मोतिहारी। आशोक वर्मा
6 फरवरी 1940 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस चम्पारण आये थे।
चंपारण के कई क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आजाद हिन्द फौज से जुडे थे।इस जिले मे मेहसी के वीरेश्वर आजाद मोतिहारी के देवीलाल साह,चांदमारी के जगन्नाथ प्रसाद सिंह, ढाका क्षेत्र के श्री ठाकुर के अलावा जिले मे गरम दल के काफी लोग उनके साथ समर्पण भाव से जुड़े थे ।इनमे कई उनकी सेना मे भी थे। महात्मा गांधी के आगमन के बाद चंपारण में जब स्वतंत्रता संग्राम का युद्ध काफी तेज हुआ तो इसकी लपट पूरे देश में गई और नेताजी को जब इसकी जानकारी मिली कि चंपारण के स्वतंत्रता सेनानी आजादी की लड़ाई में जी-जान से जुटे हुए है उसके बाद उनके फौजी संगठन की रूपरेखा चंपारण में बनी। 6 फरवरी 1940 में उनका आगमन चंपारण हुआ ।
अपने निजी सवारी से जब मुजफ्फरपुर से चंपारण जिले में प्रवेश किए तब उनका पहला ठहराव मेहसी के नागरिक पुस्तकालय में हुआ और वहां पर क्षेत्र के महान क्रांतिकारी रामअवतार शाह ,वीरेश्वर आजाद समेत अन्य क्रांतिकारियों से वे मिले और लौटते समय वहां के विजिटर बुक में उन्होंने अपना ओपिनियन भी लिखा। वहां से वे सीधे अपने परम क्रांतिकारी मित्र देवीलाल साह के मोतिहारी मिसकॉट स्थित आवास पर आए जहां उनका भोजन हुआ और इस जिले के क्रांतिकारियों के साथ उनकी एक बैठक भी हुई। बैठक के बाद उन्होंने मीना बाजार स्थित एक पार्क में सभा की और लोगों को संबोधित किया उस समय तक के उस पार्क का नाम उनके नाम पर नहीं था ,उस सभा के बाद उस पार्क का नामकरण सुभाष चंद्र बोस के नाम पर किया गया जो आज भी उसी नाम से जाना जाता है ।सभा करने के बाद वे वहां से बेतिया के लिए प्रस्थान कर किये ।
6 फरवरी 1940 मे नेता जी सुभाष चंद्र बोस चम्पारण जिले मे आये थे।मेहसी नागरिक पुस्तकालय के विजिटर रजिस्टर में उन्होंने अपना ओपिनियन लिखा था। वहां के बाद वे मोतिहारी मिस्कौट मुहल्ला स्थित महान स्वतंत्रता सेनानी देवीलाल साह के मकान में क्रांतिकारियों के साथ बैठक किए थे। आज भी वह मकान अपने मूल स्वरूप में नेताजी के यादगार को ताजा किए हुए है।