
नेशनल डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लालू के गढ़ छपरा में एक चुनावी रैली को संबोधित किया। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ समस्तीपुर में चुनावी सभा की। फिर समस्तीपुर में प्रधानमंत्री ने तीसरी रैली को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान किसानों के खाते में करोड़ों रुपये पहुंचे हैं, इससे उनको लाभ हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के युवाओं को बिहार में ही अच्छा और सम्मानजनक रोजगार मिले, ये बहुत जरूरी है। सवाल ये है कि ये कौन दिला सकता है? विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इस चुनाव मे जंगलराज वालों के साथ नक्सलवाद के समर्थक, देश के टुकड़े-टुकड़े करने की चाहत रखने वालों के समर्थक भी शामिल हो गए हैं। महागठबंधन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हमें बिहार के गरीब भाइयों-बहनों को पक्के घर देने की चिंता है। जंगलराज वालों को चिंता है कि अपनी तिजोरी कैसे भरें। अब वे बगहा में आखिरी रैली को संबोधित कर रहे हैं।
चंपारण से गांधी जी ने गांव के स्वाबलंबन के अपने विजन को आगे बढ़ाया
- आज चंपारण को एक बार फिर वही संकल्प लेना है जो उसने आजादी के समय लिया था। आज फिर चंपारण के लोगों को संकल्प लेना है कि जो भी आत्मनिर्भर बिहार, आत्मनिर्भर भारत के रास्ते में रोड़ा बन रहे हैं, उन्हें लोकतांत्रिक तरीके से सबक सिखाया जाए।
- आज जब आत्मनिर्भर भारत अभियान के लक्ष्य को लेकर देश आगे बढ़ रहा है तो इसमें भी चंपारण अहम भूमिका निभाने वाला है। असल में बापू ने यहीं से स्वाबलंबन को सत्याग्रह का व्यापक हिस्सा बनाया था। यहीं से गांधी जी ने गांव के स्वाबलंबन के अपने विजन को आगे बढ़ाया।
प्रधानमंत्री मोदी पश्चिमी चंपारण में चुनावी रैली को संबोधित कर रहे हैं
- प्रधानमंत्री मोदी बिहार के पश्चिमी चंपारण में आखिरी चुनावी रैली को संबोधित कर रहे हैं।
- आज चंपारण को एक बार फिर वही संकल्प लेना है जो उसने आजादी के समय लिया था। आज फिर चंपारण के लोगों को संकल्प लेना है कि जो भी आत्मनिर्भर बिहार, आत्मनिर्भर भारत के रास्ते में रोड़ा बन रहे हैं, उन्हें लोकतांत्रिक तरीके से सबक सिखाया जाए।
- चंपारण एक प्रकार से भारत की आस्था-आध्यात्म और हमारे सामर्थ्य को परिभाषित करने वाली धरती है। यहां बुद्ध के निशान भी हैं।
- यहां से भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को भी नई दिशा मिली। ये पूज्य बापू के सत्याग्रह की धरती है।
- ये अपार प्यार, ये आपका आशीर्वाद, हम सबको एक नई शक्ति दे रहा है, नई ऊर्जा दे रहा है। मैं आपके प्यार को बार-बार नमन करता हूं।
बिहार को बीमार बनाने वालों को आप दोबारा नहीं लाएंगे, वादा कीजिए
- जिस चीज को इस्तेमाल करने से आप को तकलीफ हुई है, क्या आप उस चीज को दोबारा इस्तेमाल करेंगे। चाहे उसका रंग-रूप कितना भी नया क्यों न हो? क्या आप फिर से उसको पसंद करेंगे। नई चीज, नया पैकेज में कितना भी अच्छा क्यों न हो, आप इसे 5 साल…10 साल…20 साल बाद इसे इस्तेमाल करेंगे। बिहार को बीमार बनाने वालों को आप दोबारा नहीं लाएंगे। इसका वादा कीजिए।
