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अतिक्रमण हटाओ में उजड़े परिवार के पुनर्वास की व्यवस्था करे जिला प्रशासन, बैठक में उठी यह मांग, जताया गया आक्रोश

मोतिहारी। अशोक वर्मा
ठंड के मौसम में नगर के हजारों फुटपाथ दुकानदार एवं झोपड़ियों को प्रशासन द्वारा उजाड़ दिया गया है। जिला प्रशासन इस कार्य को लगातार अंजाम देने में लगा है और बड़े ही बेरहमी से सभी गरीब तबके के लोगों को खुले आकाश के नीचे रहने को विवश होना पड़ रहा है। प्रशासन द्वारा सभी अतिक्रमणकारियों को उजाड़ने की बातें कही जा रही है, लेकिन गाज गिर रही है सिर्फ गरीबों पर । उक्त बातें नगर के महावीर मंदिर प्रांगण में आयोजित झुग्गी-झोपड़ी वाले उजड़े परिवार वालों की सभा को संबोधित करते हुए प्रखर नेता विनोद श्रीवास्तव ने कही। कहा कि इनकी सुधि लेने वाला कोई नही है।

 

इस मानवीय त्रासदी के समय किसी भी राजनीतिक दल वालों ने इनकी सुधि नहीं ली है । एक गैर राजनीतिक संगठन बनाकर के चंद संवेदनशील लोगों ने तमाम उजडे लोगों को गोलबंद करने में कामयाबी हासिल की है। इनलोगो ने न सिर्फ उन सभी लोगों के घर-घर जाकर उनके इस दुख की घड़ी में सुधी ली, बल्कि न्याय दिलाने का आश्वासन भी दिया और खुले आकाश के नीचे जो रह रहे हैं, उन लोगो को सांत्वना भी दी।

कहा कि सरकारी कानून के तहत आप लोगों को सुविधाएं मैं दिलवाने का प्रायास करूंगा। उसी कड़ी में नरसिंह बाबा मन्दिर मैदान मे एक महती सभा का आयोजन विनोद श्रीवास्तव के प्रयास से संपन्न हुआ, जिसमें समाज के ऐसे लोगों ने भी अपनी भागीदारी देकर सभी को सम्बोधित किया जो कभी एक जुझारू कार्यकर्ता के रूप में अपनी पहचान पहले बनाई है। उसी कड़ी में वरीय अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह ,प्रमिला भगत, अमर प्रसाद, उमेश बैठा एवं शेख मोहम्मद हाशिम थे। विनोद श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में जिला प्रशासन को चेतावनी दी कि केंद्र सरकार के द्वारा यह बार-बार कहा जा रहा है कि शहरी गरीबों के पुनर्वास की व्यवस्था करनी है तथा उन्हें हर तरह से सरकारी ऋण दिलाने की भी सुविधा है ,लेकिन इन तमाम बातों को ताक में रखकर जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमणकारियों को बड़े ही बेरहमी के साथ उजाड़ दिया गया । उनके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की गई जबकि शहर में काफी जमीन सरकार की खाली पड़ी हुई है ।

नाले के ऊपर भी छोटे-छोटे दुकान बनाकर उनको रोजगार का स्थाई समाधान किया जा सकता है। काफी सरकारी अवासीये जमीन खाली है, उस पर भी उन लोगों को प्लॉटिंग करके बसाया जा सकता है, ऋण भी मुहैया कराई जा सकती है , लेकिन इन तमाम बातों को अनदेखा किया गया है और जिला प्रशासन ने कहीं से भी उन लोगों की कोई सुधी नहीं ली है। यहां तक कि कोई बात सुनने को तैयार भी नहीं है, ना ही कोई उनके कष्ट को हरने के लिए किसी तरह का आश्वासन भी देने को तैयार है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए विनोद श्रीवास्तव ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर इनके लिए पुनर्वास की व्यवस्था नहीं की जा रही है तो संपूर्ण जिले में एक बहुत बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा और जिला प्रशासन के ऊपर इसकी सारी जिम्मेदारी आएगी। शेख मोहम्मद हाशिम ने अपने संबोधन में कहा कि आज शहर में जितने भी राजनीतिक दल वाले हाथ जोड़कर वोट मांगे हैं मुसीबत के समय में कोई भी गरीबों के हाल-चाल समझने के लिए भी नहीं आ रहा है और आज तमाम उजड़े हुए गरीब मजदूर खुले आकाश के नीचे कड़ाके की ठंड में रात गुजार रहे हैं, यह कहीं से भी मानवीय नहीं है ।संविधान पर सरकार चलती है और संविधान के तहत ही जिला प्रशासन को सरकारी आदेश का पालन भी करना है, लेकिन उसी कानून के तहत पुनर्वास करने की व्यवस्था है और इन लोगों के लिए प्रशासन को व्यवस्था करनी है। देश अभी गुलाम भी नहीं है। हम लंबे समय से आजादी का जश्न मनाते आ रहे हैं,लेकिन ऐसा लगता है कि आजादी सिर्फ अमीरों के लिए है गरीबों के लिए ना तो कहीं कोई सरकार है और न तो नहीं कोई प्रशासन ही है।

 

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