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बोली सरकार, देश के सभी लोगों को कोरोना टीकाकरण की आवश्यकता नहीं, घटी संक्रमण की दर

Neelkanth

नेशनल डेस्क। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
देश में कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने राहत भरी खबर दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बताया कि देश में 11 नवंबर को पॉजिटिविटी रेट 7.15 फीसदी थी और 1 दिसंबर को यह घटकर 6.69 फीसदी हो गई है, जो कि देश के लिए अच्छी खबर है।

उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह औसत दैनिक पॉजिटिविटी दर 3.72 फीसदी थी। दुनिया के सभी बड़े राष्ट्रों में, भारत में प्रति मिलियन मामले सबसे कम हैं। पिछले 7 दिनों के रुझान से पता चलता है कि यूरोपीय देशों में कोरोना के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है।
वहीं सीरम संस्थान में वैक्सीन परीक्षण दौरान हुई गलती के बारे में पूछे जाने पर बताया कि इससे वैक्सीन की तय समय सीमा पर कोई असर नहीं होने वाला है। वैक्सीन सही समय पर देश में उपलब्ध होगी।
उन्होंने कहा कि भारत में ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी क्लिनिकल ट्रायल को लेकर एक निगरानी समिति बनाई गई है जो कि किसी भी तरह की प्रतिकूल घटना पर निगरानी रख रही है। उन्होंने कहा कि यह घटना सिर्फ भारत में ही नहीं अन्य देशों में भी होती है।

स्वास्थ्य सचिव ने आगे कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि सरकार ने कभी भी पूरे देश में टीकाकरण की बात नहीं की है। यह महत्वपूर्ण है कि हम ऐसे वैज्ञानिक मुद्दों पर चर्चा करें जो केवल तथ्यात्मक जानकारी के आधार पर हो। उन्होंने कहा कि जब भी क्लिनिकल ट्रायल शुरू होती है तो पहले ही प्रतिकूल घटनाओं के मद्देनजर एक हस्ताक्षर ली जाती है और यह अन्य देशों में भी होती है।

वहीं आईसीएमआर के डीजी डॉ बलराम भार्गव ने बताया कि वैक्सीन कितने लोगों को दी जाएगी यह उत्पादन पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि अगर हम लोग कोरोना संक्रमण के चेन को तोड़ देते हैं तब हमलोगों को पूरी आबादी को टीकाकरण करने की आवश्यकता नहीं होगी।

 

ऑक्सफोर्ड वैक्सीन पर क्या बोली सरकार?

सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई जा रही ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन के विपरीत प्रभाव के हालिया आरोपों पर सरकार ने कहा कि इससे टीके की समयसीमा पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सरकार ने कहा कि शुरुआती निष्कर्षों के आधार पर ऑक्सफोर्ड कोविड-19 टीके के परीक्षण को रोकने की आवश्यकता नहीं थी। बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ने भी वॉलेंटियर के इन आरोपों को मंगलवार को खारिज कर दिया था। कंपनी ने इस टीके को पूरी तरह सुरक्षित और रोग प्रतिरोधक बताया है। कंपनी ने एक ब्लॉग में लिखा, ”हम हर किसी को इस बात का आश्वासन देना चाहते हैं कि टीके को तब तक आम लोगों के इस्तेमाल के लिए जारी नहीं किया जाएगा जब तक इसके रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से स्थापित नहीं हो जाती।”

रोजाना हो रहीं साढ़े दस लाख कोरोना जांचें

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में रोजाना साढ़े दस लाख कोरोना की जांच की जा रही है। मंत्रालय ने कहा, ”औसतन 10,55,386 कोविड-19 जांच रोज की गई हैं और नवंबर में औसतन 43,152 मामले रोज सामने आए हैं। देश में अब तक 14.13 करोड़ कोविड-19 जांचें की गई हैं। संक्रमित होने की दर 11 नवंबर को 7.15 प्रतिशत थी जो एक दिसंबर को 6.69 फीसदी रह गई। वहीं, भारत में बीते सात दिन में प्रति 10 लाख की आबादी पर कोरोना वायरस के 211 मामले और दो मौतें दर्ज की गई है।

 

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