बिहार को बीमार होने से बचाने के लिए एनडीए को वोट दीजिए
- बिहार के इस क्षेत्र में गन्ना भी देश की आत्मनिर्भरता और बिहार के युवाओं के रोजगार का एक बड़ा माध्यम बन सकता है। आज पेट्रोल और हवाई ईंधन में गन्ने से बने इथेनॉल की ब्लेंडिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। पहली बार इसके लिए व्यापक नीति बनाई गई है।
- बिहार को बीमार होने से बचाने के लिए, बिहार को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, हर एक परिवार का, हर एक मतदाता का एक-एक वोट एनडीए यानी भाजपा, जदयू, हम पार्टी और वीआईपी पार्टी के उम्मीदवारों को ही पड़ना चाहिए।
- आत्मनिर्भर बिहार के निर्माण में बहुत बड़ी भूमिका हमारी बेटियों की है, हमारी बहनों की है। इसलिए जीविका दीदियों की भूमिका का निरंतर विस्तार किया जा रहा है। आने वाले समय में बिहार की लाखों बहनों को इससे जोड़ने का लक्ष्य है।
आत्मनिर्भर बिहार यहां के हर युवा की आकांक्षाओं को पूरा करने का रोडमैप है
- हाल में देश में मछलीपालन को बढ़ावा देने के लिए एक बहुत बड़ी योजना बिहार से ही लॉन्च की गई है। मत्स्य संपदा योजना के तहत हजारों करोड़ रुपये का निवेश मछली व्यवसाय से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।
- खेती हो, पशुपालन हो, मछलीपालन हो, इससे जुड़े उद्योग और उद्यम आत्मनिर्भर चंपारण, आत्मनिर्भर बिहार का अहम हिस्सा हैं।
- पूर्वी चंपारण में ही कृषि अनुसंधान केंद्र बन चुका है। यहां डेयरी प्लांट भी लग चुका है, जिससे पशुपालकों को लाभ होता है।
- आत्मनिर्भर बिहार, यहां के हर युवा की आकांक्षाओं को पूरा करने का रोडमैप है। आत्मनिर्भर बिहार, यहां के गांव-गांव के सामर्थ्य को पहचान दिलाने का मार्ग है। आत्मनिर्भर बिहार, गांवों में उद्यम के, रोज़गार के अवसर तैयार करने का अभियान है।
- मैं पिछले साल चंपारण में सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह कार्यक्रम के समापन पर आया था। चंपारण सत्याग्रह के 100 वर्ष पूर्ण होने पर स्वच्छता का ये प्रयास करके इस क्षेत्र के लोगों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि दी है।
जंगलराज का अंधेरा बिहार पीछे छोड़ चुका है
- आज बिहार प्रगति के जिस पथ पर है, वो बिहार का भविष्य और मजबूत करेगा, उसे और गौरवशाली बनाएगा। एनडीए के हम सभी साथी मिलकर इसी सोच को साकार करने में लगे हैं।
- जंगलराज का अंधेरा बिहार पीछे छोड़ चुका है, अब नई रोशनी में डबल इंजन की ताकत के साथ विकास का लाभ हमें बिहार के हर व्यक्ति तक पहुंचाना है।
- ये एनडीए की सरकार है जिसने बिहार की माताओं-बहनों के लिए लाखों शौचालय बनाकर उनकी परेशानी कम करने का प्रयास किया है।
- इन लोगों ने कभी बिहार की महिलाओं, बहनों-बेटियों को होने वाली परेशानी की चिंता नहीं की। वो खुले में शौच में जाने के लिए मजबूर थीं, उनकी सुरक्षा पर खतरा रहता था, लेकिन जंगलराज वाले, जंगल जैसे हालात बनाए रखना चाहते थे।
