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दिलचस्प हुई अमेरिका में सीनेट चुनाव की जंग, दोनों पार्टियों के बीच कांटे की जंग, जानिए क्या होता है ‘लंगड़ा बत्तख’

Neelkanth

इंटरनेशनल डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
अमेरिका में सीनेट चुनाव को लेकर दोनों दलों के बीच की लड़ाई दिलचस्प मोड़ पर पहंुच गई है। बता दें कि सीनेट में बहुमत से ही किसी राष्ट्रपति की सफलता मानी जाती है। अगर ऐसा नहीं होता तो बिना बहुमत के अपना एजेंडा लागू नहीं कर सकता। जब कभी ऐसी स्थिति होती है, जब राष्ट्रपति की पार्टी का सीनेट में बहुमत ना हो, तो अमेरिकी राजनीति में उसे लेम डक राष्ट्रपति कहा जाता है। इस कारण दोनों दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। अमेरिका के जॉर्जिया में पांच जनवरी को अमेरिकी संसद कांग्रेस के ऊपरी सदन सीनेट के दो सदस्यों के चुनाव के लिए मतदान होगा। ये चुनाव बेहद अहम है। इसके नतीजों पर दुनियाभर की निगाहें लगी हैं। इसकी वजह यह है कि इन दोनों सीटों के नतीजों से यह तय होगा कि अगले दो साल तक सीनेट में किस पार्टी का बहुमत रहेगा।

जॉर्जिया के सीनेट चुनाव में दोनों पार्टियों रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक की तरफ से करोड़ों डॉलर खर्च किए जा रहे हैं। साथ ही पार्टियों ने अपने बड़े नेताओं को चुनाव अभियान में झोंका है। अमेरिकी सीनेट में 100 सीटें हैं। फिलहाल रिपब्लिकन पार्टी के पास 49 और डेमोक्रेटिक पार्टी के पास 47 सीटें हैं। इनके अलावा दो निर्दलीय सदस्य हैं। वरमॉन्ट राज्य से जीते सोशलिस्ट नेता बर्नी सैंडर्स और माइन राज्य से जीते अंगस किंग वैसे तो निर्दलीय हैं, लेकिन वे डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ रहते हैं। इसलिए अभी माना जाता है कि दोनों दलों के पास 49-49 सदस्य हैं। ऐसे में जॉर्जिया की दोनों सीटें जिस पार्टी के हक में जाएंगी, उसे बहुमत मिल जाएगा। अगर डेमोक्रेटिक पार्टी बहुमत पाने में नाकाम रही, तो राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडन की सफलता संदिग्ध हो जाएगी।

कांग्रेस के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में डेमोक्रेटिक पार्टी का बहुमत है। लेकिन हाउस से पारित हर बिल को सीनेट से गुजरना होता है। सीनेट में बहुमत प्राप्त दल के नेता को काफी विधायी अधिकार मिले होते हैं। फिलहाल रिपब्लिकन पार्टी के नत मिच मैकॉनेल सीनेट के नेता हैं, जो कंजरवेटिव रूझान के नेता हैं। उन्होंने अब तक भावी डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति से सहयोग करने का कोई संकेत नहीं दिया है। अगर जॉर्जिया में डेमोक्रेट उम्मीदवार जीत गए, तो फिर सीनेट का नया नेता इस पार्टी का हो जाएगा। उस हाल में जो बाइडन के लिए अपना एजेंडा लागू करना आसान हो जाएगा।

जॉर्जिया में एक सीट पर उम्मीदवार रिपब्लिकन पार्टी के मौजूदा सीनेटर डेविड परडिउ हैं। वे 2015 से सीनेटर हैं। उनका मुकाबला डेमोक्रेटिक पार्टी के जॉन ऑसोफ से है। ऑसोफ की उम्र अभी सिर्फ 33 साल है। ये सीट खास प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है। ऑसोफ को उभरता हुआ नेता माना जाता है। लेकिन क्या वे रिपब्लिकन गढ़ को तोड़ पाएंगे, यह सवाल कायम है। दूसरी सीट पर रिपब्लिकन पार्टी की केली लोएफलर का मुकाबला डेमोक्रेटिक पार्टी के राफेल वॉरनॉक से है। जॉर्जिया राज्य से पिछले 20 साल में एक बार भी डेमोक्रेटिक पार्टी ने सीनेट का चुनाव नहीं जीता है। लेकिन हाल के राष्ट्रपति चुनाव में इस राज्य से डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडन जीते। इसलिए डेमोक्रेटिक पार्टी को यहां से काफी उम्मीदें बांधी हुई हैँ।

मगर ओपिनियन पोल्स में दोनों सीटों पर रिपब्लिकन उम्मीदवार आगे बताए गए हैँ। पोल्स के औसत के मुताबिक दोनों सीटों पर रिपब्लिकन उम्मीदवारों को आधे से एक फीसदी वोटों के अंतर से बढ़त मिली हुई है। पांच जनवरी को जॉर्जिया से सीनेट के लिए रन-ऑफ का मतदान होगा। जॉर्जिया के नियम के मुताबिक चुनाव में अगर किसी उम्मीदवार को 50 फीसदी से ज्यादा वोट नहीं मिलते हैं, तो फिर सबसे ऊपर रहे दो उम्मीदवारों के बीच रन-ऑफ होता है। नवंबर में हुए चुनाव में दोनों सीटों पर किसी उम्मीदवार को 50 फीसदी से ज्यादा वोट नहीं मिल पाए थे। अधिक संभावना यही है कि पांच जनवरी को होने वाले मतदान का नतीजा उसी रात मालूम हो जाएगा। लेकिन अगर कानूनी पेचीदगियां खड़ी हुईं, तो हाल के राष्ट्रपति चुनाव की तरह नतीजा जानने के लिए कई दिनों तक इंतजार करना पड़ सकता है।

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