Home न्यूज मोतिहारी में दलित साहित्य अकादमी ने मनाया 71वां संविधान दिवस समारोह

मोतिहारी में दलित साहित्य अकादमी ने मनाया 71वां संविधान दिवस समारोह

Neelkanth

मोतिहारी। अशोक वर्मा
भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा नगर के कुमारी देवी चैक के पास संचालित महात्मा फुले संस्थान में 71 वें संविधान दिवस समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष किरण राम ने की ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार प्रदेश दलित साहित्य अकादमी के अध्यक्ष जगाराम शास्त्री ने अपने संबोधन में कहा कि बहुत ही कठिन परिस्थिति में भारत के संविधान का निर्माण बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में किया गया। संविधान निर्माण करने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगा और 26 नवंबर को इसे राष्ट्र के लिए उन्होंने समर्पित कर दिया । आज भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान माना जाता है । बाबा साहब ने संविधान के द्वारा पूरे देशवासियों को समानता का अधिकार दिया ।उंच नीच के भेदभाव को समाप्त कर दिया। आज देश में जो विकास हो रहा है , उसका आधार भारत का संविधान हीं है। पूरा विश्व भारत के संविधान का आज लोहा मानता है । भारत में अनेकता होते हुए भी आज एकता के सूत्र में बंधा हुआ है और इसका सारा श्रेय संविधान निर्माता बाबा साहब को जाता है ।कहा कि आज हमें सिर्फ अपने संविधान पर गर्व करके नहीं बैठ जाना है, बल्कि संविधान से हमें जो मौलिक अधिकार मिले हैं हमें उन अधिकारों को जमीन पर उतारने में भी अपना पूरा योगदान देना होगा। आम लोगों के अंदर जागरूकता लाना होगा ।संविधान में जितनी बातें लिखी गई है उन सभी बातों की जानकारी आम गरीब ,दलित, उपेक्षित और पिछड़े लोगों को देनी होगी नहीं तो कानून तो बनते हैं लेकिन जमीन पर उतारने में काफी कठिनाई होती है ,और आम लोग कानूनी लाभ से वंचित रह जाते हैं। बाबा साहब ने तो सभी दलितों के लिए तमाम संवैधानिक अधिकार और सुविधाएं उपलब्ध कराई, कहीं भेदभाव नहीं रखा आज हमें उस कानून को लागू कराने के लिए समाज में सभी लोगों को शिक्षित करना होगा। जो लोग अभी भी अशिक्षित रह गए है,उनमे जब तक शिक्षा का प्रसार प्रचार नहीं होगा तब तक कानून का सदुपयोग वे नहीं कर पायेंगे और उससे लाभान्वित नहीं हो पाएंगे।महात्मा फुले संस्थान की अध्यक्षा अलीशा सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि विशेष गुण और योग्यता के कारण बाबा साहब आज पूरे विश्व में पूजे जा रहे हैं, हमें भी उनका अनुसरण करना होगा ।संचालन करने के दौरान कार्यकारी अध्यक्ष मनोज अकेला ने बड़े ही गर्मजोशी से कहा कि बाबा साहब हमारे लिए मसीहा बनकर आए और उन्होंने हमें वह शक्ति दी जो भारत में आम लोगों को मिली हुई है। हमें अपनी शक्ति को समझना होगा, उसका एहसास करना होगा क्योंकि हमारे अधिकारों और शक्ति को छीनने के लिए देश में एक बड़ा वर्ग आज भी तत्पर है, लेकिन संविधान के द्वारा बाबा साहब ऐसे बांधे हुए हैं कि वे लोग चाहकर भी हमारा कुछ भी बिगाड़ नहीं पाएंगे। श्रीअकेला ने कहा कि किसी भी देश के लिए उस देश का संविधान सर्वोच्च होता है, और बाबा साहेब ने देश को जो महान संविधान दिया उसके लिए वे हमेशा अमर रहेंगे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गोपाल राम ने कहा कि संविधान ने सबको बराबरी का दर्जा दिया है और यह संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है । कार्यक्रम को संबोधित करने वालों में शंभू राम, प्रेमचंद्र प्रभाकर अधिवक्ता, मोहम्मद हसन इमाम, खेदु प्रसाद, रंजीत ठाकुर, मुकेश कुमार आदि थे ।धन्यवाद ज्ञापन करते हुए मोहम्मद चांद विद्रोही ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर हमेशा अमर रहेंगे, देश के विकास के साथ अंबेडकर का नाम जुड़ा हुआ है। बाबा साहब ने जो गाइडलाइन दिया संविधान बना कर दिया उसी के बदौलत देश आज भी एकता के सूत्र में बंधा हुआ है।

 

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