जंगलराज का अंधेरा बिहार पीछे छोड़ चुका है
- जंगलराज वालों को चिंता है कि लालटेन कैसे जले। हमारा प्रयास है कि हर घर में चमकदार एलईडी बल्ब कैसे पहुंचे।
जंगलराज का अंधेरा बिहार पीछे छोड़ चुका है, अब नई रोशनी में डबल इंजन की ताकत के साथ विकास का लाभ हमें बिहार के हर व्यक्ति तक पहुंचाना है। - बिहार की महिलाएं, माताएं-बहनें खुले में शौच में जाने के लिए मजबूर थीं, उनकी सुरक्षा पर खतरा रहता था, लेकिन जंगलराज वाले, जंगल जैसे हालात बनाए रखना चाहते थे। एनडीए की सरकार ने बिहार की माताओं-बहनों के लिए लाखों शौचालय बनाकर उनकी परेशानी कम करने का प्रयास किया है।
- एनडीए का प्रयास है कि हम बिहार के अपने गरीब भाइयों बहनों को ज्यादा से ज्यादा पक्के घर कैसे दे सकें। जंगलराज वालों को चिंता है कि अपनी तिजोरी कैसे भरें। हमारी प्राथमिकता है कि बिहार के किसानों को, श्रमिकों को, बुजुर्गों को पैसे सीधे उनके बैंक खाते में डाल सकें।
बिहार के युवाओं को अच्छा और सम्मानजनक रोजगार मिले ये बहुत जरूरी है
- आप याद करिए, जंगलराज की हालत तो ये थी कि जो उद्योग, जो चीनी मिले, दशकों से चंपारण और बिहार का अहम हिस्सा रही हैं, वो भी बंद हो गईं। अब तो इस चुनाव मे जंगलराज वालों के साथ नक्सलवाद के समर्थक, देश के टुकड़े-टुकड़े करने की चाहत रखने वालो के समर्थक भी शामिल हो गए हैं।
- जंगलराज वालों ने अगर कभी आपकी चिंता की होती तो बिहार विकास की दौड़ में इतना पिछड़ता नहीं। सच्चाई ये है कि इन्हें न पहले आपकी चिंता थी और न ही आज है। इनकी चिंता कुछ और है। जंगलराज वालों को चिंता है कि अपनी बेनामी संपत्ति कैसे छिपाएं।
- बिहार के युवाओं को बिहार में ही अच्छा और सम्मानजनक रोजगार मिले ये बहुत जरूरी है। सवाल ये है कि ये कौन दिला सकता है? वो लोग जिन्होंने बिहार अंधेरे और अपराध की पहचान दी! वो लोग जिनके लिए रोजगार देना करोड़ों की कमाई का माध्यम है।
- लॉकडाउन के दौरान किसानों के खाते में करोड़ों रुपये पहुंचे हैं, इससे उनको लाभ हुआ है। बाहर से आए मजदूरों के लिए मुफ्त राशन कार्ड की व्यवस्था की गई है। अब पूरे देश में एक ही राशन कार्ड बनाया जा रहा हैं, ताकि पूरे देश में हमारे श्रमिक साथी कहीं भी अपने हस्से का राशन ले सकें।
कोरोना संकट के दौरान गरीब कल्याण रोजगार अभियान चलाया गया
- आप याद करिए, जंगलराज की हालत तो ये थी कि जो उद्योग, जो चीनी मिले, दशकों से चंपारण और बिहार का अहम हिस्सा रही हैं, वो भी बंद हो गईं। अब तो इस चुनाव मे जंगलराज वालों के साथ नक्सलवाद के समर्थक, देश के टुकड़े-टुकड़े करने की चाहत रखने वालो के समर्थक भी शामिल हो गए हैं।
- बिहार के युवाओं को बिहार में ही अच्छा और सम्मानजनक रोजगार मिले ये बहुत जरूरी है। सवाल ये है कि ये कौन दिला सकता है? वो लोग जिन्होंने बिहार अंधेरे और अपराध की पहचान दी! वो लोग जिनके लिए रोजगार देना करोड़ों की कमाई का माध्यम है!
