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अंतरराष्ट्रीय रेतकला उत्सव: मधुरेन्द्र ने दिखाई तमिलनाडु की संस्कृति जलीकट्टू, पर्यटकों का मन मोहा’

Neelkanth

मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
अंतरराष्ट्रीय कोणार्क फेस्टिवल अंतर्गत पर्यटन विभाग ओड़िसा सरकार द्वारा आयोजित 1 दिसंबर से शुरू हुए और पांच दिसंबर तक चलने वाले अंतराष्ट्रीय रेतकला उत्सव के दूसरे दिन बिहार के चंपारण के लाल मशहूर युवा रेत कलाकार मधुरेन्द्र ने उड़ीसा के कोणार्क में स्थित चंद्रभागा बीच पर अपनी रेत कला का जलवा बिखेरा है।

इनकी कला को देख अभिभूत हुये पदमश्री सुदर्शन पटनायक ने अन्यास बोल उठे- वाह मधुरेन्द्र! योर वर्क इज वेरी ब्यूटीफुल। बता दंे कि उत्सव के दूसरे दिन भी सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने बालू की रेत पर तमिलनाडु की जलीकट्टू संस्कृति को उकेरी है। यह संस्कृति तमिलनाडु में मशहूर हैं। इसमें इंसान और साढ़ के बीच लड़ायी होती हैं। ओडिशा के चंद्रभागा समुन्द्र तट पर रेत से बनी यह कलाकृति कोविड-19 का पालन करने वाले पर्यटकों के बीच काफी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। भारी संख्या में लोग इसे देखने के लिए आ रहे हैं। गौरतलब हो कि सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र हमेशा से कुछ अलग अंदाज में अपनी कलाकारी का जलवा दिखा कर लोगों के बीच रहते हैं। मौके पर उत्सव को देखने के लिए सैकड़ो की तादाद में अंतराज्यीय पर्यटकों व स्थानीय महिलाओं व पुरुषों भारी संख्या उपस्थित रहती हैं।

 

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