
बिहार डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
कोरोना काल में बिहार बोर्ड परीक्षाओं के लिए विशेष गाइड लाइन्स जारी की गई है। बिहार बोर्ड इंटर प्रायोगिक परीक्षा में फेस कवर भी लगाना होगा। परीक्षा नौ जनवरी से आयोजित होगी। इसके लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
इंटर की प्रायोगिक परीक्षा के दौरान छात्रों को सोशल डिस्टेसिंग के साथ-साथ फेस कवर भी लगाना होगा। बिहार बोर्ड ने प्रायोगिक परीक्षा के लिए सभी स्कूलों के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है। दिशा-निर्देश की मानें तो प्रायोगिक परीक्षा केंद्र पर छात्रों को मास्क पहन कर जाना होगा। पटना जिला शिक्षा कार्यालय ने इसकी जानकारी सभी परीक्षा केंद्रों को भेज दी है। दिशा निर्देश के अनुसार ही सोशल डिस्र्टेंसग पर प्रैक्टिकल परीक्षा ली जायेगी। हर केंद्र पर छात्रों को उनके रौल नंबर के अनुसार बुलाया जाना है। छात्रो का एलॉटमेंट घंटे के अनुसार किया जाना है। जिससे छात्रों के बीच सोशल डिस्र्टेंसग रखी जा सके।
प्रैक्टिकल परीक्षा शुरू होने के पहले करें सेनेटाइज रू प्रैक्टिकल परीक्षा शुरू होने पहले शिक्षक और छात्रों को हैंड सेनेटाइज किया जाना है। परीक्षा शुरू होने के पहले लैब को भी सेनेटाइज किया जाना है। डीईओ ज्योति कुमार ने बताया कि सभी छात्र को रूमाल लेकर आना है। अगर प्रयोग के समय छींक और खांसी होगी तो मुंह और नाक पर रूमाल रखना है। इंटर प्रैक्टिकल परीक्षा नौ से 18 जनवरी तक होगी। पटना जिले में 50 हजार के लगभग छात्र प्रैक्टिकल परीक्षा में शामिल होंगे।
सावधान की ये गलतियां तो न हो पाएंगी काॅपी की जांच
मैट्रिक और इंटर वार्षिक परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को स्कूल द्वारा यह निर्देश दिया जा रहा है। बिहार बोर्ड द्वारा मैट्रिक और इंटर के प्रश्न पत्र पर ओएमआर सीट पर व्हाइटनर, ब्लेड, इरेजर, जेलपेन आदि इस्तेमाल ना करने की जानकारी दी जाती है। छात्रों को पढ़ने का निर्देश दिया जाता है। ज्यादातर छात्र उसे पढ़ते नहीं हैं। वस्तुनिष्ठ प्रश्न के उत्तर देने में छात्र अक्सर ब्लेड, व्हाइटनर और जेल पेन का इस्तेमाल करते हैं। इससे छात्रों को नुकसान होता है। उनके ओएमआर की जांच कंप्यूटर पर करने में काफी दिक्कतें होती हैं।
बिना निर्देश पढ़े उत्तर देना करते हैं शुरू
प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए 15 मिनट का समय दिया जाता है। लेकिन इस दौरान छात्र प्रश्न पत्र पढ़ने के बदले वस्तुनिष्ठ प्रश्न देखने लगते हैं। इससे वो निर्देश नहीं पढ़ते हैं। इसका खामियाजा छात्र को उत्तर देने में भुगतना पड़ता है। यह गलती कोई एक छात्र नहीं बल्कि कई छात्र करते हैं। इसको देखते हुए फिर एक बार बिहार बोर्ड द्वारा अभी से छात्रों को ओएमआर सीट भरने के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
व्हाइटनर, ब्लेड का इस्तेमाल ओएमआर पर ना करें। जेल पेन से ओएमआर सीट को नहीं भरें। अगर कोई छात्र यह गलती करेगा तो उनके कॉपी जांच नहीं हो पाएगी, क्योंकि कंप्यूटर ऐसे ओएमआर को स्वीकार नहीं कर पायेगा।
परीक्षा हॉल में ऐसा करते हैं छात्र
परीक्षा के दौरान वीक्षक द्वारा ऐसे ओएमआर पकड़ में आते हैं, जिस पर व्हाइटनर, ब्लेड का इस्तेमाल किया हुआ रहता है। राजधानी के कई परीक्षा केंद्र पर उत्तर बदलने के लिए छात्रों द्वारा ब्लेड, इरेजर, व्हाइटनर आदि का इस्तेमाल किया जाता है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक शिक्षक ने बताया कि छात्र छुपा कर अपने पास व्हाइटनर आदि रखे रहते हैं। जब ओएमआर शीट जमा होती है तो पता चलता है। वहीं, एक शिक्षक ने बताया कि इरेजर, ब्लेड से उत्तर को बदलते हैं।