Home न्यूज आपदा को अवसर में बदलने के लिए पीएम मोदी ने प्रस्तुत की...

आपदा को अवसर में बदलने के लिए पीएम मोदी ने प्रस्तुत की आत्मनिर्भर भारत अभियान: राधामोहन सिंह

बिहार डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
पटना में आयोजित आत्मा योजना के अंतर्गत गठित किसान सलाहकार समिति की क्षमता संवर्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद, पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री सह प्रदेश प्रभारी उत्तर प्रदेश राधामोहन सिंह ने कहा इस वैश्विक कोरोना महामारी की परिस्थिति में आपदा को अवसर में बदलने के लिए देश के सर्वाधिक लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान की संकल्पना प्रस्तुत की गई। यह निसंदेह वह बहुत ही महत्वाकांक्षी है।

 

 

मेरा मानना है कि यह अभियान देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और आधुनिक भारत की पहचान बनेगा हमारे निर्भरता जब दूसरों पर कब होगी तो स्वदेशी उत्पादों को स्वाभाविक ही बढ़ावा मिलेगा और जब देश का पैसा देश में रहेगा तो आर्थिक उन्नति भी होगी। आज जैसी परिस्थितियां बनी है ऐसे में देश के सभी क्षेत्रों में विकास और आत्मनिर्भरता आवश्यक है और इनमें सबसे महत्वपूर्ण कृषि क्षेत्र है क्योंकि हमारे देश और विशेषकर अपने राज्य में अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है। इस तरह से कहे तो कृषि हमारे अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।

श्री सिंह ने कहा कि आज जब सारा विश्व कोरोना महामारी से प्रभावित है। हमारी अर्थव्यवस्था भी डगमगा गई है। सेवा और उद्योग क्षेत्र में निरंतर गिर रहे हैं। अनेकों लोगों को रोजगार चला गया है। इससे हमारा देश भी बहुत ही प्रभावित हुआ है। इस महा आपदा ने जहां एक ओर आर्थिक रूप से बड़े देशों को और उद्यमियों की कमर तोड़ दी है। ऐसी विपरीत परिस्थिति में भी कृषि क्षेत्र ऐसा है जो मजबूती से देश की अर्थव्यवस्था को सहारा दे रहा है। आज हमारे जीडीपी में कृषि का योगदान अधिक होता तो हमारा यह संकट भी कुछ कम हो सकता था। इसके पूर्व देश की अर्थव्यवस्था युद्ध जैसे संकटों से भी आसानी से उबर चुकी है क्योंकि उस समय हमारी जीडीपी में 50 प्रतिशत से भी अधिक योगदान हमारी कृषि का था आज भी 70 प्रतिशत से ज्यादा आबादी कृषि पर ही प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से निर्भर है।

वर्तमान में प्रधानमंत्री की घोषणा से कृषि क्षेत्र में नई आशा की है। प्रधानमंत्री ने देश की जीडीपी का 10 प्रतिशत यानी कि 20 लाख करोड़ रुपए के ऐतिहासिक आर्थिक पैकेज की घोषणा की। इसमें किसानों के कृषि सेक्टर के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए के एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की घोषणा की गई। आवश्यक वस्तु अधिनियम में ऐतिहासिक संशोधन कर खाद्य वस्तुओं को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाया गया। किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सुविधा के हिसाब से कृषि उत्पाद में बिचैलियों की भूमिका खत्म होने से किसानों को अपनी फसल का बेहतर मूल्य मिलेगा।

श्री सिंह ने कहा कि स्थानीय उपज से अलग-अलग उत्पाद की पैकिंग वाली चीजें बनाने के लिए उद्योग समूह बनाए जाएंगे। लोकल उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए जिले में उद्योग लगाए जाने की योजना है। 5 करोड़ डेयरी किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड अभियान की शुरुआत की गई। महिला सहायता समूह के लिए आजीविका के साधन के रूप में नर्सरी,हरा चारा ,फलदार प्रजापतियों के रोपन को बढ़ावा देने का प्रावधान,पशुपालन और डेयरी सेक्टर के लिए 15 हजार करोड़ रुपए का एक विशेष इंफ्रास्ट्रक्चर फंड बनाया गया। सरकार ने मधुमक्खी पालन के लिए 5 सौ करोड़ रुपए का आवंटन किया है।

उन्होंने कहा कि 20 हजार करोड़ रुपए की लागत से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत की गई। नाबार्ड के जरिए अतिरिक्त आपातकालीन कार्यशील पूंजी सुविधा के रूप में 30 हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे। कृषि क्षेत्र को 2 लाख का ऋण प्रोत्साहन देने के लिए मिशन मोड में अभियान चलाया जाना प्रस्तावित है। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम शुरु किया जाएगा, जिस पर 13 हजार 343 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। जिस तरह प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इस दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं कि कृषि क्षेत्र इसमें सबसे अधिक वृद्धि वाले सेक्टर में ना केवल सम्मिलित होगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा मजबूत और भरोसेमंद स्तंभ बनेगा।

 

Previous articleपूर्वी चंपारण में जोर-शोर से शुरू हुई कोराना वैक्सीनेशन की तैयारी, डीएम ने सदर अस्पताल में किया ड्राई रन का शुभारंभ
Next articleबाॅलीवुड अभिनेत्री कंगना ने देशद्रोह व अन्य मामलों में दर्ज कराया बांद्रा थाने में बयान, ट्वीट कर जताया अपना गुस्सा