
बिहार डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
बिहार में नया साल क्या किसानों के लिए नई उम्मीदों का सवेरा लेकर आ पाएगा। बिहार सरकार तो ऐसा ही दावा कर रही है। दरअसल बिहार सरकार ने किसानों को नए साल का तोहफा देने को कई योजनाएं एक साथ जमीन पर उतारने का फैसला किया है। सरकार की ओर से तीन बड़े कदम कृषि क्षेत्र के लिए उठाए जा रहे हैं। इनमें एक है हर खेत की सिंचाई। दूसरा, खेती के लिए अलग से बिजली फीडर और तीसरा, मौसम अनुकूल खेती की योजनाएं हैं। इनके अमल में आने पर किसानों की परेशानी कम होगी और आमदनी भी बढ़ेगी।
मौसम अनुकूल खेती योजना
राज्य सरकार ने मौसम अनुकूल खेती योजना इस वर्ष हर जिले में शुरू कर दी है। इसी रबी मौसम से योजना शुरू हो गई। इसके अलावा हर खेत को पानी के लिए प्लॉट-टू-प्लॉट सर्वे पूरा हो गया। इसके लिए तकनीकी सर्वे की प्रक्रिया भी शुरू हो गई। मार्च तक इसे पूरा करने के लिए नए वित्तीय वर्ष में योजना को जमीन पर उतार देने का सरकार का लक्ष्य है।
हर खेत को पानी योजना
कृषि विभाग द्वारा किये गए प्लॉट टू प्लॉट सर्वे के अनुसार 11 लाख 20 हजार 988 हेक्टेयर खेती योग्य जमीन असिंचित है। इन खेतों से जुड़े लगभग 38 लाख 83 हजार किसानों ने बोरवेल की मांग की है। तकनीकी सर्वे में किसानों की मांग के अनुसार संभाव्यता की तलाश होगी। इसके अलावा खेती के लिए अलग से बिजली की व्यवस्था करने की पहल भी तेज हो गई। हर खेत को पानी के लिए तकनीकी सर्वे के बाद जहां भी सिंचाई के लिए बिजली की जरूरत होगी सरकार अलग से इसकी व्यवस्था करेगी। इसके लिए सरकार ने इस काम में जल संसाधन, लघु जल संसाधन और कृषि के साथ बिजली विभाग को भी लगा दिया है।
तीन फसलों का कैलेंडर तैयार
मौसम अनुकूल खेती गत वर्ष राज्य के सिर्फ आठ जिलों में हुई थी। परिणाम उत्साहजनक मिले। गेहूं की उत्पादकता 50 क्विंटल तक मिली। लिहाजा, अब सरकार ने सभी जिलों में शुरू किया है। इस योजना में यह तय है कि साल के 365 दिन खेत में फसल रहेगी। इसके लिए सरकार ने तीन फसलों का कैलेंडर तैयार किया है। पांच साल तक खेतों की जुताई नहीं होगी। खास बात यह है कि योजना के तहत खेती चार बड़ी कृषि संस्थाओं की देखरेख में होगी। फसल का कैलेंडर भी इन्हीं संस्थाओं की देखरेख में तैयार किया गया है। इसके लिए लगभग एक दर्जन फसल चक्र बनाये गये हैं।