- गांव में फसल की कटाई और बुवाई चलती रहे, इसके लिए भी हर जरूरी कदम उठाए गए। कटाई और खरीद के साथ-साथ लॉकडाउन के दौरान बुवाई के लिए भी किसानों को हर जरूरी सुविधा उपलब्ध कराई गई।
- बिहार के जो श्रमिक परिवार दूसरे राज्यों से लौटे हैं, उनके राशन से लेकर रोजगार तक के लिए इस दौरान गरीब कल्याण रोजगार अभियान चलाया गया है।
- जब कोरोना का संकट देश में आया तो सबसे पहले गांव, गरीब और किसान के बारे में ही सोचा गया। ये संक्रमण गांव तक ना फैले, इसके लिए सही समय पर लॉकडाउन किया गया। गरीब परिवारों को भूखा ना सोना पड़े इसके लिए दीवाली और छठ पूजा तक मुफ्त राशन की व्यवस्था की गई।
- सदियों के लंबे इंतजार के बाद, तप और तपस्या के लंबे दौर के बाद जो ये अवसर आया है, उसके लिए रामायण की रचनास्थली से जुड़े आप सभी साथियों को मैं बधाई देता हूं।
- चंपारण में, मोतिहारी में आना तो बहुत बार हुआ है। लेकिन अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू होने के बाद आज पहली बार आपके बीच आया हूं।
जंगलराज के युवराज क्या बिहार में उचित माहौल का विश्वास दे सकते हैं
- जंगलराज वालों ने बिहार में भ्रष्टाचार को हर मंत्रालय, हर विभाग में, हर जगह पहुंचाया। परिवार को भी पहुंचाया और पाप को भी पहुंचाया।
- एनडीए यानी भाजपा, जेडीयू, हम पार्टी, वीआईपी पार्टी के सभी उम्मीदवारों को पड़ा आपका हर वोट बिहार को फिर बीमार होने से बचाएगा।
- रोजगार बढ़ाने के लिए उद्योग भी जरूरी है, आधुनिकीकरण भी जरूरी है। ये तब होगा जब बिहार में प्रगतिशील, लोकतांत्रिक सरकार रहेगी। बिहार में निवेश होगा और ये तब होगा जब बिहार में निवेश के लिए उचित माहौल होगा।
- आप मुझे बताइए, जंगलराज की विरासत, जंगलराज के युवराज क्या बिहार में उचित माहौल का विश्वास दे सकते हैं? जो वामपंथी, नक्सलवाद को हवा देते हैं, जिनका उद्योगों और फैक्ट्रियों को बंद कराने का इतिहास रहा है, वो निवेश का माहौल बना सकते हैं क्या?
जब कोरोना का संकट सबसे ज्यादा था, जब पूरा बिहार कोरोना से लड़ रहा था, तब ये लोग कहां थे? इन्हें आपके विकास से नहीं, सिर्फ अपने विकास से लेना-देना है। यही इनकी सच्चाई है, यही इनका तौर-तरीका है, यही इनकी ट्रेनिंग है। - जिनकी नीयत खराब हो, जिनकी नीति सिर्फ गरीबों का धन लूटने की हो, जो निर्णय सिर्फ अपने और अपने परिवार को ध्यान में रखकर लेते हों, वो विकास के हर प्रयास का विरोध ही करेंगे।
इन्हें गरीब सिर्फ और सिर्फ चुनाव में याद आते हैं
- इन लोगों को गरीब की परेशानी, उसकी मुसीबतों से कोई लेना देता नहीं है। इन्हें गरीब सिर्फ और सिर्फ चुनाव में याद आते हैं। जब चुनाव आते हैं तो ये माला जपना शुरू कर देते हैं- गरीब, गरीब, गरीब… जब चुनाव पूरा हुआ तब ये बस अपने परिवार का कुनबा लेकर बैठ जाते हैं।
- केंद्र सरकार ने कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक लाख करोड़ रुपये का नया फंड बनाया है। इससे यहां के किसानों, मछुवारों, पशुपालकों को भी बहुत लाभ होगा। आने वाले समय में ये क्षेत्र रेलवे से जुड़ीं सुविधाओं और रेलवे निर्माण में आत्मनिर्भरता के हमारे मिशन का बड़ा केंद्र बने। इसके लिए भी लगातार काम चल रहा है।
