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मोतिहारी में तामझाम के बीच छतौनी चैक से शुरू हुआ अतिक्रमण हटाओ अभियान, चला प्रशासन का बुलडोजर

-सिर्फ उजाड़ने से नहीं चलेगा काम, होनी चाहिए ठोस व स्थायी निदान की व्यवस्था

मोतिहारी। अशोक वर्मा
मोतिहारी शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान आरंभ किया गया। जिला प्रशासन द्वारा एक सप्ताह से ध्वनि विस्तारक यंत्र द्वारा पूरे शहर में प्रसारित किया गया और आगाह भी किया गया कि अभियान 8 दिसंबर से आरंभ होगा। कहा गया कि लोग अपनी-अपनी दुकानों के सामने का अतिक्रमण हटा ले वरना अतिक्रमण उजाड़ने में जो भी खर्च आएगा उसे वह राशि उस दुकान या घरवालों से वसूला जाएगा ,लेकिन इसका बहुत असर नहीं हुआ।

भारत बंद के कारण 8 की जगह 9 तारीख से नगर के अति व्यस्त छतौनी चैक से अभियान का शुभारंभ भारी पुलिस बल के साथ किया गया । गौरतलब है छतौनी चैक पायल सिनेमा के पास की सडकें भी काफी चैड़ी थी, लेकिन अतिक्रमण के कारण काफी संकीर्ण हो गई थी। चैक के दोनों बगल लगभग 20 -20 फीट का अतिक्रमण ठेला खोमचा एवं कर्कट शेड गिरा कर कर लिया गया था। अतिक्रमण मुक्त होने के बाद सडके पुराने स्वरूप मे दिखने लगी, लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह भी है कि सैकड़ों दैनिक मजदूर जो ठेला खोमचा वालों का रोजी-रोटी छीना भी गया। प्रशासन द्वारा इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई और कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी उनके लिए नहीं हुई। होना यह चाहिए था कि उन लोगों के लिए सरकारी भूमि पर सस्ते दर पर तैयार मकान उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था जिला प्रशासन को कर देनी चाहिए थी ।

सिर्फ उजाड़ने से नहीं चलेगा काम

सिर्फ इस उजाडो अभियान के बाद नहीं ,बल्कि प्रतिवर्ष सर्वे के अनुसार उपलब्ध आंकड़े को ध्यान में रखते हुए सरकारी जमीन पर दुकान निर्माण करके रोजी-रोटी की व्यवस्था होनी चाहिए थी। लाॅकडाउन के बाद काफी संख्या में मजदूर महानगरों से अपने घर वापस लौटे हैं और वह जीविकोपार्जन के लिए सड़कों के किनारे छोटे-मोटे दुकान करके अपने घर का खर्च चला रहे थे। ठंड के मौसम में अतिक्रमण अभियान आरंभ हुआ है यह तो ठीक है ,लेकिन जिस गलत परंपरा को आगे बढ़ाने में प्रशासन से लेकर सरकारी कर्मी अपना योगदान देते रहे हैं और वे दैनिक उगाही करते रहे हैं, इस गलत कार्य के लिए उनके ऊपर भी प्रशासन को कड़ाई से पेश आना चाहिए। अतिक्रमण बार-बार नहीं हो इसके लिए भी प्रशासन की ओर से दैनिक फाइन की व्यवस्था होनी चाहिए। नगर परिषद के सदस्यों पर भी जिम्मेदारी रहनी चाहिए। संबंधित एरिया के थानेदार के ऊपर भी प्रशासन द्वारा फाइन करने की व्यवस्था अतिक्रमण होने की हालत में होनी चाहिये।अगर ऐसा कानून बन जाए तो भविष्य में उजडने और बसने की परंपरा समाप्त हो जाएगी।

अतिक्रमण हटाओ अभियान के लिए तय समयसीमा

09.12.2020 छतौनी चैक से ढाका जाने वाली पथ में एवं छतौनी चैक से उप
विकास आयुक्त के आवास तक।
10.12.2020 छतौनी चैक से छत्तीनी थाना तक।
11.12.2020 छतौनी चैक से मधुबन छादनी चैक तक।
4 14.12.2020 मीना बाजार चैक से जानपुल चैक तक।
15.12.2020 मीना बाजार चैक से जानपुल चैक तक।
15.12.20201 मीना बाजार से नगर थाना तक।
17.12.2020 नगर थाना से स्टेशन तक।
18.12.20201 स्टेशन से चैदमारी चैक तक।
19.12.2020 चांदमारी चैक से बलुजा चैक होते हुए राजाबाजार तक।
20.12.2020 राजाबाजार से कचहरी चैक होते हुए बरियारपुर तक।

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