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डाक्यूमेंट्री फिल्म चंपारण सत्याग्रह 1917 का प्रीमियर शो आयोजित, डीएम ने किया शुभारंभ, कही यह बात

मोतिहारी। अशोक वर्मा

बी.एन.पी. तथा ओम शॉति प्रोडक्शन के बैनर तले निर्मित डाक्यूमेंट्री फिल्म चंपारण सत्याग्रह- 1917 का प्रीमियर कार्यक्रम गांधी संग्रहालय के सभागार में सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि जिलाधिकारी, शीर्षत कपिल अशोक, डॉ. नीतू कुमारी नूतन, सदस्य, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड, भारत सरकार, डॉ. चंद्रलता झा, डॉ. स्वस्ति सिन्हा, सुरेंद्र चौधरी तथा संजय कुमार पाण्डेय द्वारा डॉक्यूमेंट्री फिल्म का उद्घाटन संयुक्त रुप से किया गया।

जिलाधिकारी ने महात्मा गांधी एवं कस्तूरबा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का आगाज किया।कशिश सिन्हा ने गांधी के प्रिय भजन श्वैष्णव जन को तेरे कहिएश् गाकर समारोह की शुरुआत की। अपने संबोधन में जिलाधिकारी ने महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह आंदोलन को जीवंत करती डाक्यूमेंट्री फिल्म के निर्देशक ऋतिक विराज पाण्डेय की प्रतिभा की जमकर सराहना की तथा पूरी टीम को बधाइयाँ दीं। उन्होंने कहा देश की आजादी में चंपारण सत्याग्रह आंदोलन का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि चंपारण सत्याग्रह गाथा तथा गांधी दर्शन को जन- जन तक पहुंचाने की दिशा में यह डाक्यूमेंट्री फिल्म मिल का पत्थर साबित होगी। डाक्यूमेंट्री को जन- जन तक पहुंचाने के लिए इसे ब्यापक पैमाने पर प्रदर्शित करने की बात उन्होंने कही। डाक्यूमेंट्री को कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार को भेजने तथा इसे विधालयों में दिखाने का उन्होंने आश्वासन दिया। चंपारण की ऐतिहासिक, पौराणिक धरोहरो, कला- साहित्य से जुड़ी विभूतियां तथा अन्य महान शख्सियत के जीवन को रेखांकित कर फिल्म व डाक्यूमेंट्री बनाने की उन्होंने आवश्यकता जतायी।नीतू कुमारी नूतन ने डाक्यूमेंट्री निर्माण से जुड़ी टीम के सभी सदस्यों की भूरि- भूरि प्रशंसा की एवं कहा कि इस फिल्म के माध्यम से चंपारण सत्याग्रह आंदोलन के दौरान गांधी के संघर्षाे को देश के लोग जान सकेंगे। डॉ.नूतन ने कहा कि इस तरह की फिल्में युवा पीढ़ी को आजादी के संघर्षाे से रु- ब-रु कराती हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के फिल्म मेकर्स को सरकारी स्तर पर सदैव प्रोत्साहित किया जाता रहा है।

डॉ. चंद्रलता झा ने कहा कि वर्तमान राजनीतिक परिवेश तथा सामाजिक परिप्रेक्ष्य में गांधी के सिद्धांत, विचार तथा जीवन दर्शन अत्यंत प्रासंगिक हैं। उन्होंने चंपारण सत्याग्रह- 1917 जैसी फिल्म को वर्तमान युवा पीढ़ी की प्रेरणा तथा मार्गदर्शन के लिए बेहद जरुरी बताया।
मंच संचालन अनिल वर्मा ने किया। आगत अतिथियों का स्वागत गांधी संग्रहालय के सचिव ब्रजकिशोर सिंह ने किया।
डाक्यूमेंट्री के निर्देशक ऋतिक विराज पाण्डेय ने 32 मिनट की डाक्यूमेंट्री में निर्माण से जुड़े अनुभवों को साझा किया। उन्होंनेे बताया कि डाक्यूमेंट्री में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड,भारत सरकार की सदस्य व चंपारण की बेटी डॉ. नीतू कुमारी नूतन , एम. एस कॉलेज के प्राचार्य प्रो. अरुण कुमार तथा वरीय संस्कृतिकर्मी संजय कुमार पाण्डेय ने कांमेंट्री कर इसके दृश्यों को जीवंत बना दिया है ।
श्री पाण्डेय ने कहा कि गांधी संग्रहालय के सचिव ब्रजकिशोर सिंह, प्रो.रामनिरंजन पाण्डेय, राणा रणवीर सिंह आदि ने फिल्म निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
ऋतिक ने कहा कि जिलाधिकारी महोदय से प्रेरणा लेकर उन्होंने डाक्यूमेंट्री बनायी है। यह फिल्म वर्तमान युवा पीढ़ी को गांधी के चंपारण सत्याग्रह आंदोलन तथा गांधी दर्शन, सिद्धांत से अवगत कराने में अवश्य सफल होगी।
फिल्म को वड़े पैमाने पर प्रदर्शन के लिए बिना किसी शुल्क लिए निर्देशक ऋतिक ने इसे गांधी संग्रहालय को सौंप दिया।
इस अवसर पर राय सुंदरदेव शर्मा, प्रो. रामनिरंजन पाण्डेय, डॉ. विनय कुमार सिंह, स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन अध्यक्ष, किशोर पाण्डेय, कौशल किशोर पाठक, अरुण प्रकाश पाण्डेय, अजय गुप्ता, कौशल किशोर सिंह, पवन पुनीत चौधरी, डी.के. आजाद सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

 

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