेने की सोंची, मगर सभी ने बहाने बनाकर इंकार कर दिया. नीरज की समझ में नहीं आ रहा था कि ऐसे में वह खुद क्या करे?

उसकी पत्नी अभी भी एक गुंडे के कब्जे में है, इसी सोंच नेे काफी सोंच-विचार के बाद उसने यह फैसला किया कि जान के भय से हाथ पर हाथ धर कर बैठने व समाज के व्यंग्यबाणों को झेलने से बेहतर है योधा की तरह लड़ा जाय. या तो जीत मिलेगी या मौत…मुझे तो हर हाल में दोनों में से कोई एक चीज ही चुनना है. इस निश्चय ने उसके चेहरे पर नयी चमक जगा दी थी. वैसे नीरज ने मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ले रखी थी, मगर एके- 47 व 56 के जमाने में इससे काम नहीं चलने वाला था. उसे भी हथियार की जरूरत महसूस होने लगी थी. वह इस बात को भलीभांति जानता था कि उन गुंडों के पास अत्याधुनिक हथियार अवश्य होंगे, ऐसे में कम से कम एक पिस्तौल का जुगाड़ तो करना ही था. खैर काफी भागदौड़ व पैसा खर्च करने के बाद उसने कहीं से एक पिस्तौल का जुगाड़ कर ही लिया. नसीम के अड्डे के बारे में वह पहले ही पता कर चुका था, अब उसे बेसब्री से रात होने का इंतजार था.
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रात गहराते ही एक साया नसीम के अड्डे के आसपास लहराते दिखायी दिया. वह और कोई नहीं नीरज ही था, जो अपने गंतव्य पर पहुंच नसीम के छिपने के ठिकान को ढ़ूंढ़ने में लगा हुआ था. नसीम का अड्डा एक वीरान जगह पर था, शायद
इधर दिन में भी लोग आने से डरते होंगे,
ऐसे में उसे स्वपन में यह गुमान नहीं होगा कि कोई व्यक्ति उसकी गर्दन नापने की गर्ज से उसके अड्डे में घुसपैठ कर चुका होगा. नीरज पीछे के रास्ते से अंदर दाखिल हुआ,फिर खंभे का सहारा ले
खिड़की के रास्ते एक कमरे में प्रवेश कर गया. कमरे में घुप्प अंधेरा था, अतः उसने साथ में लायी टार्च जलायी और तेजी से मुख्य दरवाजे को खोलकर कारीडोर में आ गया. चारों ओर निस्तब्ध शांति थी. इसका मतलब यह था कि नासिर के गुर्गे भी बेफिक्र हो अपनी नींद पूरी करने में जुटे हुए थे. नीरज के लिए यह सुनहरा मौका था, और वह इस मौके का फायदा उठाने की गर्ज से नासिर के कमरे की तलाश में जुट गया. इसी क्रम में नीरज को एक कमरे से किसी नारी के खिलखिलाने की आवाज सुनायी दी. इस आवाज को नीरज सैकड़ों की भीड़ में भी पहचान सकता था. यह आवाज उसकी बीवी की थी. वह गहरी सोंच में डूब गया. उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि अगर उसकी बीवी को जबरन अगवा करके यहां रखा गया था और सबकुछ उसकी मनमर्जी के खिलाफ हो रहा था तो फिर यह खिलखिलाहट कैसी?
जहां तक उसकी यादाश्त बता रही थी, स्वयं उसकी बीवी ने कई बार उससे शिकायत की थी कि उसे आते-जाते एक गुंडा छेड़ता रहता है. एक दिन वह गुस्से से तमतमाते हुए पहंुची और उस पर सावन की घटा की तरह बरसते हुए बोली-तुम घर में चूड़ियां पहन कर बैठो, और बाहर एक दो टके का गुंडा तुम्हारी बीवी का हाथ सरेआम पकड़ उसकी इज्जत से खेलने की कोशिश करे.
खैर, आज मैंने उसे ऐसा करारा तमाचा मारा है, जिसकी गूंज उसे काफी दिनों तक सुनायी पड़ती रहेगी और उसे जरा भी गैरत बची होगी तो फिर मुझसे उलझने का साहस नहीं कर पायेगा वह हरामी.
तब काफी समझाने-बुझाने पर वह शांत हुई थी. ऐसे में उसी गुंडे की कैद में पड़ी औरत क्या इस तरह बेफिक्र हो खिलखिला सकती है? उसे अभी भी अपने इस सवाल का जवाब नहीं मिल सका था. उसे दाल में कुछ काला नहीं, पूरी दाल ही काली नजर आ रही थी. वह बिल्ली सी चाल चलते हुए कमरे के दरवाजे के समीप पहुुंचा और की-होल पर आंख गड़ा दी.

