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निरक्षर व्यस्कों के लिए शुरू हुआ प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम के बदले अब पढ़ना-लिखना अभियान, बुनियादी साक्षरता लक्ष्य

पीपराकोठी। एक संवाददाता
असाक्षर व्यस्कों को साक्षर बनाने के लिए केंद्र प्रायोजित प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम के बदले अब पढ़ना-लिखना अभियान शुरू किया गया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए यह तत्काल प्रभाव लागू किया गया है। वर्ष 25 तक 15 वर्ष से अधिक आयु वाले सारे असाक्षर वयस्कों को इस योजना से जोड़ कर बुनियादी साक्षरता प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित है। इस संदर्भ में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बीईओ को पत्र लिख कर 31 दिसम्बर तक सभी तैयारी पूर्ण करने का आदेश निर्गत किया है।

 

15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के असाक्षर इस कार्यक्रम के लक्ष्य समूह हैं। एससी महिला, एसटी, अल्पसंख्यक व अन्य वंचित कमजोर तबका को प्राथमिकता दी जाएगी।
ये होगी शिक्षण अवधिरू एक वर्ष में तीन सत्र चलाये जाएंगे। प्रत्येक सत्र में शिक्षण अवधिक चार महीनों की होगी व लगभग 120 घंटों का शिक्षण कार्य होगा। शिक्षण कार्य का समय व स्थल शिक्षुओं की सुविधानुसार तय किये जाएंगे। ये सत्र मई-अगस्त, सितंबर- दिसंबर और जनवरी अप्रैल होंगे। शिक्षुओं की साक्षरता का मूल्यांकन एनआईओएस द्वारा सितंबर, जनवरी व मई में किया जाएगा।
एक वर्ष में तीन बार होगी परीक्षारू बताया जाता है कि एनआईओएस शिक्षुओं को बुनियादी साक्षरता स्तर पर मूल्यांकन के लिए परीक्षा होगी। वर्ष में मई सितंबर व जनवरी माह तीन बार परीक्षा ली जाएगी। परीक्षा के लिए गांव व शहर में केंद्र बनाये जाएंगे। लिखने पढ़ने के लिए 100 अंक तो गणित के लिए 50 अंक निर्धारित किया गया है।

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