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जेल से फोन करने का मामला, भाजपा विधायक ललन पासवान ने पटना में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

Neelkanth

बिहार डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव द्वारा जेल से फोन करने का मामला गरमाने लगा है। भाजपा विधायक ललन पासवान ने गुरुवार को पटना में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर में पासवान ने लालू यादव पर भ्रष्टाचार और घूस देने का आरोप लगाया है। इसके पूर्व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में जेल में फोन का इस्तेमाल करने पर याचिका दायर कर दी गई। भाजपा नेता अनुरंजन अशोक की ओर से लालू के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि लालू जेल से फोन का इस्तेमाल कर सरकार का गिराने का काम कर रहे हैं।

याचिका में आगे कहा गया है कि ये जेल नियमों का उल्लंघन है और जेल प्रशासन और सरकार उन्हें किस नियम के तहत यह सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं, इसकी जांच होनी चाहिए। वहीं झारखंड के जेल महानिरीक्षक वीरेंद्र भूषण ने लालू प्रसाद यादव द्वारा बिहार के पीरपैंती क्षेत्र से भाजपा विधायक ललन पासवान को कथित तौर पर फोन किए जाने के मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
बता दें कि फोन पर हुई इस कथित बातचीत में लालू यादव ललन पासवान को बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के दौरान अनुपस्थित रहने और महागठबंधन सरकार बनने पर बदले में मंत्री पद का लालच देते हैं। अनुपस्थित होने के लिए लालू पासवान को कोरोना वायरस संक्रमित होने का बहाना बनाने की बात भी कहते सुनाई देते हैं।

जांच रिपोर्ट आने पर होगी कार्रवाई
भूषण ने बताया कि इस मामले में उन्होंने रांची स्थित बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारागार के अधीक्षक और रांची के उपायुक्त एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद नियमसंगत कार्रवाई की जाएगी।

हिरासत में फोन या मोबाइल उपयोग अवैध
भूषण ने कहा कि हिरासत में फोन या मोबाइल का उपयोग अवैध है। ऐसे में यदि यह मामला सच साबित होता है तो पहले यह पता लगाया जाएगा कि मोबाइल फोन लालू प्रसाद के पास पहुंचा कैसे और इसके लिए कौन दोषी है? उन्होंने कहा कि न्यायिक हिरासत से किसी भी तरह की राजनीतिक बातचीत जेल नियमावली का उल्लंघन है। ऐसे में इस ऑडियो के सही साबित होने पर जेल नियमावली के अनेक प्रावधानों के तहत कार्रवाई संभव है।

रांची जिला प्रशासन की जिम्मेदारी
महानिरीक्षक ने हालांकि स्पष्ट किया कि जब सजायाफ्ता कैदी इलाज के लिए किसी अस्पताल में भर्ती होता है तो उसकी सुरक्षा और उसके द्वारा जेल नियमावली का पालन कराने की जिम्मेदारी स्थानीय जिला प्रशासन की होती है और लालू के मामले में यह जिम्मेदारी रांची जिला प्रशासन की है।

पांच दर्जन सुरक्षाकर्मी हैं तैनात
उल्लेखनीय है कि लालू की सुरक्षा और देखरेख में रिम्स में पांच दर्जन से अधिक सुरक्षाकर्मी और अधिकारी तैनात हैं, फिर भी उन पर लगातार जेल के नियमों के उल्लंघन के आरोप लगते रहे हैं। जेल महानिरीक्षक ने कहा कि मूल जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होने के बावजूद जेल प्रशासन ने अपनी तरफ से मामले की जांच के आदेश दिए हैं और शीघ्र ही इसमें रिपोर्ट आ जाने की संभावना है।

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