कमरे में हल्की दूधिया रोशनी फैली हुई थी. नासिर व उसकी बीवी दोनों एक-दूसरे में उलझे हुए थे। दोनों का मधुर मिलन साफ चुगली खा रहा था कि उसकी बीवी जबरदस्ती नहीं आई, मरजी से आई है। मतलब साफ था कि उसने उसे धोखा दिया था।
नीरज यह सब देखकर बुरी तरह खौल उठा था. उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि जो औरत उसके सामने हमेशा लाजवंती बनी रहती थी वह एक अंजान मर्द के साथ बेहयायी का ऐसा नंगा नाच कैसे कर सकती है. कहीं उसकी नजरें तो धोखा नहीं खा रही, मगर हकीकत से वह कब तक मुंह मोड़ सकता था. इसका मतलब मेरी बीवी का अपहरण नहीं हुआ वरन वह स्वेच्छा से यहां आयी है. मगर दूसरे ही पल उसने इस सोंच को काफी बेरहमी से झटक दिया. नहीं-नहीं, ऐसा नहीं हो सकता,उसकी बीवी उसे धोखा नहीं दे सकती, हो सकता है इस गुंडे ने उसे इतना मजबूर कर दिया हो कि न चाहते हुए भी वह ऐसा करने को मजबूर हो गयी हो. लेकिन जल्द ही नासिर के कथन ने उसके इस भ्रम को दूर कर दिया, नासिर उसकी बीवी से कह रहा था-’’जानेमन, तुम यहां मेरे साथ ऐश कर रही हो और उधर तुम्हारा पति बेचारा तुम्हे मेरी कैद से छुड़ाने के लिए दिन-रात एक किये हुए होगा. मारे टेंशन के उसे रात में नींद भी नहीं आ रही होगी, जब भी सोने की कोशिश ,करता होगा तुम्हारा ख्याल उसकी नींद उड़ा देता होगा. अब उस बेचारे को क्या पता कि तुम्हे मैं आशिक मिठुआ लग रहा है.

जवाब में उसकी पत्नी का स्वर गूंजा-’’ अपने अपहरण का नाटक रचने से मुझे दो फायदे होने वाले हैं. एक तो दुनिया की नजर में मैं चरित्रहीन साबित होने से बच गयी, दूसरे तुम्हे मेरे पति को मारने का एक बहाना मिल गया. अब जितना जल्द हो सके उसे खत्म कर दो ताकि मैं उनके शव पर सिर पटक मातम मना सकूं. फिर कुछ ही दिनों की जुदाई का दर्द सहना पड़ेगा. जैसे ही उनकी सारी प्रापर्टी मेरे नाम होगी, हम दोनों शादी कर लेंगे. इसे कहते हैं आम के आम और गुठलियों के भी दाम.’’

’’हां, मेरी जान मैंने तेरे पति को जहन्नुम भेजने का ऐसा फूलप्रूफ प्लान तैयार किया है, कि पुलिस लाख सिर पटक ले उसे यह केस आत्महत्या का ही लगेगा. पुलिस यहीं समझेगी की पत्नी की जुदाई और समाज के तानों से घबड़ाकर बंदे ने खुदकुशी कर ली है.’’ इसके बाद दोनों का सम्मिलित ठहाका गंूज उठा था.

नीरज पत्नी की बेवफाई पर मारे दर्द के अपने होंठ काटकर रह गया. जिस औरत पर वह इतना भरोसा करता था, जिस औरत में वह देवी की शक्ल देखता आया था वह डायन निकलेगी यह तो उसने कभी सपने में भी नहीं सोंचा था. कल तक उसकी लंबी उम्र की दुआ मांगने वाली उसकी पत्नी अपने प्रेमी के साथ मिलकर उसकी हत्या की साजिश रच सकती है, यह स्थिति तो उसके कल्पना के विपरीत थी. उसके साथ इतना बड़ा फरेब.
पर जमायी. दरवाजा चूंकि काफी जर्जर था, अतः एक झटके में खुल गया. इस जोरदार आवाज ने नासिर व उसकी प्रेमिका को भी चैंकने पर मजबूर कर दिया था. दोनों ने किसी खतरे का आभास कर जल्द से जल्द अपने बदन को ढंकने का प्रयास किया था. नीरज को किसी यमदूत की तरह सामने देख दोनों के चेहरे पर भय की रेखाएं खींच गयी . उन्हें तो सपने में भी इस बात का इल्म नहीं था कि नीरज इतना बड़ा जोखिम उठा उनके अड्डे पर पहुंच सकता है.