- आज समस्तीपुर हो, बेगुसराय हो, खगड़िया हो, ये पूरा क्षेत्र आत्मनिर्भरता के इसी संकल्प का नेतृत्व करने के लिए तैयार है। पीएम पैकेज के तहत आज यहां ग्रामीण सड़कों, नेशनल हाईवे और रेलवे से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष काम किया जा रहा है
- नीतीश जी के नेतृत्व में इसी लक्ष्य को पाने के लिए एनडीए ने लगातार काम किया है। आत्मनिर्भर बिहार का जो संकल्प लिया गया है, ये इसी संकल्प का, युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर दिलाने का यही तो रोडमैप है।
जयंती पर सरदार साहब को याद तक नहीं किया
- जिनकी नीयत खराब हो, जिनकी नीति सिर्फ गरीबों का धन लूटने की हो, जो निर्णय सिर्फ अपने और अपने परिवार को ध्यान में रखकर लेते हों, वो विकास के हर प्रयास का विरोध ही करेंगे।
- एनडीए का मंत्र है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास। एनडीए सरकार का निरंतर ये प्रयास रहा है कि कोई व्यक्ति, कोई भी क्षेत्र विकास के लाभ से छूट ना जाए। सुविधा, सम्मान और सुअवसर में किसी के साथ भी कोई भेद नहीं होना चाहिए। यही तो सुशासन का भी लक्ष्य है।
- सिर्फ और सिर्फ अपने-अपने परिवार के लिए काम कर रही इन पारिवारिक पार्टियों ने आपको क्या दिया? बड़े-बड़े बंगले बने, तो किसके बने? महल बने, तो किसके बने? बड़ी-बड़ी करोड़ों की गाड़ियां आईं, गाड़ियों का काफिला बना, तो किसका बना।
- सरदार साहब ने पूरा जीवन सिर्फ और सिर्फ देश के लिए लगाया की नहीं? सरदार साहब कांग्रेस पार्टी के थे कि नहीं? फिर भी कांग्रेस पार्टी कल सरदार पटेल की जन्म जयंती पर उनका स्मरण तक नहीं किया। सरदार पटेल, भाजपा के नहीं थे, संघ के नहीं थे और न ही जनसंघ के थे।
एक तरफ एनडीए गठबंधन तो दूसरी तरफ पारिवारिक गठबंधन है
- यहां जंगलराज के युवराज को तो आप देख ही रहे हैं। कांग्रेस का दायरा भी अब सिर्फ अपने परिवार तक ही सीमित होकर रह गया है।
आज देश में एक तरफ लोकतंत्र के लिए पूर्ण रूप से समर्पित, एनडीए का गठबंधन है। वहीं दूसरी तरफ अपने निहित स्वार्थ को समर्पित पारिवारिक गठबंधन हैं। - बिहार ने पूरे विश्व को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया है। बिहार की धरती से ही दुनिया में लोकतंत्र की कोपल निकली थी। जब जनता के हित में फैसले होते हैं, जब फैसलों में जनता की सहभागिता होती है, तभी लोकतंत्र भी मजबूत होता है।
- जिसको आज अपना पक्का घर मिल रहा है। आयुष्मान भारत योजना से मुफ्त इलाज मिल रहा है। कोरोना काल में दीवाली-छठ पूजा तक जिनको मुफ्त राशन मिल रहा है। जो जरूरी सुविधाओं के लिए भटकने पर मजबूर थे। आज जिनके पास सरकार खुद पहुंच रही है, बिहार का ऐसा हर परिवार आज एनडीए की जीत का आधार बना है।
आज एनडीए की फिर से सरकार हमारी माताएं-बहनें बना रही हैं
- बिहार के बेटे-बेटियां, जिन्हें आज मुद्रा लोन मिल रहा है, बैंकों ने जिनके लिए दरवाजे खोल दिए हैं, जिन्हें आईआईटी-आईआईएम-एम्स मिल रहा है, वो आज अपने उज्जवल भविष्य के लिए एनडीए पर भरोसा कर रहे हैं।
- जिन बहनों को पीने के पानी के संघर्ष से मुक्ति मिली वो एनडीए के पक्ष में वोट डाल रही हैं। जीवन भर धुएं में उलझती उन बहनों का वोट एनडीए के लिए है, जिनके घर में उज्जवला का सिलेंडर पहुंचा है।
- वो जीविका दीदियां, जो आज आत्मनिर्भर परिवार और आत्मनिर्भर बिहार की प्रेरणा बन रही हैं, वो एनडीए को ताकत दे रही हैं। घर-घर, स्कूल-स्कूल बने शौचालयों ने जिन बहनों-बेटियों को गरिमा दी, अंधेरे के इंतजार से मुक्ति दी, वो एनडीए की सरकार बना रही हैं।
