Home न्यूज एम्स व एयरपोर्ट के लिए चंपारण विकास संघर्ष मोर्चा ने एक बार...

एम्स व एयरपोर्ट के लिए चंपारण विकास संघर्ष मोर्चा ने एक बार फिर फूंका आंदोलन का बिगुल, जोश में दिखे ये 71 वर्षीय योद्धा

मोतिहारी। अशोक वर्मा
आंदोलन पुरुष राय सुंदर देव शर्मा एक बार फिर हवाई अड्डा एवं एम्स की मांग को लेकर के जंगे मैदान में कूद पड़े हंै। जयप्रकाश नारायण की तरह 71 वर्ष की उम्र में नए विषय को लेकर जिले में उन्होने आंदोलन का बिगुल फूंक दिया। चंपारण विकास संघर्ष मोर्चा एक बार फिर फुल फॉर्म में आ गया । लगभग एक दशक पूर्व मोर्चा ने महात्मा गांधी चंपारण केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए जोरदार आंदोलन चलाकर केंद्र सरकार को झुकने को विवश किया था और मोतिहारी में न सिर्फ केंद्रीय विश्वविद्यालय लाया बल्कि उसका नामकरण भी चंपारण के नाम से हुआ। यह सब आंदोलन के कारण ही हुआ था ।

राय सुन्दर देव शर्मा के साथ चम्पारण मे 1974 छात्र आंदोलन के नेतृत्व का भी इतिहास रहा है। उसमें इनके नेतृत्व मे आंदोलन परवान चढ़ा था । काफी यातनाएं सहनी पड़ी थी। लंबे समय तक ये जेल भी रहे थे। जूझारु और समझौता परस्त नही होने से इन्हें राजनीतिक पद नहीं मिल पाया।

इन्होंने संघर्ष का रास्ता ही चुना। लगातार स्थानीय मुद्दों पर इनका आंदोलन जारी रहा और सभी आंदोलन का नेतृत्व इनके द्वारा ही किया गया। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय की मांग पूरी हुई ,जो दूसरी सफलता इनको हाथ लगी। जब यहां विश्वविद्यालय की घोषणा हुई तब काफी गाजे-बाजे हाथी घोड़ा गाड़ी के साथ शहर में खुशी का जश्न मनाते हुए जुलूस निकला था।

एक बार फिर सुंदर देव शर्मा ने नगर वासियों के आग्रह पर आंदोलन का नेतृत्व थाम लिया है। मोतिहारी में हवाई अड्डा निर्माण के साथ एम्स निर्माण की मांग को लेकर रविवार को एक आवश्यक बैठक बुलाई गई थी। बैठक मे निर्णय लिया गया कि केंद्रीय विश्वविद्यालय मांग की तरह एक फिर जोरदार आंदोलन चलाया जाए।यह आंदोलन भी चरण बद्ध लगातार होता रहेगा ।

उसी कड़ी में यह भी निर्णय हुआ कि 9 अगस्त क्रांति दिवस के दिन शौर्य स्तंभ द्वार पर एक विशाल धरना का आयोजन किया जाएगा। उस आंदोलन के बाद फिर आगे की रणनीति तय की जायेगी। बैठक में जदयू के प्रदेश सचिव अमरेदर सिंह ने भी भाग लिया और उन्होंने भी मांग का पुरजोर समर्थन किया। श्री कृष्णा सिंह महिला महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य पर्यावरणविद डॉक्टर रत्नेश आनंद भी इस आंदोलन से जुड़े। इसके अलावा जिले के जुझारू कैप्टन हामिद भी अपना जोरदार समर्थन दिया ।

इसके साथ बैठक में जिले के वैसे-दर्जनो आंदोलनकारी शामिल हुए जो लोग किसी न किसी मोर्चे पर कहीं ना कहीं व्यवस्था के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहे हैं। इसलिए ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि नेतृत्व के लिए जब सुंदर देव शर्मा की स्वीकृति मिल गई और वे खुद कूद पड़े तो ऐसा अनुमान लगाया जा रहा हैं कि लंबे समय से हवाई अड्डा और एमस दोनों मांगे जब तक पूरी नहीं होगी मोतिहारी और प्रशासन के लोग चैन से नहीं बैठेंगे।

Previous articleसीएम का जनता दरबारः पत्रकार की पत्नी ने लगाई सीएम नीतीश से न्याय की गुहार-हुजूर, मेरे पति को साजिशन हत्या में फंसाया गया
Next articleहंसी-ठहाकेः चल तो रहे हो, मायके, मगर…मगर लड़ना मत, वो मेरे पापा का घर