
बिहार डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
तीन चरणों में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के मतदान के बाद मतगणना मंगलवार को होगी। एग्जिट पोल में विपक्षी महागठबंधन को बढ़त मिलती दिखी है और ऐसे में कांग्रेस ने मतगणना के दौरान गड़बड़ी की आशंका जताते हुए अपने नेताओं से स्ट्रॉन्गरूम पर कड़ी निगाह बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेताओं से कहा है कि सभी 38 जिलों में वह अपने नियत स्थान पर रहें और स्ट्रॉन्गरूम में रखी जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर नजर बनाए रखें। बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम के लिए लगभग सभी एग्जिट पोल में राजद नीत महागठबंधन की जीत का अंदेशा लगाया गया है।
एग्जिट पोल के नतीजों से अभिभूत कांग्रेस ने पार्टी महासचिव रणदीप सुरजेवाला और अविनाश पांडे समेत कई वरिष्ठ नेताओं को पटना भेजा है। इस कदम के पीछे पार्टी का उद्देश्य सहयोगियों के साथ उचित समन्वय बनाए रखना और संभवतरू चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद अपने विधायकों को संगठित रखना है।
इसके साथ ही, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय, झारखंड की मंत्री बन्ना गुप्ता, राजस्थान के दो मंत्री- राजेंद्र यादव और रघु शर्मा के साथ पंजाब में विधायक गुरकीरत सिंह कोटली भी पटना में ही डेरा जमाए हुए हैं। बिहार में कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता राजेश राठौर ने सोमवार को यह जानकारी दी।
राजद (राष्ट्रीय जनता दल) के साथ कांग्रेस और सीपीआई, सीपीआई (एम) और सीपीआई (एमएल) इस महागठबंधन का हिस्सा हैं। एग्जिट पोल में राजद कांग्रेस और इसके सहयोगियों की सीटों में बढ़त होने का भी अनुमान लगाया गया है। एग्जिट पोल के नतीजों ने एक तरीके से नीतीश कुमार की सरकार पर संकट ला दिया है।
उधर, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के मीडिया पैनलिस्ट और एमएलसी प्रेम चंद्र मिश्रा ने ऐसी रिपोर्ट को खारिज किया है कि पार्टी सभी जिलों में मतगणना और नव निर्वाचित विधायकों पर नजर रखने के लिए हर जिले में पर्यवेक्षकों की तैनात कर रही है। उन्होंने कहा कि इसे गलत तरीके से लिया जा रहा है।