- आज अगर हर आंकलन, हर सर्वे एनडीए की जीत का दावा कर रहा है तो उसके पीछे ठोस और मजबूत कारण है। आज एनडीए की फिर से सरकार हमारी माताएं-बहनें बना रही हैं जिनको हमारी सरकार, नीतीश सरकार ने सुविधाओं और अवसरों से जोड़ा है।
सत्ता और स्वार्थ की राजनीति करने वालों ने खूब भ्रम फैलाया
- एक तरफ एससी-एसटी का आरक्षण आने वाले 10 सालों तक बढ़ा दिया गया है तो वही, सामान्य वर्ग के गरीब बच्चों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण मिल चुका है। एक तरफ हमारे व्यापारी वर्ग के लिए राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड बनाया गया है, तो वही पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया है।
- युवाओं का विकास, उनका रोजगार, गरीबों, दलितों का, पिछड़ों का विकास, एनडीए सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र पर चलते हुए बिना भेदभाव, सभी को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया है।
- देश में चौतरफा हो रहे विकास के बीच, आप सभी को उन ताकतों से भी सावधान रहना है, जो अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए देशहित के खिलाफ जाने से भी बाज नहीं आतीं। ये वो लोग हैं जो देश के वीर जवानों के बलिदान में भी अपना फायदा देखने लगते हैं।
- देश के वीर जवानों, वीर बेटे-बेटियों के शौर्य और शूरता पर बिहार को, संपूर्ण देश को रत्तीभर भी संदेह नहीं रहा। लेकिन सत्ता और स्वार्थ की राजनीति करने वालों ने खूब भ्रम फैलाने की कोशिश की और आज वही लोग बिहार के लोगों के सामने आकर अपने लिए वोट मांग रहे हैं।
मां कहती थीं- घर के भीतर ही रहो, बाहर ‘लकड़सुंघवा’ घूम रहा है
- ये भी सच है कि बिहार के हजारों युवाओं का अलग-अलग कंपीटिशन की कोचिंग में, तैयारी में ऊर्जा, समय और पैसा दोनों लगता है। अब रेलवे, बैंकिंग और ऐसी अनेक सरकारी भर्तियों के लिए एक ही एंट्रेंस एग्जाम की व्यवस्था की जा रही है।
- बिहार की मिट्टी में हमेशा सामर्थ्य रहा है। हाल में ही बिहार की मिट्टी के सपूत, गोपालगंज से रिश्ता रखने वाले, वैवेल रामकलावन जी सेशेल्स देश के राष्ट्रपति चुने गए हैं। आज उनके ही क्षेत्र में आकर इस क्षेत्र के लोगों की तरफ से, भारत की तरफ से मैं उन्हें फिर बधाई देता हूं।
- रघुवंश बाबू, जिन्होंने हमेशा सोशलिस्ट मूल्यों को आगे बढ़ाया, अपना पूरा जीवन बिहार की सेवा में लगा दिया। उनको कैसे अपमानित किया गया, ये पूरे बिहार ने देखा है।
- बिहार के नौजवान याद करें कि बचपन में उनकी मां कहती थीं- घर के भीतर ही रहो, बाहर मत निकलना, बाहर ‘लकड़सुंघवा’ घूम रहा है। बच्चों की माताएं उन्हें लकड़सुंघवा से क्यों डराती थीं? उन्हें डर था अपहरण करने वालों से, किडनैपिंग करने वालों से।
छठ पूजा तक गरीबों को मुफ्त राशन मिलेगा
- दशकों तक गरीबों ने जिन सुविधाओं का इंतजार किया। जिनके लिए उन्हें न जाने कहां कहां चक्कर काटने पड़ते थे, वो अब उन्हें आसानी से मिल रहा है, हक से मिल रहा है।
- जिसकी नजर हमेशा गरीब के पैसों पर हो, उसे कभी गरीब का दुख, उनकी तकलीफ दिखाई नहीं देगी। वहीं भाजपा के नेतृत्व में, एनडीए का हमारा गठबंधन देश के गरीब के जीवन से, बिहार के गरीब के जीवन से मुश्किलें कम कर रहा है।
