बिहार डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
स्वास्थ्य विभाग ने निजी एम्बुलेंस का किराया तय कर दिया है। ऐसा इसलिए किया गया है कि कोरोना जैसी आपदा में एंबुलेंस संचालक बेजा फायदा न उठा सके। तय भाड़ा से अधिक लेने पर कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख डॉ. नवीन चंद्र प्रसाद ने किराया निर्धारण सम्बन्धी आदेश जारी कर दिया।
आदेश के अनुसार स्वास्थ्य विभाग और परिवहन विभाग की समिति ने विस्तृत समीक्षा के बाद निजी एम्बुलेंस का किराया निर्धारित किया है। इसका उल्लंघन करने वालों पर बिहार आपदा नियंत्रण कोविड 19 कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। एम्बुलेंस संचालक पर एफआईआर कराई जाएगी। उसे जेल भेजा जा सकता है या जुर्माना लगाया जा सकता है या दोनों सजा हो सकती है। इन एम्बुलेंस में लाइफ सपोर्ट सिस्टम, जीवन रक्षक दवाएं एवं प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी उपलब्ध होने चाहिए।
बिहार में मात्र 400 एंबुलेंस ही हैं फिलहाल पंजीकृत
बिहार में लगभग 400 एंबुलेंस ही पंजीकृत हैं। ये ऐसी गाड़ियां हैं जिसे कंपनी एंबुलेंस के तौर पर ही बनाती हैं। इन पंजीकृत एम्बुलेन्स में पशुओं को ढोने वाली गाड़ियां भी हैं। वहीं ऐसी गाड़ियां जो बोलेरो या अन्य को एंबुलेंस के रूप में परिवर्तित किया जाता है, उसे दूसरी श्रेणी के तौर पर परिवहन विभाग पंजीकृत करता है। दूसरी श्रेणी में पंजीकरण होने के कारण उसमें से एंबुलेंस की पहचान मुश्किल हो जाती है। गाड़ी चालक इसी का फायदा उठाते हैं। जांच अभियान में अगर कभी एंबुलेंस की जांच होती है तो वह दूसरी श्रेणी में अपने आप को पंजीकृत बता कर बच निकलते हैं।
किस वाहन का कितना किराया
वाहन – 50 किमी तक – 50 किमी से अधिक पर
छोटी कार (सामान्य) – 1500 – 18 रुपये प्रति किमी
छोटी कार (एसी) – 1700 – 1 8 रुपये प्रति किमी
बोलेरोध्सूमोध्मार्शल (सामान्य) – 1800 – 18 रुपये प्रति किमी
बोलेरोध्सूमोध्मार्शल (एसी) – 2100 – 18 रुपये प्रति किमी
मैक्सीध्सिटी राइडरध्विंगरध् टेम्पो – 2500 – 25 रुपये प्रति किमी (14-22सीट)
जाइलोध्स्कॉर्पियोध्क्वालिसध्टवेरा (एसी) – 2500 – 25 रुपये प्रति किमी