मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
मोतिहारी महर्षिनगर स्थित आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान-वेद विद्यालय में रविवार को शारदीय नवरात्र में कुछ तिथि विशेष को लेकर विद्वानों के बीच उत्पन्न मतभेद की स्थिति को दूर करने के लिए कर्मकांड से जुड़े विद्वानों की एक विचार गोष्ठी प्राचार्य सुशील कुमार पांडेय की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस अवसर पर उपस्थित विद्वानों ने निर्णायक ग्रंथ व पंचांगों का अवलोकन एवं विचार-विमर्श करने के बाद बताया कि इस वर्ष शारदीय नवरात्र सात अक्टूबर गुरुवार से प्रारंभ हो रहा है, जो नौ दिनों का ही है।
नवरात्र के प्रथम दिन कलश स्थापन प्रतिपदा तिथि में प्रातः काल 06ः10 बजे से दिन के 03ः28 बजे तक किया जा सकता है। ऐसे कलश स्थापन के लिए अभिजित् मुहूर्त्त दिन में 11ः36 से 12ः24 बजे तक का समय विशेष माना गया है। ऐसे प्रतिपदा को सूर्याेदय की तिथि मानकर पूरे दिन अर्थात् सूर्यास्त तक कलशस्थापन किया जा सकता है। शारदीय नवरात्र पूजन के अन्तर्गत बिल्वाभिमंत्रण के लिए 11 अक्टूबर सोमवार को प्रशस्त मुहूर्त्त है।
वहीं 12 अक्टूबर मंगलवार को नवपत्रिका प्रवेश के साथ देवी का पट्ट खुलना प्रारंभ हो जाएगा। महानिशा पूजा 13 अक्टूबर बुधवार को मध्यरात्रि में सम्पन्न होगी। महा नवमी 14 अक्टूबर गुरुवार को होगी। इसी दिन नवरात्र से संबंधित दुर्गा सप्तशती पाठ, महा नवमी पूजा, हवन-पूर्णाहुति, बटुक-कुमारी पूजन आदि कर नवरात्र अनुष्ठान का समापन कर लिया जाएगा। विजयादशमी का प्रसिद्ध पर्व 15 अक्टूबर शुक्रवार को मनाया जाएगा।
गोष्ठी में विनोद पांडेय, सुधीर दत्त पाराशर, रुपेश ओझा, राकेश कुमार तिवारी, विकास पाण्डेय, राजन पांडेय, कुन्दन पाठक, सुधाकर पांडेय ,ब्रजेन्द्र ओझा, राजकुमार मिश्र, पारस नाथ पांडेय, सुनिल दत्त पाराशर, अरुण तिवारी, सुनिल उपाध्याय, अभिषेक दूबे, रोहन पाण्डेय, पवन दूबे, दीनानाथ पाठक, शैलेन्द्र तिवारी, धर्मेन्द्र चौबे, राजन चौबे आदि शामिल थे।