Home न्यूज वैज्ञानिक-किसान मिलन समारोह का समापन, प्रतिकूल मौसम में वैकल्पिक खेती पर बल

वैज्ञानिक-किसान मिलन समारोह का समापन, प्रतिकूल मौसम में वैकल्पिक खेती पर बल

पीपराकोठी। राजेश कुमार सिंह
प्रतिकूल मौसम में वैकल्पिक खेती उत्पादन आर्थिक दृष्टिकोण से बेहतर है। उक्त बातें केविके प्रमुख डॉ.अरबिंद कुमार सिंह ने केविके में आयोजित वैज्ञानिक-किसान मिलन समारोह में कही।

 

कार्यक्रम आत्मा के सौजन्य से आयोजित की गई थी। कहा कि सीमांत किसानों के लिए यह आवश्यक है कि धान के अलावा वैकल्पिक खेती अवश्य करें। जो पानी की कम मात्र होने पर भी अच्छी उपज दे सकते हैं।
कार्यक्रम के अंतिम दिन का समापन आत्मा के परियोजना निदेशक रणबीर सिंह व केवीके प्रमुख डॉ.अरविंद कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम में किसानों को वैकल्पिक खेती, मधुमक्खी पालन व मशरूम उत्पादन के लिए भी प्रेरित किया गया व उसके गुर सिखाया गया। इस कार्यक्रम में जिले के सभी प्रखंडो के पांच-पांच किसानों ने भाग लिया। वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को कृषि के आधुनिक व नवीनतम तकनीकों की जानकारी दी गई। किसानों की समसामयिक समस्याओं का समाधान किया गया। जलवायु परिवर्तन के कारण खेती पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव से निपटने के लिए वैकल्पिक खेती के तरीकों व खेती के साथ-साथ आय के वैकल्पिक साधनों को अपनाने के संबंध में जानकारी दी गई। मौके पर केवीके वैज्ञानिक नेहा पारिक, पीपी महतो, राजेश्वर सिंह, आत्मा के सभी एटीएम, बीटीएम व सैकड़ों किसान मौजूद थे।

उर्वरक अनुज्ञप्ति प्रमाण पत्र का हुआ वितरण
कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में पंद्रह दिवसीय समेकित पोषण प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ। प्रशिक्षणोपरांत उर्वरक अनुज्ञप्ति प्रमाण पत्र वितरण किया गया। जिसके माध्यम से प्रतिभागियों उर्वरक बिक्री के लाइसेंस के योग्य हो जाएंगे।समापन समारोह की अध्यक्षता केविके प्रमुख डॉ.अरविंद कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिया गया।
उन्होंने मशरूम उत्पादन, जैविक खाद, मधुमक्खी पालन, मिश्रित खेती आदि विषयों पर प्रकाश डाला। मौके पर कार्यक्रम समन्वयक मृदा वैज्ञानिक डॉ. आशीष राय, कृषि वैज्ञानिक डा अंशु गंगवार, मनीष कुमार, आनन्द कुमार, मौषम वैज्ञानिक नेहा पारीक, डॉ.नीलम कुमारी, डॉ.शैलेंद्र रजक, गौरव कुमार व आनन्द कुमार सहित अन्य उपस्थित रहे।

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