नीरज पत्नी की तरफ देखकर खूंखार अंदाज में गुर्राया-’’ मैं नहीं जानता था कि पत्नी के रूप में मैं एक नागिन को अपने घर में पाल रहा हूं, जो वक्त आने पर मुझे डंस भी सकती है. कभी सपने में भी नहीं सोंचा था कि जिसे मैं वफा की देवी समझता था, उसका यह घिनौना रूप देखने को मिलेगा. अगर मुझे पता होता कि तू इस हरामी की पुरानी महबूबा रही है तो मैं तेरी याद में इतना बेचैन तो नहीं होता, तुमसे हमेशा के लिए नाता तोड़ लेता. खैर इतना भी होता तो गनीमत थी, तुम तो मेरी दौलत भी हड़पने की साजिश रच रही थी और वह भी मेरी हत्या करने के बाद.

डियर बेबी, तुम दोनों ने मिलकर गेम तो बहुत अच्छा खेला था, मगर अफसोस अब यह गेम कभी सफल नहीं हो पायेगा, तुम दोनों इससे पहले मेरे हाथों बेमौत मारे जाओगे,मैं भी देखता हूं कि दुनिया की कौन सी ताकत तुम्हे बचाती है. नासिर बेटे, कभी भी अपने बूते ही शिकार खेलना चाहिए, अपने आदमियों के भरोसे तूने मुझे काफी धमकाने का प्रयास किया, मगर यही धमकी मेरी ताकत बन गयी.’’ इतना कहने के साथ उसने बारी-बार से पिस्तौल की नाल दोनों की ओर घुमाना शुरू किया.

यह देख उसकी पत्नी अपनी जान की भीख मांगती हुई बोली-’’ मुझे माफ कर दीजिए जी, मैं इस हरामी के बहकावे में आ गयी थी, मेरी मति मारी गयी थी जो इसकी बात मानने को तैयार हो गयी, अब मेरी आंखें खुल चुकी है, मेरा विश्वास कीजिए मैं अभी भी तन-मन से आपको ही अपना पति मानती हूं.’’

’’बहुत खूब, और गुलछर्रे इस हरामी के साथ उड़ा रही थी, वाह मेरी पतिव्रता पत्नी, तुमसे तो औरों को भी सीख लेनी चाहिए. साली, कुत्तिया, जान बचाने के लिए नया पैतरा आजमा रही है, मगर आज तूझे मुझसे उपरवाला भी बचा नहीं सकता. जी तो करता है कि सारी की सारी गोलियां तूझपर खर्च कर दूं, मगर नहीं तेरे यार का भी तो ख्याल रखना पड़ेगा. अब तुम दोनों जल्दी से यह डिसाइड कर लो कि पहले कौन मरना चाहता है. तू या तेरा यार.

इतना कहने के साथ ही नीरज की उंगलियां ट्रिगर पर सख्त होती चली गयी थी. नासिर को इतना वक्त भी नहीं मिला कि अपने बचाव में कुछ कर सके, गोली नासिर की खोपड़ी को छेदते हुए पार निकल गयी. एक ही गोली में उसका काम तमाम हो गया था. वह कटे हुए पेड़ की तरह धरती पर पसर गया था. नीरज का क्रोध अभी भी कम नहीं हुआ था.
वह पिस्तौल का रूख पत्नी की ओर करते हुए बोला-’’ तूझे तो मैं अपनी जान से ज्यादा प्यार करता था, तू एक बार हंसकर मेरी जान भी मांग लेती तो मैं तुम पर न्योछावर कर देता, मगर अपने यार के साथ मिलकर तूने जो साजिश रची उसने तेरे प्रति मेरे अंदर इतनी घृणा भर दी है कि मैं उससे जीत नहीं सकता. तेरी इस कमीनी फितरत ने तूझे तो मौत के मुहाने पर लाकर खड़ा कर ही दिया है, मेरे दिल से भी जिंदगी के प्रति मोह को निकाल दिया है. अब सबकुछ खत्म हो चुका है. जिस दौलत के लिए तूने यह सब किया, वह न तेरी हो पायेगी और न मेरी, इतना कहने के साथ उसने एक बार फिर ट्रिगर पर दबाव बढ़ा दिया था. नतीजतन एक साथ कई गोलियां उसकी पत्नी के जिस्म में पैवस्त होती चली गयी थी. इसी बीच गोली चलने की आवाज सुन नासिर के गुर्गे वहां भागे-भागे आये मगर कमरे का दृश्य देख उनकी आंखें भी भय व हैरत से फटी की फटी रह गयी. वे इससे पहले कि संभलकर कुछ कर पाते नीरज ने पिस्तौल को अपनी कनपटी से सटा ट्रिगर दबा दिया था, नतीजतन चंद सेकंेड में उसकी भी इहलीला समाप्त हो गयी थी.

अगले दिन पुलिस को वहां से तीन लाशें मिली थी.

समाप्त

VIAyouthmukam news
SOURCEyouth mukam news
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