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पुलिस की कार्यशैली से नाराज मृत आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल के परिजनों ने सड़क पर खाट रख लगाया जाम, सीएम को बुलाने की मांग

मोतिहारी। यूथ मुकाम न्यूज नेटवर्क
मोतिहारी में आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल हत्याकांड के तीन माह बीतने के बाद भी आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होने व मामले में पुलिस की कार्यशैली से असंतुष्ट परिजनों ने दूसरी बार अरेराज -छपवा सड़क को जाम कर दिया। मृतक विपिन के परिजन लगातार मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग पर अड़े थे। आरटीआई कार्यकर्ता की पत्नी मोनिका देवी, पुत्र रोहित अग्रवाल सहित सहित परिजन इंसाफ की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। परिजनों ने सड़क पर खाट लगाकर सड़क को जाम कर दिया है। सड़क जाम से सड़क के दोनों किनारे वाहनों की लंबी कतार लग गयी है। हरसिद्धि थाना पुलिस द्वारा समझाने के बावजूद परिजन लगातार मुख्यमंत्री के बुलाने के मांग पर अड़े रहे। जबकि हरसिद्धि पुलिस पहुचंकर जाम हटवाने के प्रयास में जुटी रही
परिजनों का आरोप है कि उनके घर पर पूर्व में हुए हमले का आरोपित उच्च न्यायालय से जमानत खारिज होने के बावजूद गिरफ्तार नहीं किया जा रहा। ना तो पुलिस हत्यारोपितों की गिरफ्तारी कर रही है। ना ही अदालत को चार्जशीट सौंप रही है। घटना के तीन माह गुजरने के बाद भी अपराधियो व साजिशकर्ता पर करवाई नही करने को लेकर पुलिस से भरोसा उठ चुका है। परिजन कह रहे कि सरकार की करोड़ों की जमीन खोजकर निकलने के लिए उसके पति की हत्या कर दी। उसी आरटीआई के मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए प्रशासन तीन माह से दौड़ा रहा है। परिजन तीन माह बाद सड़क जाम की घोषणा करने और सौ रुपया देने पर दौड़ाते दौड़ाते मृत्यु प्रमाणपत्र देने एक रोज पहले देने की बात बता रहे है।

यह है पूरा मामला

24 सितंबर 2021 को हरसिद्धि बाजार की करोड़ों की सरकारी जमीन के अबैध कब्जा हटाने को लेकर दिनदहाड़े प्रखण्ड गेट के पास आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल को बाइक सवार अपराधियो द्वारा गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गयी थी। परिजनों द्वारा अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध हरसिद्धि थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गयी थी। घटना के बाद एसपी नवीन चन्द्र झा द्वारा गठित एसआईटी टीम ने दो अपराधियो को हथियार के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। गिरफ्तार अपराधियो द्वारा इस घटना में बड़ी खुलासा किया गया था।

वही घटना के तीन माह गुजरने के बाद भी बाकी अपराधियो व साजिशकर्ता की हत्या नही हो सका। पुलिस सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार अपराधियों ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया था कि हरसिद्धि बाजार की कई एकड़ सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए विपिन आधे दर्जन मुकदमा लड़ रहे थे। कुछ की सुनवाई हुई थी, कुछ का फैसला आना बाकी था। इसी कारण 20 लाख में कई सफेदपोशो द्वारा सुपारी देकर हत्या करवाई गई थी।

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