
पीपराकोठी। राजेश कुमार सिंह
किसानों की गायें अब उनकी पसंद से बछिया को ही जन्म देगी। इस कार्य को क्षितिज तक पहुंचाने के लिए ब्राजील के सहयोग से बनी पीपराकोठी का पशु प्रजनन उत्कृष्ट केंद्र बनकर तैयार हो गया है। जिसका उद्घाटन जनवरी में होगा। केविके प्रमुख डॉ.अरबिंद कुमार सिंह ने बताया कि इस केंद्र में देसी नस्ल की गायों के संवर्धन पर शोध किए जाएंगे। व देसी नस्ल की गाय की सीमेन को क्रॉस करा उत्कृष्ट नस्लों का अनुसंधान किया जाएगा। वहीं सिर्फ बछिया उत्पादित करने की तकनीक से श्वेत क्रांति को जिले में गति दी जाएगी।
ब्राजील से हुआ था समझौताः पूर्व केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह के साहसिक प्रयास से देसी नस्लों के गायों के विकास के लिए ब्राजील से ऐतिहासिक समझौता वर्ष 18 में किया गया था। जिसके तहत पीपराकोठी में पशु प्रजनन उत्कृष्ट केंद्र का निर्माण हुआ है। ब्राजील इस केंद्र को तकनीक व दुग्ध उत्पादन में वॄद्धि का अपना अनुभव साझा करेगा। उससे जिले में दुग्ध क्रांति आएगी। देसी नस्लों में दुग्ध व प्रजनन क्षमता में बेतहाशा वृद्धि होगी।
जिसमें अत्याधुनिक इन विट्रो फर्टिलाइजेशन लैब टेस्ट बेबी ट्यूब का निर्माण हुआ है। जिसमें उत्कृष्ट आनुवांशिक क्षमता युक्त सौ गायों के लिए शेड, 150 रेसीपीएन्ट गायों को रखने के लिए शेड, अत्याधुनिक प्रशिक्षण केंद्र, जीनोमिक लैब का निर्माण किया गया है।
क्या है तकनीक
इसे सेक्स सीमेन तकनीक कहा जाता है। इसके तहत गाय के अंदर सांड का वीर्य निषेचित करने से पहले सांड के वीर्य से वाई क्रोमोजोम को पूरी तरह से अलग कर दिया जाता है। जिसके वजह से सिर्फ बाछियों का ही जन्म होगा, बछडे पैदा नहीं होंगे।किसी भी नर का जन्म तभी हेाता है जब एक्स और वाई क्रोमोसोम एक साथ मिलते हैं।