- कोरोना के काल में किसी मां को ये चिंता करने की जरूरत नहीं है कि छठ पूजा को कैसे मनाएंगे। अरे मेरी मां! आपने अपने बेटे को दिल्ली मैं बैठाया है, तो क्या वो छठ की चिंता नहीं करेगा! मां! तुम छठ की तैयारी करो, दिल्ली में तुम्हारा बेटा बैठा है। छठ पूजा तक गरीबों को मुफ्त राशन मिलेगा। मां तुम्हारा बेटा भूखा नहीं सोने देगा।
- दुनिया में आज कोई ऐसा नहीं है, जिसे कोरोना ने प्रभावित न किया हो, जिसका इस महामारी ने नुकसान न किया हो। एनडीए की सरकार ने कोरोना की शुरुआत से ही प्रयास किया है कि वो इस संकटकाल में देश के गरीब, बिहार के गरीब के साथ खड़ी रहे।
बिहार में एक तरफ डबल इंजन सरकार तो दूसरी तरफ डबल-डबल सरकार है
- 3-4 साल पहले यूपी के चुनाव में भी डबल-डबल युवराज बस के ऊपर चढ़कर लोगों के सामने हाथ हिला रहे थे। यूपी की जनता ने वहां उन्हें घर लौटा दिया था। वहां के एक युवराज अब जंगलराज के युवराज से मिल गए हैं। यूपी में जो हाल डबल-डबल युवराज का हुआ, वो ही बिहार में होगा।
- आज बिहार के सामने, डबल इंजन की सरकार है, तो दूसरी तरफ डबल-डबल युवराज भी हैं। उनमे से एक तो जंगलराज के युवराज भी हैं। डबल इंजन वाली एनडीए सरकार, बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, तो ये डबल-डबल युवराज अपने-अपने सिंहासन को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
- बिहार के लोगों को उनकी भावनाओं को ये लोग कभी समझ नहीं सकते। ये अपने परिवार के पैदा हुए हैं, अपने परिवार के जी रहे हैं, अपने परिवार के लिए ही जूझ रहे हैं। उन्हें न बिहार से कोई लेना देना है और न बिहार की युवा पीढ़ी से कोई लेना देना है।
मोदी को गाली दे दीजिए लेकिन बिहार की जनता पर गुस्सा मत करिए
- भाजपा के लिए, एनडीए के लिए आपका ये प्रेम कुछ लोगों को अच्छा नहीं लग रहा है, रात को उन्हें नींद नहीं आ रही है। कभी-कभी तो अपने ही कार्यकर्ताओं को मारकर फेंकते हैं। उनकी हताशा-निराशा, बौखलाहट, गुस्सा, अब बिहार की जनता बराबर देख रही है। चेहरे से हंसी गायब हो गई है।
- मुझे गाली देनी है दे दीजिए, ज कुछ कहना है कह लीजिए लेकिन बिहार की जनता पर गुस्सा मत करिए।
- पहले चरण के मतदान से साफ नजर आ रहा है कि नीतीश बाबू के नेतृत्व में एनडीए की सरकार दोबारा बन रही है। पहले चरण के मतदान में आपने एनडीए को जो भारी समर्थन के संकेत दिए हैं और जिन्होंने भी मतदान किया है, उनका मैं अभिनंदन करता हूं।
- चुनाव सभाएं हमने पहले भी देखी हैं, चुनाव में कितनी भी गर्मी आई हो, चुनाव कितना भी नजदीक क्यों न आ गया हो। तो भी सुबह 10 बजे से पहले इतनी बड़ी विशाल रैली कभी संभव नहीं होती।
राज्य में बनने वाली है एनडीए की सरकार
- प्रधानमंत्री मोदीने कहा कि कोरोना काल में मतदान को लेकर जारी धारणाओं को बिहार के लोगों ने गलत करार कर दिया। भारी संख्या में लोगो ने मतदान किया। राज्य में एनडीए की सरकार बनने वाली है। भाजपा के लिए, एनडीए के लिए आप लोगों का प्यार कुछ लोगों को रास नहीं आ रहा है।
पीएम मोदी बोले- आत्मनिर्भर बिहार के रास्ते में रोड़ा बनने वालों को लोकतांत्रिक तरीके से सबक सिखाएं
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लालू प्रसाद यादव के गढ़ छपरा में एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने भारत माता की जय के साथ अपने भाषण की शुरुआत की।