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देश में फिर बढ़ने लगी कोरोना की रफ्तार, पिछले 24 घंटे में 3377 नए मामले आए सामने

नेशनल डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
देश में पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना संक्रमण के 3,377 नये मामले सामने आये हैं जबकि इसी दौरान 2,496 कोरोना संक्रमितों को डिस्‍चार्ज किया गया है. कोरोना संक्रमण की वजह से देश में और 60 लोगों की मौत हुई है. सबसे ज्‍यादा कोरोना संक्रमण के मामले राजधानी दिल्ली से सामने आ रहे हैं. यहां फिर कोविड केस एक हजार से ज्‍यादा आये हैं. इस बीच लोगों को डर सता रहा है कि कही ये चौथे लहर की आहट तो नहीं है.

कोरोना वायरस टेस्ट
इधर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (प्ब्डत्) ने जानकारी दी है कि भारत में 28 अप्रैल को कोरोना वायरस के लिए 4,73,635 सैंपल टेस्ट किये ये हैं. अबतक तक कुल 83,69,45,383 सैंपल टेस्ट किये जा चुके हैं.

दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,490 नए मामले, दो और मरीजों की मौत
दिल्ली में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगभग नौ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और 1,490 मामले सामने आये. स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि महामारी से दो और मरीजों की मौत हो गई जबकि संक्रमण की दर 4.62 प्रतिशत दर्ज की गई. राष्ट्रीय राजधानी में लगातार सातवें दिन संक्रमण के एक हजार से ज्यादा दैनिक मामले सामने आये. बुलेटिन के अनुसार, कुल मामले बढ़कर 18,79,948 हो गए और मृतकों की संख्या 26,172 पर पहुंच गई. बुधवार को शहर में 32,248 नमूनों की जांच की गई.

हरियाणा में कोरोना वायरस संक्रमण के 580 नये मरीज
हरियाणा में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 580 नये मरीज मिले और इनमें से 473 संक्रमित सिर्फ गुरुग्राम के हैं. राज्य सरकार के दैनिक स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, फरीदाबाद जिले में संक्रमण के 65 नए मामले सामने आये. बुलेटिन में कहा गया कि राज्य में अभी कोविड-19 के 2,215 मरीज उपचाराधीन हैं जिसमें से 1,548 गुरुग्राम के और 506 फरीदाबाद के हैं. पिछले कुछ सप्ताह के दौरान, दिल्ली की सीमा से सटे गुरुग्राम और फरीदाबाद में संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है.

दिल्ली में कोविड के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन स्थिति गंभीर नहीं
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने गुरुवार को कहा कि राजधानी में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि हुई है, लेकिन हालात गंभीर नहीं हैं क्योंकि लोग गंभीर रूप से बीमार नहीं हो रहे हैं और अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की दर कम है. उन्होंने अस्पताल में मरीजों के भर्ती होने की दर के पीछे वैक्‍सीनेशन और स्वाभाविक रूप से हासिल रोग प्रतिरोधक क्षमता को जिम्मेदार बताया. मंत्री ने यह भी कहा कि बच्चों में कोविड संक्रमण के मामलों को लेकर घबराने की आवश्यकता नहीं है.

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